Karwa Chauth 2025: देशभर में आज करवा चौथ का पर्व मनाया जा रहा है. इस दिन गौरी-शंकर और भगवान गणेश की पूजा का विधान बताया गया है. इस व्रत के दौरान सभी वैवाहित महिलाएं अपने पति की खुशहाली-लंबी उम्र के लिए निर्जला व्रत रखती हैं. इसके बाद शाम में इस दिन पूजन के दौरान मिट्टी के पात्र से माता करवा का पूजन किया जाता है, जिससे करवा कहा जाता है.
दरअसल, करवा चौथ में करवे का बहुत ही विशेष महत्व है. लोग करवा चौथ का दिन समाप्त होने के बाद उस पात्र को या तो फेंक देते हैं या रख लेते हैं, जो अशुभ माना जाता है. तो चलिए जानते हैं कि करवा चौथ के बाद उस मिट्टी के पात्र (करवा) का क्या किया जाता है. आइए जानते हैं.
करवा चौथ के बाद करवे का क्या करें
नदी या तालाब में करें प्रवाहित
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, करवा चौथ की पूजा पूरी हो जाने के बाद उस पात्र को नदी या तालाब में प्रवाहित करना सबसे ज्यादा शुभ माना जाता है. लेकिन, इस बात का ध्यान रखें कि वह खंडित ना हो वरना माता करवा नाराज हो सकती है. करवे को नदी में प्रवाहित करते समय इच्छापूर्ति के लिए चंद्रदेव या माता पार्वती से प्रार्थना जरूर करें.
मिट्टी में दबाएं
अगर आपके घर के आसपास कोई नदी या तालाब नहीं है तो आप उस पात्र या करवे को किसी पेड़ के नीचे मिट्टी में भी दबा सकते हैं. जैसे- नीम, पीपल या बरगद का पेड़ आदि. इस एक उपाय को करने से जातक पर माता की कृपा बनी रहती है.
अगले साल करें प्रयोग
कई स्त्रियां उस करवे को फेंकने, प्रवाहित करने या मिट्टी में दबाने के बजाय अगले साल के लिए बचाकर रख लेती हैं. लेकिन इस बात का ख्याल रखना जरूरी है कि अगले साल तक उस करवे को किसी साफ या सुरक्षित जगह ही रखें.
पौधे के लिए करें प्रयोग
इसके अलावा, उस पूजा वाले करवे का प्रयोग घर में किसी पौधे को उगाने के लिए भी किया जा सकता है. अगर वह करवा खंडित हो जाए तो उसे मिट्टी में दबा दें.
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