कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी इन दिनों अमेरिका के दौरे पर है। जहां व्हाइट हाउस में उन्होने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ मुलाकात की। इस दौरान दोनों नेताओं के बीच कुछ हल्की-फुल्की हंसी मजाक भी देखने को मिला। इस दौरान इशारों-इशारों में ट्रंप ने कनाडा को लेकर अपनी मंशा भी जाहिर कर दी। ट्रंप ने मजाक-मजाक में कार्नी से कहा कि कनाडा शायद अमेरिका का 51वां राज्य बन सकता है। इस पर कार्नी ने मुस्कराते हुए जवाब दिया।
बैठक के दौरान ट्रंप ने कहा कि अमेरिका और कनाडा के बीच कुछ मतभेद जरूर रहे हैं, लेकिन वे उन्हें सुलझा लेंगे। उन्होंने कार्नी की शांत और मापी-तौली बातों की शैली की भी तारीफ करते हुए कहा कि मैं काफी क्रिएटिव हूं, लेकिन वो बहुत नपा-तुला बोलते हैं।
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बातचीत में व्यापार और गाजा मुद्दे पर चर्चा
राष्ट्रपति ट्रंप ने बताया कि दोनों देशों के बीच व्यापार जैसे मुद्दों पर चर्चा होगी और गाजा संकट पर भी बात की जाएगी। उन्होंने कहा कि हम इस समय एक बहुत पुराने संघर्ष को खत्म करने की कोशिश कर रहे हैं। गाजा से आगे बढ़कर पूरे मध्य पूर्व में शांति की संभावना बन रही है।
ट्रंप ने दावा किया कि उनके शांति प्रस्ताव को दुनियाभर के देशों का समर्थन मिला है। उन्होंने कहा कि कोई ऐसा देश नहीं है जो इसके खिलाफ हो। इसके साथ ही उन्होंने यह भी इशारा किया कि अमेरिका और कनाडा के बीच कुछ खास समझौते हो सकते हैं।
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कार्नी ने की ट्रंप की तारीफ
इसके अलावा कनाडा के राष्ट्रपति मार्क कार्नी ने राष्ट्रपति ट्रंप की खुलकर तारीफ की और ट्रंप को एक परिवर्तनकारी राष्ट्रपति बताया। उन्होंने कहा कि आपने (ट्रंप) अर्थव्यवस्था में बदलाव लाया, नाटो को मजबूत किया, भारत-पाकिस्तान और अजरबैजान-अर्मेनिया के बीच शांति की कोशिश की और ईरान को आतंकवाद फैलाने से रोका। इस दौरान ध्यान देने वाली बात ये रही कि जब कार्नी अपने भाषण में चर्चा की प्राथमिकताएं गिनवा रहे थे, तभी ट्रंप ने मजाक में टोकते हुए कनाडा और अमेरिका के विलय का जिक्र किया।
मंच पर अब भी देखने को मिला तनाव
हालांकि बैठक में हंसी-मजाक और अच्छे रिश्तों की झलक दिखी, लेकिन कुछ मुद्दों पर तनाव भी नजर आया। अमेरिका इस समय इस्राइल का समर्थन कर रहा है, जबकि कनाडा ने 21 सितंबर को आधिकारिक रूप से फलस्तीन को मान्यता दी थी। गौरतलब है कि मई में दोनों नेताओं की पिछली बैठक में ट्रंप ने फिर से कनाडा को खरीदने या उसका विलय करने की बात कही थी, जिस पर कार्नी ने साफ-साफ कह दिया था कि कनाडा कभी बिकने के लिए नहीं है।