रामनगरी अयोध्या में भव्य दीपोत्सव समारोह से पहले, समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने शनिवार को दीये और मोमबत्तियां जलाने को लेकर एक ऐसा बयान दे दिया, जिस पर विवाद खड़ा हो गया है. भाजपा ने अखिलेश यादव की इस टिप्पणी पर तुरंत प्रतिक्रिया दी और कहा कि समाजवादी पार्टी का राम मंदिर आंदोलन का विरोध करने और हिंदू विरोधी बातें फैलाने का इतिहास रहा है.
लखनऊ में समाजवादी पार्टी मुख्यालय में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान एक मीडियाकर्मी ने अखिलेश यादव से कहा कि अयोध्या दीपोत्सव में इस बार दीये की जगह मोमबत्ती जलाई जाएगी और उसकी संख्या भी घट गई है, इस पर आप क्या कहना चाहेंगे? सपा प्रमुख ने इस सवाल पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, ‘मैं कोई सुझाव नहीं देना चाहता, लेकिन भगवान राम के नाम पर एक सुझाव जरूर देना चाहता हूं.’
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क्रिसमस से सीखना चाहिए: अखिलेश
उन्होंने आगे कहा, ‘पूरी दुनिया में, क्रिसमस के दौरान सभी शहर जगमगा उठते हैं. और यह सिलसिला महीनों तक चलता है. हमें उनसे सीखना चाहिए. हमें दीयों और मोमबत्ती पर क्यों खर्च करना और इतना क्यों दिमाग लगाना? हम इस सरकार से क्या उम्मीद कर सकते हैं? इसे हटा देना चाहिए. हमारी सरकार आएगी तो बहुत सुंदर रोशनी कराएंगे हम लोग.’ भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने अखिलेश यादव की इस टिप्पणी पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की.
#WATCH | Lucknow | SP Chief Akhilesh Yadav says, “… I dont want to give a suggestion. But I will give one suggestion on the name of Lord Ram. In the entire world, all the cities get illuminated during Christmas. And that goes on for months. We should learn from them. Why do we… pic.twitter.com/HAL47migCC
— ANI (@ANI) October 18, 2025
उन्होंने कहा, ‘राम मंदिर आंदोलन का विरोध करने, अयोध्या को वर्षों तक अंधेरे में रखने और यहां तक कि राम भक्तों पर गोलियां चलवाने पर गर्व महसूस करने वाली पार्टी अब दीपोत्सव के लिए शहर की सजावट का विरोध कर रही है. जब उन्होंने सैफई में जश्न मनाया, जिससे आम लोगों को कोई फायदा नहीं हुआ, तो उन्हें गर्व महसूस हुआ. लेकिन अयोध्या में, जहां हजारों छोटे-मोटे दुकानदार रोजी-रोटी कमा रहे हैं, कुछ लोग असंतोष जाहिर कर रहे हैं.’
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सरयू तट 26 लाख दीयों से होगा रोशन
अयोध्या में दीपोत्सव का यह 9वां संस्करण है. दीपावली से एक दिन पहले 19 अक्टूबर को यह आयोजन, सरयू नदी के किनारे 56 घाटों पर 26,11,101 दीयों की रोशनी के साथ अपने चरम पर पहुंचेगा. दीपोत्सव 2025 में 26 लाख दीये, 2100 वैदिक विद्वान, 1100 ड्रोन, और 33000 स्वयंसेवक एक साथ अनुशासन और सामूहिक भक्ति के शानदार प्रदर्शन में एकजुट हो रहे हैं. साल 2017 में 1.71 लाख दीयों के साथ शुरू हुआ यह उत्सव अब पंद्रह गुना बढ़ चुका है, जो इसकी रिकॉर्ड तोड़ भव्यता को दर्शाता है. इस वर्ष दीपोत्सव राम की पैड़ी से आगे बढ़कर राजघाट, गुप्तारघाट, और लक्ष्मण किला घाट जैसे नव-विकसित घाटों तक फैल गया है.
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