आगामी बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर लोक जनशक्ति पार्टी (राम विलास) के अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि वे 100 प्रतिशत सीट जीतने के लक्ष्य के साथ मैदान में हैं और यह सिर्फ राजनीति नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक विश्वास और संकेतों का परिणाम है. इस दौरान उन्होंने बिहार में ‘M-Y’ समीकरण को लेकर भी अपना नजरिया बताया.
चिराग पासवान ने न्यूज एजेंसी ANI से बातचीत में कहा, “मैं मैनिफेस्टेशन (manifestations) में विश्वास रखता हूं और आध्यात्मिक रूप से जुड़ा हुआ हूं. मुझे इन संकेतों पर भरोसा है. यह सिर्फ एक संयोग नहीं हो सकता कि तमाम चर्चाओं और बातचीत के बाद मेरी पार्टी 29 सीटों पर चुनाव लड़ रही है. मेरे पिता राम विलास पासवान जी ने भी अपने समय में 29 सीटों पर ही चुनाव लड़ा था.”
सीमा सिंह का पर्चा खारिज होने पर कही ये बात
उन्होंने बताया कि एक सीट को लेकर निर्वाचन आयोग से चर्चा चल रही है, क्योंकि सीमा सिंह नाम की उम्मीदवार के नामांकन पत्र तकनीकी गलती के चलते खारिज कर दिए गए हैं. उन्होंने कहा, “यह पूरी तरह से मानवीय त्रुटि थी, कोई राजनीतिक वजह नहीं. हम इस पर कानूनी विकल्प तलाश रहे हैं.”
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‘पूरे NDA के लिए 100% स्ट्राइक रेट का लक्ष्य’
चिराग पासवान ने कहा कि वे सिर्फ अपनी पार्टी नहीं बल्कि पूरे एनडीए गठबंधन (NDA) की जीत सुनिश्चित करने में जुटे हैं. उन्होंने कहा, “मैं अपनी पार्टी के साथ-साथ पूरे गठबंधन के लिए मेहनत कर रहा हूं ताकि बिहार में एनडीए को 100 प्रतिशत सफलता मिले. जनता का भरोसा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और हमारे गठबंधन पर कायम है.”
महागठबंधन पर कसा तंज
चिराग ने विपक्षी महागठबंधन (RJD-Congress-Left) पर निशाना साधते हुए कहा कि जब वे अपनी सीटों और उम्मीदवारों को लेकर ही भ्रम में हैं, तो जनता के विकास के मुद्दों पर क्या काम करेंगे? उन्होंने कहा, “अगर महागठबंधन अपने भीतर की गुटबाजी और भ्रम दूर नहीं कर पा रहा, तो वे बिहार के विकास की योजना कैसे बना सकते हैं? जनता यह सब देख रही है और इस बार भी एनडीए के साथ है.”
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि वे नतीजों को लेकर पूरी तरह आशावादी हैं और यह मानते हैं कि संघर्ष, विश्वास और सकारात्मक सोच से ही बड़ी जीत हासिल होती है.
‘M’ का मतलब महिला, ‘Y’ का मतलब युवा: चिराग
‘बिहार फर्स्ट–बिहारी फर्स्ट’ और राजनीति में युवाओं की भूमिका के बारे में पूछे जाने पर चिराग पासवान ने कहा, “जब मैं ‘बिहार फर्स्ट–बिहारी फर्स्ट’ की बात करता हूं तो इसका मतलब है समग्र विकास, जो कि अन्य युवा नेताओं से अलग है. अन्य नेता सिर्फ युवा की बात करते हैं लेकिन उन्हें जाति के नजरिए से देखते हैं. वे मुस्लिम युवाओं को अलग और यादव युवाओं को अलग देखते हैं.
उन्होंने कहा कि जब मैं ‘M-Y समीकरण’ की बात करता हूं तो ‘M’ का मतलब है महिलाएं और ‘Y’ का मतलब है युवा. मेरा मानना है कि दोनों समान समस्याओं का सामना करते हैं. मैं ‘बिहार फर्स्ट–बिहारी फर्स्ट’ के विचार के साथ आगे बढ़ रहा हूं, जिससे हम ‘विकसित बिहार’ बनाने की दिशा में प्रगति कर सकें.”
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