मध्य प्रदेश के ग्वालियर स्थित अदालत परिसर में डॉ भीमराव आंबेडकर की मूर्ति लगाने से उपजा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा. मूर्ति को लेकर विरोध में उतरे वकीलों के एक धड़े और दूसरी ओर पक्षधर ग्रुप के बीच जमीन से लेकर सोशल मीडिया पर तनाव जारी है. इसी बीच, हाई कोर्ट वकील अनिल मिश्रा की बयानबाजी से मूर्ति लगाने का पक्ष धर समाज भड़क उठा. एहतियातन पुलिस प्रशासन ने शहर में फ्लैग मार्च निकाला.
इसी बीच, शहर के सिटी सेंटर इलाके में रामचरितमानस (रामायण) पाठ के आयोजन को लेकर यूनिवर्सिटी क्षेत्र की CSP हिना खान और एडवोकेट अनिल मिश्रा के समर्थकों के बीच बड़ा विवाद खड़ा हो गया. विवाद तब और बढ़ गया जब प्रशासनिक दबाव के चलते हनुमान मंदिर पर ताला लगा दिया गया और पाठ का सामान लौटा दिया गया.
विवाद की शुरुआत तब हुई जब अनिल मिश्रा के लोग पटेल नगर स्थित एक हनुमान मंदिर के पास टेंट लगाकर रामचरितमानस का पाठ करना चाहते थे, लेकिन सीएसपी ने टेंट का सामान वापस लौटा दिया. इसी मुद्दे पर जब मीडिया ने सीएसपी से उनका पक्ष जानने की कोशिश की, तो एक अजीबोगरीब स्थिति पैदा हो गई.
एडवोकेट अनिल मिश्रा ने सीएसपी पर ‘सनातन की विरोधी’ होने का आरोप लगाया. इस आरोप के जवाब में सीएसपी हिना खान ने जोर-जोर से ‘जय श्री राम’ के नारे लगाए और कहा, “नहीं, मैं नहीं हूँ सनातन की विरोधी.”
मंदिर पर ताला, फिर बीच सड़क पर धरना
अनिल मिश्रा और उनके समर्थकों का आरोप है कि प्रशासन के दबाव के चलते हनुमान मंदिर पर ताला डाल दिया गया, जिसके कारण उन्हें बिना पाठ किए वापस लौटना पड़ा. लोगों ने गुस्से में सवाल किया, “क्या हम पाकिस्तानी हैं?”
मंदिर पर ताला लगने से नाराज अनिल मिश्रा और उनके समर्थक पटेल नगर में बीच सड़क पर धरने पर बैठ गए. धरने के दौरान उन्होंने ‘सीताराम सीताराम’ का जाप शुरू कर दिया और ‘पुलिस प्रशासन मुर्दाबाद’ के नारे लगाए.
पूरे घटनाक्रम का वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें सड़क पर नारेबाजी, सीएसपी और एडवोकेट अनिल मिश्रा की तीखी बहस, और टेंट का सामान वापस जाते हुए साफ देखा जा सकता है.
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