रेलवे और टेलीकॉम मिनिस्टर अश्विनी वैष्णव ने कहा है कि Mappls में काफी अच्छे फीचर्स हैं और लोगों को इसे ट्राई करना चाहिए. आपको बता दें कि Mappls गूगल मैप्स का स्वदेशी राइवल है. लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि MapmyIndia की शुरुआत गूगल मैप्स से भी पहले हो गई थी.
स्वदेशी इंस्टैंट मैसेजिंग ऐप Arattai के बाद अब स्वदेशी नेविगेशन ऐप Mappls सुर्खियां बटोर रहा है. इसे गूगल मैप्स के भारतीय चैलेंजर के तौर पर देखा जा रहा है. हमने Mappls की पेरेंट कंपनी MapmyIndia के को-फाउंडर और चेयरमैन राकेश वर्मा से बातचीत की.
अमेरिका छोड़ भारत शिफ्ट हुए और बना दिया स्वदेशी नेविगेशन
MapmyIndia के को-फाउंडर और चेयरमैन राकेश वर्मा ने हमें बताया कि उन्होंने MapmyIndia की शुरुआत गूगल मैप्स से भी पहले कर दी थी. राकेश वर्मा और उनकी पत्नी पहले अमेरिका में रहते थे. वो खुद जनरल मोटर्स में काम करते थे, जबकि उनकी वाइफ IBM में थीं. अमेरिका छोड़ कर भारत आए और बना दिया स्वदेशी नेविगेशन प्लेटफॉर्म.
राकेश वर्मा ने AajTak Tech को दिए एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में कहा कि Mappls पूरी तरह भारतीय सिस्टम पर बेस्ड है और डेटा लोकली स्टोर किया जाता है. उन्होंने ये भी साफ कहा, ‘हम यूज़र्स का डेटा किसी विज्ञापन या कमर्शियल यूज़ के लिए नहीं बेचते. यही हमें बाकी कंपनियों से अलग बनाता है’
MapmyIndia की जर्नी, 30 साल पुरानी कहानी..
MapmyIndia की शुरुआत लगभग 30 साल पहले, यानी 1995 में हुई थी. राकेश वर्मा करीब 12 साल अमेरिका में रहने के बाद 90s में भारत लौटे और अपने विजन पर काम शुरू किया.
वो बताते हैं कि 1995 में उनका मानना था कि डिजिटल मैप्स नेक्स्ट बिग थिंग हो सकते हैं. ये आइडिया राकेश और उनकी पत्नी दोनों का था. तब से लेकर अब तक दोनों साथ में इस विजन को चला रहे हैं. वर्मा ने बताया, ‘हमें अंदाजा था कि आने वाले वक्त में हर डेटा में लोकेशन जुड़ा होगा. उसी जरूरत को पूरा करने के लिए MapmyIndia की शुरुआत की’
Google Maps से भी पहले बनी थी भारत की अपनी मैप कंपनी
कहानी दिलचस्प है. Google Maps दरअसल शुरू में Google का नहीं था. इसे ऑस्ट्रेलिया में लार्स और जेन्स नाम के दो भाइयों ने बनाया था. शुरुआत में ये सिर्फ एक C++ डेस्कटॉप प्रोग्राम था. अक्टूबर 2004 में गूगल ने इसे खरीदा और 2005 में वेब ऐप के रूप में लॉन्च किया.
वहीं दूसरी तरफ MapmyIndia की कहानी 1995 में ही शुरू हो गई थी, यानी गूगल मैप्स से पूरे 10 साल पहले.
राकेश वर्मा का मानना है कि गूगल की मोनॉपली की वजह से तमाम स्मार्टफोन्स में इनबिल्ट Google Maps दिया जाता है, जिससे Mappls को बराबर मौका नहीं मिलता. उन्होंने कहा, ‘अगर सरकार चाहे तो स्मार्टफोन कंपनियों को PLI स्कीम के तहत मैंडेट देकर Mappls को एक ऑप्शन के तौर पर शामिल किया जा सकता है’
फीचर फोन में भी चलेगा Mappls!
राकेश वर्मा ने बताया कि कंपनी अब फीचर फोन्स में Mappls सर्विस देने पर काम कर रही है. आने वाले समय में ऐसे फोन में भी Mappls चलेगा जो स्मार्टफोन नहीं हैं, ताकि गांवों और छोटे कस्बों में भी लोग स्वदेशी नेविगेशन ऐप का फायदा उठा सकें.
भारत की कारों में पहले से मौजूद है MapmyIndia
कम लोग जानते हैं कि MapmyIndia सिर्फ एक ऐप नहीं बल्कि कई कार कंपनियों के साथ पार्टनरशिप में काम करने वाली लिस्टेड कंपनी है. देश में बिकने वाली करीब 80% कनेक्टेड कार्स में इनबिल्ट नेविगेशन सिस्टम MapmyIndia का ही होता है.
शुरुआत में लावा और माइक्रोमैक्स जैसी कई मोबाइल कंपनियां MapmyIndia से नेविगेशन सर्विस खरीदा करती थीं, लेकिन जब गूगल मैप्स स्मार्टफोन्स में डिफॉल्ट आने लगा, तो कंपनियों ने खरीदना बंद कर दिया. इसके बाद MapmyIndia ने कार मैन्युफैक्चरर्स के साथ पार्टनरशिप कर ली और बैकएंड में मैप सर्विस देना शुरू किया.
Google की मोनॉपली सबसे बड़ा रोडब्लॉक!
राकेश वर्मा ने बताया कि गूगल का इकोसिस्टम बहुत मजबूत है और उसकी मोनॉपली की वजह से Mappls को सेटबैक मिला. एंड्रॉयड स्मार्टफोन्स से लेकर WhatsApp तक, हर जगह Google Maps डिफॉल्ट मिलता है. वर्मा कहते हैं, ‘दूसरे देशों में यूजर्स को अपनी पंसद का मैप चुनने का ऑप्शन मिलता है, लेकिन भारत में ये सुविधा नहीं है. हम चाहते हैं कि यहां भी लोगों को मैप्स चुनने का ऑप्शन मिलना चाहिए’
उदाहरण के तौर पर WhatsApp में किसी ने आपको लोकेशन भेजी है और नेेविगेशन करना चाहते हैं कि तो बाइ डिफॉल्ट गूगल मैप्स ओपन होता है. यहां पर भी मैप सर्विस चुनने का ऑप्शन मिलना चाहिए.
Arattai में मिलेगा Mappls?
Zoho का चैटिंग ऐप Arattai काफी पॉपुलर हो रहा है. राकेश वर्मा ने कहा कि Arattai में फिलहाल डिफॉल्ट Google Maps ही है, लेकिन वो चाहते हैं कि कंपनी Mappls को डिफॉल्ट मैप के तौर पर रखे. हालांकि उन्होंने ये भी कहा कि अगर यूजर को वहां पर भी गूगल मैप्स और Mappls का ऑप्शन मिलेगा तो ये भी अच्छी बात होगी.
PM मोदी से मुलाकात के बाद बदली कहानी
वर्मा ने बताया कि पहले भारत में मैपिंग को लेकर पॉलिसी बहुत सख्त थी. 2020 में वो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिले, और 2021 तक सरकार ने नेविगेशन पॉलिसी आसान कर दी. उसी साल कंपनी का IPO आया और MapmyIndia लिस्टेड कंपनी बन गई.
Google को 1000 करोड़ का झटका, फिर भी हालात जस के तस
गौरतलब है कि 2022 में CCI (Competition Commission of India) ने Google पर 1000 करोड़ का जुर्माना लगाया, लेकिन राकेश वर्मा का कहना है कि जमीनी हालात अब भी नहीं बदले हैं. कई अलग अलग मुकदमे गूगल पर चल रहे हैं जिनमे एक ये भी है कि गूगल प्ले स्टोर की पॉलिसी के जरिए अपनी मार्केट डॉमिनेंस का फायदा उठाता है. उन्होंने कहा, ‘हम प्रीलोड नहीं कर सकते, जबकि Google डिफॉल्ट है. हमें बराबरी का मौका चाहिए’
अश्विनी वैष्णव की अपील , ‘लोग ट्राई करें स्वदेशी Mappls’
IT मिनिस्टर अश्विनी वैष्णव ने कहा है कि Mappls में कई शानदार फीचर्स हैं और लोगों को इसे जरूर ट्राई करना चाहिए. सरकार भी अब ऐसे स्वदेशी डिजिटल प्रोडक्ट्स को बढ़ावा देने की दिशा में आगे बढ़ रही है.
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