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डॉक्टर कपल, करोड़ों का घर और रहस्यमय मौत… 6 महीने बाद ‘डॉक्टर डेथ’ की खूनी साजिश का पर्दाफाश! – bengaluru doctor murder case mahendra kritika reddy anesthesia poison opnm2


कुछ समय पहले की बात है. कश्मीर की वादियों में एक जोड़ा कैमरे के सामने मुस्कुरा रहा था. वेडिंग से पहले का प्री-वेडिंग शूट था. दो दिलों की नई शुरुआत, जो हमेशा के लिए यादगार बनने वाली थी. लेकिन ठीक एक साल के भीतर ही उस जोड़े में से एक अब इस दुनिया में नहीं था. दूसरा पुलिस की गाड़ी में झुका सिर लिए बैठा था. ये कहानी बेंगलुरु के डॉक्टर कपल डॉ. महेंद्र रेड्डी और डॉ. कृतिका रेड्डी की है. 

एक जनरल सर्जन और दूसरी त्वचा रोग विशेषज्ञ. दोनों की मुलाकात मेडिकल सर्कल में हुई थी और परिवारों की रजामंदी से 24 मई 2024 को शादी हुई. शादी में पैसा, रुतबा और प्यार सब था. लड़की के पिता ने अपनी बेटी और दामाद को बेंगलुरु के पॉश इलाके में 3 करोड़ रुपए का घर गिफ्ट किया था. लेकिन इस घर की दीवारों में एक साल के भीतर खामोशी और मौत की गंध भर गई, जिसकी परिणति भयानक थी.

डॉक्टर कपल की शादी के 11 महीने बाद, 24 अप्रैल 2025 की सुबह. डॉ. महेंद्र रेड्डी ने अपने ससुराल और रिश्तेदारों को फोन कर बताया कि कृतिका बेहोश है. वो उसे लेकर अस्पताल जा रहे हैं.. लोग भागे-भागे पहुंचे. अस्पताल में पता चला कि 28 वर्षीय कृतिका की मौत हो चुकी है. डॉक्टरों ने बताया कि उनकी मौत नींद में हुई. कृतिका पहले से गैस्ट्रो, ब्लड प्रेशर और कुछ हेल्थ कॉम्प्लिकेशंस से जूझ रही थीं. 

Krithika Reddy Murder Case

फिर भी इतनी कम उम्र में अचानक मौत ने सभी को हैरान कर दिया. अस्पताल ने नियम के मुताबिक लोकल पुलिस को जानकारी दी. एक मेडिकल लीगल केस दर्ज हुआ. डॉ. महेंद्र रेड्डी और उनके परिवार ने यही कहा कि कृतिका बीमार थी. उसकी मौत प्राकृतिक है. पुलिस ने जब पोस्टमार्टम की बात की, तो सबसे पहले महेंद्र ने उसका विरोध किया. उन्होंने खुद के पेशे का हवाला देते हुए ऐसा करने से मना कर दिया.

डॉ. महेंद्र रेड्डी ने कहा, ”मैं सर्जन हूं, अपनी पत्नी की कंडीशन जानता हूं, पोस्टमार्टम की जरूरत नहीं.” यहां तक कि कृतिका के पिता भी मान गए कि चीरफाड़ की कोई जरूरत नहीं है. लेकिन कृतिका की बड़ी बहन अड़ गईं. उन्होंने कहा, ”बिना पोस्टमार्टम सच्चाई कैसे पता चलेगी?” उनकी जिद के आगे सभी झुक गए. पोस्टमार्टम कराया गया. शुरुआती रिपोर्ट में कुछ नहीं मिला. डॉक्टरों ने विसरा सुरक्षित रख लिया.

ये मामला धीरे-धीरे ठंडे बस्ते में चला गया. छह महीने बीतने के बाद विसरा रिपोर्ट आ गई. यहीं कहानी पलट गई. रिपोर्ट में प्रोपोफोल नामक तत्व की भारी मात्रा पाई गई. यानी वही रसायन जो एनेस्थीसिया (बेहोशी की दवा) में होता है. अब यह साफ हो गया कि डॉ. कृतिका को इंजेक्शन से एनेस्थीसिया दिया गया था और वह भी जानबूझकर. क्योंकि उस रात घर में सिर्फ पति-पत्नी ही थे. शक की सुई महेंद्र पर टिक गई.

Krithika Reddy Murder Case

कृतिका के परिवार ने रिपोर्ट के आधार पर केस दर्ज करा दिया. पुलिस ने महेंद्र को गिरफ्तार कर लिया. पुलिस की पूछताछ में सर्जन पति टूट गया. उसने कहा, ”शादी के कुछ महीनों बाद ही तय कर लिया था कि कृतिका को मार दूंगा. लेकिन ऐसा तरीका चाहिए था जिससे कोई शक न करे.” 21 अप्रैल को जब कृतिका को पेट दर्द हुआ, तो उसने छोटी डोज दी. 22 और 23 अप्रैल को भी वही किया.

23 अप्रैल की रात उसने इतनी भारी डोज दी कि सुबह तक कृतिका की मौत हो गई. अब पुलिस का सवाल था कि आखिर ऐसा क्यों किया? अपनी ही डॉक्टर पत्नी की जान क्यों ले ली? पुलिस की पूछताछ में पता चला कि डॉ. महेंद्र रेड्डी को गुस्सा था. उसे लगा कि कृतिका के परिवार ने शादी से पहले उसकी मेडिकल हिस्ट्री छिपाई. कृतिका को कई बीमारियां थीं. उसको गैस्ट्रो की दिक्कत के साथ ब्लड प्रेशर था. 

Krithika Reddy Murder Case

उसको लेकर बार-बार अस्पताल जाना पड़ता था. महेंद्र को लगता था कि उसे धोखे में बीमार लड़की से शादी कराई गई. इसी खुंदक में उसने अपनी पत्नी को जहर देने की साजिश रची. एक ऐसा जहर जो डॉक्टर के इंजेक्शन से दिया गया और छह महीने तक किसी को भनक तक नहीं लगी. कत्ल की साजिश बहुत शातिर तरीके से की गई थी. मौत इतनी नेचुरल दिखी कि पुलिस भी महीनों तक चुप रही.

विसरा रिपोर्ट ने सारे राज फाश कर दिए. डॉ. महेंद्र रेड्डी की परफेक्ट साजिश को उसकी ही मेडिकल जानकारी ने एक्सपोज कर दिया. अब पुलिस के पास विसरा रिपोर्ट, इंजेक्शन, महेंद्र का इकबालिया बयान और हत्या का मकसद सबूत के तौर पर मौजूद हैं. पुलिस इस मामले की विस्तृत जांच के बाद कातिल डॉक्टर के खिलाफ चार्जशीट दाखिल करने की तैयारी में है, ताकि उचित सजा दिलाई जा सके.

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