वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन ने सोमवार को हेल्थ एडवाइजरी जारी कर भारत में पहचाने गए तीन ‘जहरीले’ कफ सिरप के इस्तेमाल को लेकर चेतावनी दी है. संगठन ने सभी अधिकारियों से अपील की कि यदि इन दवाओं के बारे में अपने देश के अंदर पता चलता है तो इस बारे में तुरंत स्वास्थ्य एजेंसी को जानकारी दें. डब्ल्यूएचओ ने कहा कि ये दवाएं खासकर बच्चों के लिए गंभीर और जानलेवा बीमारियां पैदा कर सकती हैं.
डब्ल्यूएचओ के अनुसार, प्रभावित दवाएं श्रीसन फार्मास्यूटिकल्स की कोल्ड्रिफ (स्पेसिफिक बैच), रेडनेक्स फार्मास्यूटिकल्स की रेस्पिफ्रेश टीआर और शेप फार्मा की रेलाइफ है. इनमें कफ सिरप में जहरीला केमिकल डाइएथिलीन ग्लाइकॉल (DEG) की मात्रा अनुमत सीमा से कई गुना अधिक पाई गई है.
मानक से ज्यादा थी DEG की मात्रा
इन कफ सिरप में DEG की मात्रा तय मानकों से लगभग 500 गुना ज्यादा थी. डीईजी एक औद्योगिक सॉल्वेंट है जो किडनी फेलियर, न्यूरोलॉजिकल जटिलताओं और मौत का कारण बन सकता है.
एजेंसी ने कहा कि जहरीले उत्पाद गंभीर खतरा पैदा करते हैं तथा गंभीर, संभावित रूप से खतरा पैदा करने वाली बीमारी का कारण बन सकते हैं. इन जान भी जा सकती है.
WHO ने जोर देकर कहा कि भारत हेल्थ अथॉरिटी सीडीएससीओ ने विश्व स्वास्थ्य संगठन को बताया कि मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में कथित तौर पर इन कफ सिरप का पांच साल से कम उम्र के बच्चों ने सेवन किया था, जिससे उनकी मौत हो गई.
US नहीं भेजे गए जहरीले सिरप
WHO के अनुसार सीडीएससीओ ने स्पष्ट किया कि इन जहरीली दवाओं का भारत से कोई निर्यात नहीं हुआ है और अवैध निर्यात का कोई सबूत नहीं है. अमेरिकी फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एफडीए) ने शुक्रवार को पुष्टि की कि ये सिरप अमेरिका नहीं भेजे गए. फिर भी डब्ल्यूएचओ ने अनियमित चैनलों से निर्यात की संभावना पर चेतावनी दी है.
वहीं, घटना के बाद भारतीय सरकार ने त्वरित कदम उठाए और कोल्डरिफ बनाने वाली तमिलनाडु आधारित श्रीसन फार्मास्यूटिकल्स का मैन्युफैक्चरिंग लाइसेंस रद्द कर कंपनी के मालिक को गिरफ्तार कर लिया. इसके बाद प्रशासन ने चेन्नई में फैस्लिटी को सील कर दिया. गुजरात की रेडनेक्स फार्मास्यूटिकल्स और शेप फार्मा की रेस्पिफ्रेश टीआर तथा रेलाइफ को बिक्री से वापस बुला लिया गया. दोनों कंपनियों को सभी दवाओं का उत्पादन रोकने का आदेश दिया गया. शेप फार्मा के मालिक को भी गिरफ्तार किया गया.
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