बिहार विधानसभा चुनाव से पहले सीट बंटवारे को लेकर महागठबंधन के भीतर जारी गतिरोध के बीच कांग्रेस आज (बुधवार) एक अहम बैठक करने जा रही है. पार्टी की इस बैठक में बिहार स्क्रीनिंग कमेटी के चेयरमैन अजय माकन सहित कई वरिष्ठ नेता शामिल होंगे. बैठक में 50 से अधिक सीटों पर मंथन होने की संभावना है.
पार्टी सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस का यह कदम एक रणनीतिक दबाव बनाने की कोशिश है, ताकि यह संदेश दिया जा सके कि वह ‘हाई-स्टेक्स’ बिहार चुनाव के लिए पूरी तरह तैयार है.
एक वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने आजतक को बताया, “सीट बंटवारे को लेकर जो भी भ्रम की स्थिति बनी हुई है, उसके बीच दिल्ली में इस बड़ी बैठक का आयोजन हमारे सहयोगियों के लिए साफ संदेश है कि हम अब पीछे नहीं हटेंगे. स्क्रीनिंग कमेटी जिन सीटों पर मुहर लगाएगी, वही सीटें कांग्रेस लड़ेगी. अब इसमें कोई प्रतीकात्मकता या दिखावा नहीं रहेगा.”
VIP का दावा और महागठबंधन की खींचतान
कांग्रेस की केंद्रीय चुनाव समिति (CEC) की यह बैठक उस समय बुलाई गई है जब पटना में आरजेडी नेता तेजस्वी यादव के आवास पर महागठबंधन के नेताओं की तीसरे दौर की चर्चा देर रात तक चली. इस बैठक में आरजेडी, कांग्रेस, विकासशील इंसान पार्टी (VIP) और माकपा (CPI-M) के प्रतिनिधि मौजूद थे.
सूत्रों के मुताबिक, VIP प्रमुख मुकेश सहनी ने 40 से अधिक सीटों की मांग रखी है और कांग्रेस के 60 सीटों के दावे पर सवाल उठाया है. एक नेता ने बताया, “सहनी ने कहा कि मल्लाह समुदाय पूरी तरह उनके साथ है और उनके समर्थन के बिना विपक्ष सत्ता में नहीं आ सकता. इसलिए उन्हें पर्याप्त सम्मान और हिस्सेदारी मिलनी चाहिए. फिर कांग्रेस इतनी बड़ी हिस्सेदारी क्यों मांग रही है?”
बैठक के दौरान VIP और कांग्रेस प्रतिनिधियों के बीच कुछ तीखे शब्दों का आदान-प्रदान भी हुआ. कांग्रेस नेताओं ने तर्क दिया कि राहुल गांधी की ‘वोटर अधिकार यात्रा’ और पार्टी के हालिया प्रदर्शन ने पिछले छह महीनों में विपक्ष को नई ऊर्जा दी है.
सीट बंटवारे की रणनीति या सौदेबाज़ी?
एक अन्य कांग्रेस नेता ने कहा कि यह सीट बंटवारे का गतिरोध दरअसल एक बड़ी राजनीतिक सौदेबाजी की रणनीति हो सकता है. उन्होंने कहा, “ऐसा माना जा रहा है कि आरजेडी ने कुछ छोटे दलों के साथ एक समझ बना रखी है ताकि वे कांग्रेस पर दबाव बढ़ा सकें और उसकी सीटों की संख्या घटाई जा सके. VIP जैसी पार्टियों के पास वास्तव में बहुत कम मजबूत उम्मीदवार हैं और आरजेडी इन सीटों पर अपने नेताओं को मैदान में उतारना चाहती है.”
‘बराबर की हिस्सेदारी’ पर अड़ी कांग्रेस
तनाव और तकरार के बावजूद कांग्रेस अपने रुख पर कायम है. पार्टी का कहना है कि वह अपने नए सहयोगियों को सम्मान देने के लिए तैयार है, लेकिन आरजेडी और कांग्रेस, दोनों को जिम्मेदारी समान रूप से बांटनी चाहिए, खासकर उन सीटों के अनुपात में जिन्हें छोड़ना है. कांग्रेस ने आत्मविश्वास जताते हुए अपने उम्मीदवार चयन की प्रक्रिया को भी तेज कर दिया है. पार्टी ने अब तक करीब 70 सीटों के लिए स्क्रीनिंग प्रक्रिया पूरी कर ली है और उम्मीदवारों की सूची तैयार कर ली है.
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