अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने वैश्विक संघर्षों को सुलझाने के अपने प्रयासों पर यह बयान दिया है. उन्होंने दावा किया है कि उन्होंने अब तक सात प्रमुख संघर्षों या युद्धों को सुलझाया है. उनके मुताबिक, रूस-यूक्रेन युद्ध आठवां संघर्ष है, जिसे वह जल्द खत्म कर सकते हैं.
ट्रंप ने कहा है कि गाजा की स्थिति ‘भयानक’ है और वहां लोग रह सकें, इसके लिए कुछ नया बनाया जाएगा. उन्होंने यह भी कहा कि अगर वह राष्ट्रपति होते तो यह युद्ध कभी शुरू नहीं होता.
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है, “हमने सात युद्ध, या प्रमुख संघर्ष, लेकिन युद्ध सुलझाए.” उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि वह आठवें संघर्ष को सुलझाने की प्रक्रिया में हैं. उन्होंने कहा, “और यह संख्या आठ है.” ट्रंप ने दावा किया कि उन्हें नहीं लगता कि इतिहास में किसी ने इतने सारे संघर्षों को सुलझाया होगा. यह दावा ट्रंप के खुद को वैश्विक शांतिदूत के रूप में स्थापित करने के प्रयासों का हिस्सा है.
क्या ट्रंप को मिल पाएगा नोबेल शांति पुरस्कार?
नोबेल शांति पुरस्कार जीतने को लेकर डोनाल्ड ट्रंप का आत्मविश्वास पहले की तरह ही बुलंद है, लेकिन रूजवेल्ट और ओबामा की कैटेगरी में उनके शामिल होने की संभावना बेहद कम लगती है.
उन्होंने यह बात कही है, इसके लिए पैरवी की है, और यहां तक कि इसे पाने के लिए धौंस भी जमाई है. यहां तक कि शिकायत भी की है कि बराक ओबामा को यह “बिना किसी कारण” मिला. ट्रंप का आत्मविश्वास पहले की तरह ही बुलंद है, लेकिन थियोडोर रूजवेल्ट, वुडरो विल्सन, जिमी कार्टर और ओबामा की श्रेणी में उनके शामिल होने की संभावना टुकड़ों में बंटी हुई लगती है.
शुक्रवार सुबह 11 बजे जब नॉर्वेजियन नोबेल समिति पुरस्कार की घोषणा करेगी, तो ट्रंप बेसब्री से अपना नाम सुनने की उम्मीद कर रहे होंगे.
नोबेल पुरस्कार का दावा कर चुके हैं ट्रंप
नोबेल शांति पुरस्कार के प्रति अमेरिकी राष्ट्रपति का जुनून कोई नई बात नहीं है. ट्रंप को उनके पहले कार्यकाल में अब्राहम समझौते के लिए भी इस पुरस्कार के लिए नामांकित किया गया था, जिसने इज़रायल और अरब देशों के बीच संबंधों के सामान्यीकरण का मार्ग प्रशस्त किया था. लेकिन, इस बार उन्होंने अपनी महत्वाकांक्षा को खुलकर प्रदर्शित किया है, और दावा किया है कि उन्होंने इतने ही महीनों में छह से सात युद्ध सुलझा लिए हैं, जिनमें भारत और पाकिस्तान के बीच एक ऐसा युद्ध भी शामिल है, जो परमाणु युद्ध में बदल सकता था.
हालांकि, पाकिस्तान ने ट्रंप को नोबेल के लिए नामांकित करके उनके अहंकार को संतुष्ट किया है, भारत ने इस दबाव के आगे घुटने नहीं टेके हैं, और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति को साफ़-साफ़ कह दिया है कि युद्धविराम कराने में उनका कोई हाथ नहीं है.
तो यह देखने वाली बात होगी कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को नोबेल पुरस्कार मिल पाता है या नहीं.
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