अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप शांति के नोबेल प्राइज जीतने से चूक गए. वह खुद को इस पुरस्कार के लिए सबसे बड़ा दावेदार मान रहे थे लेकिन इस पुरस्कार से चूकने के बाद व्हाइट हाउस ने प्रतिक्रिया दी है.
व्हाइट हाउस का कहना है कि नोबेल समिति ने एक बार फिर सिद्ध कर दिया है कि वे शांति के बजाए राजनीति को तवज्जो देते हैं. दरअसल ट्रंप लंबे समय से कह रहे थे कि नोबेल पीस प्राइज उन्हें ही मिलना चाहिए. इसके लिए वह जंग रुकवाने की बात कह रहे थे.
व्हाइट हाउस के कम्युनिकेशन डायरेक्टर स्टीवन चुइंग ने कहा कि नोबेल समिति ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के पीसमेकिंग प्रयासों को पूरी तरह से नजरअंदाज कर दिया. लेकिन राष्ट्रपति ट्रंप शांति के लिए प्रयास करते रहंगे, युद्ध समाप्त करवाते रहेंगे और जिंदगियों को बचाने का काम करते रहेंगे. वह मानवीय संवेदनाओं से भरे हुए शख्स हैं.
ट्रंप ने सार्वजनिक तौर पर कई बार कहा कि वह सात जंग रुकवा चुके हैं और रूस और यूक्रेन का युद्ध रुकवाकर आठवी जंग रुकवाने जा रहे हैं. पाकिस्तान और इजरायल जैसे देशों ने नोबेल पीस प्राइज के लिए ट्रंप की पैरवी भी की थी.
बता दें कि नॉर्वे की नोबेल समिति ने 2025 का नोबेल शांति पुरस्कार वेनेजुएला की विपक्ष की नेता और मानवाधिकार कार्यकर्ता मारिया कोरिना मचाडो को देने का ऐलान किया. मारिया बीते 20 वर्षों से वेनेजुएला में लोकतांत्रिक अधिकारों को बढ़ावा देने और तानाशाही से लोकतंत्र की ओर शांतिपूर्ण बदलाव लाने के लिए संघर्ष कर रही हैं.
नोबेल समिति ने पीस प्राइज का ऐलान करते हुए कहा कि आज जब दुनिया के कई हिस्सों में तानाशाही बढ़ी है और लोकतंत्र कमजोर हुआ है, ऐसे समय में मारिया मचाडो जैसे लोगों की हिम्मत उम्मीद की लौ जैसी है.
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