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‘मुंबई अटैक, स्वर्ण मंदिर, अफजल गुरु…’, लगातार कांग्रेस को फंसाने वाले बयान दे रहे पी चिदंबरम! – p chidambram statement congress high command angry politics ntcppl


कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम जो कभी पार्टी के इनर सर्किल में शामिल हुआ करते थे अब ऐसे बयान दे रहे हैं जो पार्टी को मुश्किलों में डाल रही है. चिदंबरम के बयान पर पार्टी के सफाई देनी पड़ी है. कांग्रेस के ही दूसरे नेता मणिशंकर अय्यर की तरह चिदंबरम के ये बयान राष्ट्रीय सुरक्षा, ऐतिहासिक घटनाओं और आर्थिक मुद्दों पर हैं, जो भाजपा को हमलावर होने का मौका दे रहे हैं. कांग्रेस हाईकमान इनसे बेहद नाराज है और बार-बार सावधानी की नसीहत दे रहा है. 

आइए जानते हैं पिछले 6 महीने में चिदंबरम के क्या हैं वो 6 बयान जो पार्टी को मुश्किल में डाल रहे हैं.

‘INDIA गठबंधन का भविष्य उतना उज्ज्वल नहीं’

कांग्रेस नेता राहुल गांधी जब बीजेपी सरकार पर वोट चोरी का आरोप लगा रहे थे. उसी दौरान पी चिदंबरम ने ऐसा बयान दे दिया जिससे कांग्रेस की काफी किरकिरी हुई.

मई में एक किताब की लॉन्चिंग के दौरान पी चिदंबरम ने कहा कि ” INDIA  गठबंधन का भविष्य उतना उज्ज्वल नहीं है जितना मृत्युंजय सिंह यादव कह रहे हैं. उन्हें लगता है कि भारत-अमेरिका गठबंधन अभी भी बरकरार है. मुझे यकीन नहीं है. शायद सलमान खुर्शीद इसका जवाब दे सकें क्योंकि वह INDIA गठबंधन की वार्ताकार टीम का हिस्सा थे. अगर INDIA गठबंधन पूरी तरह से बरकरार रहता है, तो मुझे बहुत-बहुत खुशी होगी, लेकिन यह कमजोर लगता है. इसे अभी भी ठीक किया सकता है. अभी भी समय है.”

भाजपा को कांग्रेस से मजबूत बताते हुए चिदंबरम ने कहा कि मेरी इतिहास की समझ के अनुसार भाजपा जितनी मजबूती से संगठित कोई राजनीतिक दल नहीं रहा है. हर मोर्चे पर यह मज़बूत है.

‘क्या पता पहलगाम के आतंकी देश के अंदर के हों?’

ऑपरेशन सिंदूर समाप्त हो चुका था. पाकिस्तान को ठीक ठाक मार पड़ चुकी थी. इसी बीच जुलाई आया में कांग्रेस नेता पी चिदंबरम का एक बयान काफी चर्चा में रहा. पी चिदंबरम ने कहा कि क्या सरकार ने आंतकियों की पहचान कर ली है. वे कहां से आएं थे. क्या पता वो देश के अंदर तैयार किए गए आतंकवादी हों? चिदंबरम ने कहा कि कि आपने क्यों यह मान लिया वह पाकिस्तान से आए थे. इसका कोई सबूत नहीं है. सरकार भारत को हुए नुकसान को भी छिपा रही है.

बीजेपी ने पी चिदंबरम के इस बयान की तीखी आलोचना की.  बीजेपी आईटी सेल के चीफ अमित मालवीय कहा कि एक बार फिर कांग्रेस पाकिस्तान को क्लीन चिट देने के लिए दौड़ पड़ी है. ऐसा पहलगाम आतंकी हमले के बाद कर रही है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता भारत के विपक्ष की तुलना में इस्लामाबाद के वकील अधिक दिखते हैं.

‘दबाव में यूपीए ने एक्शन नहीं लिया’

देश के पूर्व गृह मंत्री पी चिदंबरम ने तब कांग्रेस को मुश्किल में डाल दिया. 30 सितंबर को एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि 2008 में मुंबई हमलों के बाद वे पाकिस्तान के खिलाफ सैन्य कार्रवाई के पक्ष में थे. लेकिन यूपीए ने जवाबी कार्रवाई नहीं की क्योंकि अमेरिका का दबाव था. 

पूर्व गृह मंत्री ने स्वीकार किया था कि उनके मन में पाकिस्तान के खिलाफ जवाबी कार्रवाई का विचार आया था. उन्होंने कहा कि मैंने इस पर प्रधानमंत्री और अन्य महत्वपूर्ण लोगों से चर्चा की. लेकिन अंतिम निष्कर्ष जो कि मुख्य रूप से विदेश मंत्रालय के प्रभाव में था, वह यह था कि हमें सीधे तौर पर सैन्य प्रतिक्रिया का रास्ता नहीं अपनाना चाहिए, बल्कि कूटनीतिक उपाय अपनाने चाहिए. चिदंबरम ने बताया कि संयम बरतने का निर्णय वैश्विक दबाव के बीच लिया गया था. उन्होंने आगे कहा दिल्ली पर पूरी दुनिया का दबाव था कि युद्ध शुरू न करें.

भाजपा ने इसे राष्ट्रीय सुरक्षा पर कांग्रेस की कमजोरी का सबूत बताया. राशिद अल्वी जैसे कांग्रेसी नेताओं ने भी टाइमिंग पर सवाल उठाए. पीएम मोदी ने इसे दोहराकर कांग्रेस पर हमला बोला. 

‘स्वर्ण मंदिर को लेने का तरीका गलत था’ 

कांग्रेस को परेशान करने वाला पी चिदंबरम का ताजा बयान ऑपरेशन ब्लू स्टार पर था. पी चिदंबरम ने कहा कि स्वर्ण मंदिर को वापस लेने का गलत तरीका था. इंदिरा गांधी ने इस गलती की कीमत अपनी जान देकर चुकाई. यह सेना, पुलिस और सिविल सर्विसेज का संयुक्त फैसला था. 

चिदंबरम हिमाचल प्रदेश के कसौली में खुशवंत सिंह साहित्य महोत्सव में बोल रहे थे. वे पत्रकार हरिंदर बावेजा की किताब “दे विल शूट यू, मैडम” पर चर्चा कर रहे थे. 

चिदंबरम के इस बयान से आलाकमान नाराज है. सूत्रों के अनुसार पार्टी ने कहा है कि कांग्रेस से सब कुछ पाने वाले नेताओं को पार्टी के लिए शर्मिंदगी पैदा कर सकने वाले बयान देने में सावधानी बरतनी चाहिए. यह आदत नहीं बननी चाहिए. भाजपा ने “कांग्रेस की दोहरी मानसिकता” कहा. किरेन रिजिजू ने कहा कि चिदंबरम जी ने कांग्रेस की गलतियों को बहुत देर से स्वीकार किया है. यह खुलासा करने के बाद कि अमेरिका और विदेशी ताकतों के दबाव के कारण भारत मुंबई में पाकिस्तानी हमलों का जवाब नहीं दे सका, अब वे स्वीकार कर रहे हैं कि स्वर्ण मंदिर में ऑपरेशन ब्लू स्टार भी एक गलती थी.

‘अफजल गुरु के मामले में सही फैसला नहीं हुआ’

पूर्व गृह मंत्री पी चिदंबरम ने वर्ष 2016 में तब विवाद खड़ा कर दिया था जब उन्होंने संसद पर हमले के दोषी अफजल गुरु पर सुनाए गए फैसले पर ही प्रश्न खड़ा कर दिया था. 

पूर्व गृह मंत्री ने एक इंटरव्यू में कहा था कि संसद हमले में दोषी अफजल गुरु का मामला ठीक ढंग से नहीं सुना गया था. उन्होंने कहा, “कोई भी ईमानदारी से यह राय रख सकता है कि अफजल गुरु का मामला सही ढंग से तय नहीं किया गया था.”

पी चिदंबरम ने कहा कि सरकार में रहते हुए आप यह नहीं कह सकते कि कोर्ट ने सही फैसला नहीं सुनाया. लेकिन जब हम सत्ता में नहीं हैं तो एक आजाद शख्‍स इसपर अपनी राय रख सकता है.

13 दिसंबर 2001 को संसद पर हमले के दोषी अफजल गुरु को दिल्ली में फांसी दी गई थी. 

चिदंबरम के बयान पर काफी बवाल हुआ और कांग्रेस ने इस बयान से अपने आप को अलग कर लिया. बीजेपी ने कहा कि यह बयान संसद पर हमले के दौरान शहीद हुए जवानों और न्यायपालिका का ‘अपमान’ है. 

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