कर्जे की किस्तों पर, अमेरिका की चापलूसी पर और सऊदी पेट्रो डॉलर पर पल रहा पाकिस्तान अब 57 इस्लामिक मुल्कों सैन्य गठबंधन को लीड करने के सपने देख रहा है. पाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री इशाक डार ने शुक्रवार को दावा किया कि कई देश इस्लामाबाद के साथ सैन्य समझौता करना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि अगर सऊदी-पाकिस्तान रक्षा समझौते में और भी देश शामिल होते हैं तो ये NATO जैसा गठबंधन बन सकता है.
नाटो (NATO) यानी उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन 1949 में स्थापित एक सैन्य गठबंधन है. इसका मुख्य उद्देश्य सदस्य देशों की सामूहिक सुरक्षा सुनिश्चित करना है. इसमें 31 देश शामिल हैं जो एक-दूसरे के हमले का सामना करने के लिए प्रतिबद्ध हैं.
पाकिस्तान ने हाल ही में सऊदी अरब से एक सुरक्षा समझौते पर हस्ताक्षर किया है. इस समझौते का अहम पक्ष यह है कि इसमें किसी भी एक देश पर हमला दूसरे मुल्क पर अटैक माना जाएगा और दोनों मिलकर इस जवाब देंगे.
पाकिस्तान संसद को संबोधित करते हुए पाकिस्तान के डिप्टी पीएम इशाक डार ने ऑपरेशन सिंदूर को याद किया. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान और सऊदी अरब के साथ हुए इस समझौते के तहत पाकिस्तान पर भारत के ऐसे हमलों को सऊदी अरब पर आक्रमण माना जाता.
इशाक डार ने इसी सैन्य गठबंधन को लेकर दावा है कि इसमें कई और देशों ने शामिल होने की इच्छा जताई है
पाकिस्तान की संसद को संबोधित करते हुए इशाक डार ने कहा कि कई अरब और गैर-अरब इस्लामी देशों ने पाकिस्तान और सऊदी अरब के बीच हुए रक्षा समझौते में शामिल होने में रुचि दिखाई है.
उन्होंने कहा, “कई अन्य देशों ने भी पाकिस्तान के साथ रक्षा समझौता करने में रुचि दिखाई है और कई देशों ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के दौरान पाकिस्तान से संपर्क किया है.”
उन्होंने सुझाव दिया कि अगर और देश इसमें शामिल होते हैं, तो “यह नाटो जैसा गठबंधन बन जाएगा.”
इंशाअल्लाह…
उप-प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि इस समझौते का विस्तार अन्य देशों को शामिल करने के लिए किया जा सकता है, जिससे यह संभवतः “नए नाटो या पूर्वी नाटो” में बदल सकता है.
पाकिस्तान के डिप्टी पीएम इशाक डार ने विश्वास व्यक्त किया कि पाकिस्तान एक दिन इस्लामी दुनिया का नेतृत्व करेगा. उन्होंने कहा, “इंशाअल्लाह पाकिस्तान 57 इस्लामी देशों का नेतृत्व करेगा.”
पाकिस्तान की माली हैसियत का क्या होगा?
पाकिस्तान भले ही इस्लामिक दुनिया का चौधरी बनने का सपना देख रहा है, लेकिन उसे अपनी माली हैसियत का अंदाजा है. इशाक डार ने संसद में पाकिस्तान की इस तल्ख सच्चाई को स्वीकार किया. लेकिन कौम को बहलाने के लिए उन्होंने पाकिस्तान की न्यूक्लियर शक्ति का ढिंढोरा पीटा.
उन्होंने कहा, “पाकिस्तान पहले से ही एक परमाणु और मिसाइल शक्ति है, लेकिन अब उसे एक आर्थिक शक्ति बनने का भी प्रयास करना चाहिए, जो कि सामूहिक प्रयास से ही प्राप्त की जा सकती है.”
17 सितंबर 2025 को रियाद के अल-यमामा पैलेस में सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान और पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने “स्ट्रेटेजिक म्यूचुअल डिफेंस एग्रीमेंट” (SMDA) पर हस्ताक्षर किए. समझौते के अनुसार किसी एक देश पर आक्रमण को दूसरे पर आक्रमण माना जाएगा.
सऊदी अधिकारी ने इसे “व्यापक रक्षात्मक समझौता” बताया. यह समझौता रक्षा उद्योग सहयोग, तकनीक हस्तांतरण, संयुक्त उत्पादन और प्रशिक्षण को बढ़ावा देगा. बता दें कि 1967 से पाकिस्तान हजारों सऊदी सैनिकों को ट्रेनिंग दे चुका है.
अरब देशों के साथ पाकिस्तान के संबंधों पर डींग हांकते हुए इशाक डार ने कहा कि पाकिस्तान के गल्फ देशों के साथ निरंतर और गहरे संबंध रहे हैं और इस रक्षा समझौते पर बहुत लंबे समय से काम चल रहा था.
उन्होंने कहा, “यह एक अत्यंत महत्वपूर्ण समझौता है, इसे बिना सोचे-समझे या जल्दबाजी में नहीं किया गया है.”
पाकिस्तानी संसद को संबोधित करते हुए इशाक डार को ऑपरेशन सिंदूर की याद आई. मई में भारत के साथ चार दिनों की लड़ाई को याद करते हुए डार ने कहा कि सऊदी अरब के साथ हुए रक्षा समझौते के तहत पाकिस्तान पर हुए ऐसे हमलों को सऊदी अरब पर हमला माना जाता.
भारत ने 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के विरोध में 7 मई 2025 को ऑपरेशन सिंदूर लॉन्च किया था. इस दौरान भारत ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में आतंकी अड्डों पर हमला किया था. और उसे ध्वस्त कर दिया था. इसके अलावा भारत ने पाकिस्तान के कई एयरबेस को तबाह कर दिया था. इस हमले में भारत ने पाकिस्तान लगभग 10 जहाज ध्वस्त कर दिए थे.
—- समाप्त —-