अमेरिका और पाकिस्तान के रिश्ते सुधर रहे हैं. मई 2025 के भारत-पाकिस्तान टकराव के बाद अब अमेरिका पाकिस्तान को AIM-120 AMRAAM (एडवांस्ड मीडियम-रेंज एयर-टू-एयर मिसाइल) देगा. ये मिसाइलें पाकिस्तानी F-16 फाइटर जेट्स पर लगेंगी. ये ‘फायर एंड फॉरगेट’ वाली सुपर स्मार्ट मिसाइल है, जो दुश्मन के विमान को दूर से ही मार गिरा सकती है. ये खबर भारत के लिए चिंता की है, क्योंकि ये 2019 की बालाकोट घटना जैसी स्थिति दोहरा सकती है.
AIM-120 AMRAAM क्या है?
AIM-120 AMRAAM अमेरिका की सबसे एडवांस्ड हवा-से-हवा में मार करने वाली मिसाइल है. ये AIM-7 स्पैरो का अपग्रेडेड वर्जन है. 1980 के दशक में विकसित हुई, ये दिन-रात, किसी भी मौसम में काम करती है. इसका नाम ‘स्लैमर’ भी है, क्योंकि ये बहुत तेज उड़ती है. पाकिस्तान को मिलने वाली C8 वेरिएंट है, जो AIM-120D का एक्सपोर्ट मॉडल है. इसमें GPS गाइडेंस और बेहतर जैम-रेजिस्टेंस है.
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आकार, स्पीड और ताकत
ये मिसाइल छोटी लेकिन घातक है. यहां मुख्य फीचर्स…
- लंबाई: 12 फीट (3.65 मीटर) – एक आदमी जितनी लंबी.
- वजन: करीब 350 पाउंड (159 किलोग्राम) – आसानी से जेट पर लटकाई जा सकती है.
- डायमीटर: 7 इंच (178 मिलीमीटर) – पतली ट्यूब जैसी.
- विंगस्पैन: 21 इंच (53 सेमी) A/B वेरिएंट में; C/D में थोड़ा ज्यादा.
- प्रोपल्शन: सॉलिड रॉकेट मोटर – बूस्ट-सस्टेन टाइप, जो तेज रफ्तार देती है.
- स्पीड: 4900 किमी/घंटा.
- रेंज: 50-100 किलोमीटर से ज्यादा (वेरिएंट पर निर्भर) – विजुअल रेंज से बाहर (BVR) हमला.
- गाइडेंस सिस्टम: एक्टिव रडार (खुद टारगेट लॉक करती है), इनर्शियल नेविगेशन (शुरुआती गाइड), मिडकोर्स अपडेट्स (डेटालिंक से) और GPS (नई वेरिएंट्स में). एक बार लॉन्च होने पर पायलट को फ्री कर देती है.
- वॉरहेड: हाई-एक्सप्लोसिव ब्लास्ट-फ्रैगमेंटेशन – 20 किलोग्राम का, जो विमान को चूर-चूर कर देता है.
- लॉन्च प्लेटफॉर्म: F-15, F-16, F/A-18, F-35 जैसे जेट्स; ग्राउंड लॉन्चर भी.
- वेरिएंट्स: A/B (पुराने), C5/C7 (मीडियम), D (लॉन्ग रेंज), C8 (एक्सपोर्ट, पाकिस्तान को). C8 में दो-तरफा डेटालिंक और बेहतर लीथैलिटी.
ये मिसाइल 1988 से अमेरिकी एयर फोर्स में है. अब तक 20,000 से ज्यादा बनी हैं. कीमत: एक मिसाइल की 10-15 लाख डॉलर.
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कौन-कौन से देश इस्तेमाल कर रहे हैं?
AIM-120 को 42 से ज्यादा देशों ने खरीदा है. ये अमेरिकी सहयोगियों को दी जाती है. मुख्य देश…
- अमेरिका: यूएस एयर फोर्स, नेवी, मरीन कॉर्प्स.
- यूरोप: ब्रिटेन, जर्मनी, नीदरलैंड्स, नॉर्वे, इटली, स्पेन, ग्रीस, पोलैंड.
- एशिया: जापान, दक्षिण कोरिया, ऑस्ट्रेलिया, ताइवान, सिंगापुर.
- मिडिल ईस्ट: इजरायल, सऊदी अरब, कतर, बहरीन, कुवैत, टर्की, UAE.
- अन्य: कनाडा, न्यूजीलैंड, रोमानिया, स्विट्जरलैंड.
- पाकिस्तान: अभी नई डील से C8 वेरिएंट मिलेगा. पहले C5 था.
- कुल मिलाकर, 30+ देशों की लिस्ट में पाकिस्तान शामिल.
ये मिसाइल इराक, बोस्निया, कोसोवो, भारत-पाक (2019) और सीरिया में इस्तेमाल हो चुकी है. 16 एयर-टू-एयर किल्स रिकॉर्ड.
कैसे काम करती है? ताकत की पूरी कहानी
AIM-120 को ‘फायर एंड फॉरगेट’ कहते हैं. पायलट टारगेट लॉक करता है और मिसाइल लॉन्च करता है. शुरू में इनर्शियल गाइडेंस से उड़ती है. मिडवे पर जेट से अपडेट मिलते हैं. आखिर में खुद का रडार चालू हो जाता है – दुश्मन को भेदता है. ये जैमिंग (रडार जाम) सहन करती है. F-16 पर 6 तक लटकाई जा सकती हैं. पाकिस्तान के ब्लॉक 52 F-16 पर परफेक्ट फिट.
भारत के लिए कितनी खतरनाक? नई चुनौती
पाकिस्तान को ये मिसाइलें मिलना भारत की एयर फोर्स के लिए बड़ा खतरा है. क्यों?
- दूर से हमला: 100 किमी रेंज से भारतीय सुखोई-30 या राफेल को लॉक कर मार गिरा सकती है. 2019 में पाक F-16 ने इसी से विंग कमांडर अभिनंदन का MiG-21 गिराया था. अब अपग्रेडेड C8 से खतरा दोगुना.
- BVR युद्ध: भारत-पाक बॉर्डर पर हवाई टकराव में पाक को फायदा. F-16 पहले से समस्या, अब AMRAAM से ‘फर्स्ट लुक, फर्स्ट शॉट, फर्स्ट किल’ मिलेगा.
- पाक की ताकत बढ़ेगी: पाक के 75 F-16 में ये लगेंगी. भारत को S-400, आकाश मिसाइल्स से जवाब देना पड़ेगा, लेकिन नंबर्स में कमी. दो-मोर्चा (चीन के साथ) पर जंग मुश्किल.
एक्सपर्ट्स कहते हैं, भारत को राफेल, तेजस अपग्रेड और Astra मिसाइलें तेजी से तैनात करनी होंगी. ये डील अमेरिका की बैलेंस पॉलिसी दिखाती है.
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