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‘क्या पता कौन जिंदा रहता…’, ट्रंप के सामने शहबाज को याद आई ऑपरेशन सिंदूर की डरावनी रातें – donald trump shehbaz shrif Sharm el Sheikh Peace Summit Egypt nobel peace prize ntcppl


मौका तो था गाजा में अमन बहाली का. स्टेज सजा था मिस्र के खूबसूरत शहर शर्म अल शेख में. यहां जब दुनिया के दिग्गज इकट्ठा हुए तो असल काम के अलावा डिप्लोमेसी की चापलूसियां भी खूब हुईं. लाल सागर के इस लग्जरी रिसॉर्ट शहर में होने वाले इस सम्मेलन में 20 से अधिक देशों के नेता हुए. 

राष्ट्रपति ट्रंप को शाबासी देते हुए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने अमेरिकी राष्ट्रपति को एक बार फिर से नोबेल पीस प्राइज के लिए नॉमिनेट कर दिया. 

शहबाज के संबोधन फिर 7 मई की घटना का जिक्र देखा गया. जब पहलगाम हमले का जवाब देने के लिए भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ ऑपरेशन सिंदूर लॉन्च किया था. शहबाज शरीफ के बयान में ऑपरेशन सिंदूर का का खौफ नजर आ रहा था. उन्होंने कहा कि अगर ट्रंप इस युद्ध में दखल न दिए होते तो कौन जानता है कि आगे की घटना को बताने के लिए कौन जिंदा बचा रहता.

गाजा में 67 हजार मौतों के बाद हुए इस शांति समझौते के लिए शहबाज शरीफ ने ट्रंप को बधाई देते हुए कहा, “मैं कहूंगा कि पाकिस्तान ने राष्ट्रपति ट्रंप को नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नॉमिनेट किया था, क्योंकि उन्होंने पहले भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध को रोकने और फिर अपनी अद्भुत टीम के साथ युद्धविराम कराने में उत्कृष्ट और असाधारण योगदान दिया था.”

इसके बाद शहबाज ने अगली बार के लिए भी ट्रंप को नोबेल पुरस्कार के लिए नॉमिनेट कर दिया. उन्होंने कहा, “आज फिर, मैं इस महान राष्ट्रपति को नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामांकित करना चाहूंगा क्योंकि मुझे सचमुच लगता है कि वे शांति पुरस्कार के लिए सबसे सच्चे और सबसे अद्भुत उम्मीदवार हैं क्योंकि उन्होंने न केवल दक्षिण एशिया में शांति स्थापित की, बल्कि लाखों लोगों की जान बचाई, और आज यहां शर्म अल-शेख में, गाजा में शांति स्थापित की और मध्य पूर्व में लाखों लोगों की जान बचाई.”

ट्रंप को ‘मैन ऑफ पीस’ बताते हुए शहबाज ने ऑपरेशन सिंदूर को याद किया और कहा कि अगर उस दिन ट्रंप दखल न देते तो पता नहीं उस घटना को बचाने के लिए कौन जिंदा बचा रहता.

शहबाज ने कहा, “बस इतना ही कहना काफी है कि अगर ये सज्जन न होते, तो न सिर्फ़… क्या पता… भारत और पाकिस्तान दोनों ही परमाणु शक्तियां हैं, अगर उन्होंने अपनी अद्भुत टीम के साथ उन चार दिनों में हस्तक्षेप न किया होता तो युद्ध इस हद तक बढ़ सकता था कि ये बताने के लिए कौन जिंदा रहता कि क्या हुआ. राष्ट्रपति महोदय इसी तरह यहां गाजा में शांति लाने में आपका और राष्ट्रपति शीशी का अहम योगदान हैं. इतिहास इसे स्वर्णिम शब्दों में याद रखेगा.”

अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने भी अपने संबोधन में पाकिस्तान की खूब तारीफ की. उन्होंने पाकिस्तान के आर्मी चीफ आसिम मुनीर को ‘फेवरिट जनरल’ बताया. 

ट्रंप ने मंच शहबाज शरीफ को सौंपते हुए कहा, “पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शरीफ और मुझे यह भी कहना पड़ेगा कि पाकिस्तान के मेरे फेवरिट फील्ड मार्शल जो यहां नहीं हैं लेकिन प्रधानमंत्री यहां हैं, उन्हें आपको अपना धन्यवाद देना चाहिए…” इसके बाद ट्रंप ने मंच शहबाज को सौंप दिया. 

इस कार्यक्रम के दौरान ट्रंप ने मंच से यह भी कहा कि उन्हें लगता है कि “भारत और पाकिस्तान साथ-साथ बहुत अच्छे से रहेंगे.”

उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी को याद किया और मंच से कहा. “भारत एक महान देश है जिसके शीर्ष पर मेरा एक बहुत अच्छा दोस्त है और उसने बहुत अच्छा काम किया है. मुझे लगता है कि पाकिस्तान और भारत साथ-साथ बहुत अच्छे से रहेंगे.”

पाकिस्तान की पहल पर हुआ युद्धविराम

बता दें कि ऑपरेशन सिंदूर पर भारत का स्टैंड बेहद स्पष्ट है. भारत लगातार यह कहता रहा है कि पाकिस्तान के साथ शत्रुता समाप्त करने पर सहमति 10 मई को दोनों सेनाओं के DGMO के बीच सीधी बातचीत के बाद बनी थी. इसके लिए पाकिस्तान ने अपील की थी. 

भारत ने 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया था और पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकी ढांचों को निशाना बनाया था.

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