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US Vs China: चीन ने चली ऐसी चाल, अमेरिकी वित्त मंत्री के बदले सुर, कहा- भारत देगा हमारा साथ – US FM Scott Bassent expect Indian support amid China rare earth curbs Tension tutc


डोनाल्ड ट्रंप का टैरिफ (Trump Tariff) वॉर जारी है और अब अमेरिका के निशाने पर चीन है. राष्ट्रपति ने बीते सप्ताह चीनी सामान के आयात पर 100% टैरिफ लगाने की धमकी दी है, जो 1 नवंबर 2025 से लागू होगा. US-China के बीच ये टैरिफ टेंशन दरअसल, रेयर अर्थ मिनरल्स के निर्यात पर चीन की ओर से प्रतिबंध कड़े करने के बाद बढ़ी है. इस बीच खास बात ये है कि अमेरिका के जो वित्त मंत्री स्कॉट बेसेन्ट अब तक भारत के खिलाफ बोलते नजर आ रहे थे, चीन से ट्रेड जंग बढ़ते ही उनके सुर बदले-बदले नजर आ रहे हैं और उन्होंने भारत से समर्थन की उम्मीद जताई है. 

‘US देगा चीन को जोरदार जबाव’
चीन के साथ तनाव के बीच अमेरिकी वित्त मंत्री स्कॉट बेसेन्ट ने कहा है कि अगर बीजिंग अपना रुख नहीं बदलता है, तो फिर US जोरदार जवाब देने के लिए पूरी तरह से तैयार है. उन्होंने सख्त लहजे में चेतावनी देते हुए कहा कि अमेरिका बातचीत के लिए तैयार है, लेकिन अगर चीन अपना रुख नहीं बदलता है, तो वाशिंगटन कड़ा जवाब देगा. उन्होंने आगे कहा कि हम और हमारे सहयोगी किसी भी हालत में चीन को दुर्लभ रेयर अर्थ मिनरल्स पर नए निर्यात प्रतिबंधों को बिना रोक-टोक लागू करने की अनुमति नहीं देंगे. उन्होंने इसे ग्लोबल सप्लाई चेन के लिए एक सीधी चुनौती बताया है. 

भारत से साथ देने की उम्मीद जताई
स्कॉट बेसेन्ट अमेरिका द्वारा भारत पर रूसी तेल और हथियारों की खरीद को लेकर लगाए गए डबल 50% के टैरिफ के बाद लगातार निशाना बनाए हुए थे. वे ट्रंप के टैरिफ अटैक को सही बताते हुए भारत पर यूक्रेन युद्ध में रूस की आर्थिक मदद करने का आरोप लगा रहे थे. लेकिन अब जबकि, रेयर अर्थ पर छिड़ी जंग के बीच उन्होंने वर्तमान स्थिति को चीन बनाम बाकी दुनिया करार दिया है. इस दौरान उन्होंने कहा है कि अमेरिका, भारत और अपने यूरोपीय सहयोगियों समेत सभी मित्र देशों के साथ इस मुद्दे पर समन्वय करेगा.

US Vs China

दुनिया को निशाना बना रहा ड्रैगन
फॉक्स न्यूज को दिए एक इंटरव्यू के दौरान बेसेन्ट के सुर भारत को लेकर बदले-बदले दिखाई दिए. उनके मुताबिक, ‘चीन औद्योगिक आधार पर दुनिया पर निशाना साध रहा है, लेकिन अब हम इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे. हम पहले से ही सहयोगियों के संपर्क में हैं और इस सप्ताह उनके साथ बैठक करेंगे.’ बेसेन्ट ने उम्मीद जाहिर करते हुए कहा कि मुझे लगता है कि हमें यूरोपीय, भारतीय और एशियाई लोकतंत्रों से पर्याप्त वैश्विक समर्थन मिलेगा और हम निर्यात प्रतिबंधों को जारी नहीं रहने देंगे.

अमेरिकी वित्त मंत्री ने जोर देते हुए कहा है कि यूएस का लक्ष्य चीन से जोखिम कम करना है, उससे अलगाव नहीं. महत्वपूर्ण सेक्टर्स में घरेलू मैन्युफैक्चरिंग को मजबूत करने के प्रयासों पर फोकस करते हुए उन्होंने ये उम्मीद भी जताई कि चीन भी इस मुद्दे पर बातचीत के लिए तैयार है. लेकिन, अगर वे ऐसा नहीं करते हैं, तो हमारे पास पर्याप्त संसाधन हैं जिनका इस्तेमाल हम उनके बराबर या शायद उससे भी ज्यादा आक्रामक तरीके से कर सकते हैं. बेसेन्ट के मुताबिक, जितना चीन ने रेयर अर्थ मिनरल्स के मामले में किया है, हम ऐसा कुछ नहीं करना चाहते, लेकिन अमेरिका में हमारी पूरी ताकत लगाने की पॉलिसी मौजूद है. 

US-China में तनाव पर एक नजर
बात करें, अमेरिका और चीन के बीच तनाव के ताजा हालातों की, तो जहां एक ओर डोनाल्ड ट्रंप ने 100 फीसदी टैरिफ लगाकर ट्रेड वॉर को फिर से हवा दे दी. उन्होंने रेयर अर्थ पर निर्यात नियंत्रण को कड़ा करने के चीन के कदम वैश्विक अर्थव्यवस्था को बंधक बनाने का प्रयास तक करार दे दिया था. वहीं अमेरिका के इस कदम पर चीन ने पलटवार करते हुए इसे चीन के हितों को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचाने वाला बताया. मंत्रालय की ओर से कहा गया कि, ‘चीन लड़ना नहीं चाहता, लेकिन लड़ने से डरता भी नहीं है और अगर आवश्यक हुआ, तो वह जवाबी कार्रवाई भी करेगा.’

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