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‘नेपाल और भारत में फिर से राजतंत्र लागू हो’, शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद की मांग – shankaracharya avimukteshwaranand demands monarchy in nepal and india LCLAR


वाराणसी पहुंचे ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने नेपाल में लोकतंत्र की जगह राजतंत्र लागू करने की मांग की. शंकराचार्य ने कहा कि नेपाल में जब तक राजतंत्र था तब तक कोई गड़बड़ी नहीं थी. चीन ने प्रचंड को खड़ा करके नेपाल में लोकतंत्र का माहौल बनाया, लेकिन जनता अब असंतुष्ट है और राजतंत्र वापस चाहती है.

शंकराचार्य ने कहा कि हिंदू समाज की शासन व्यवस्था राजतंत्र है. इसलिए विश्व में कम से कम एक जगह ऐसी हो जहां वेदमंत्रों से अभिषिक्त राजा राज करे और पूरी दुनिया को दिखाया जा सके कि हमारी परंपरा से भी कल्याण हो सकता है.

नेपाल में राजतंत्र लागू करने की मांग

उन्होंने भारत में भी लोकतंत्र की जगह राजतंत्र लागू करने की वकालत की. उन्होंने कहा कि भारत में हिंदू बहुसंख्यक होने के बावजूद दूसरे दर्जे के नागरिक बन गए हैं. अल्पसंख्यकों के लिए 300 योजनाएं चल रही हैं और उनकी हर मांग मानी जाती है, जबकि 100 करोड़ सनातनियों की नहीं सुनी जाती.

सनातन हिंदू एकता पदयात्रा का समर्थन

बिहार चुनाव में उतरने की घोषणा करते हुए शंकराचार्य ने कहा कि गौ माता को राष्ट्रमाता का दर्जा मिले और गौ हत्या को दंडनीय अपराध बनाया जाए. इसके लिए वे हर विधानसभा सीट पर निर्दलीय प्रत्याशी उतारेंगे. उन्होंने धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की सनातन हिंदू एकता पदयात्रा का समर्थन किया और कथावाचकों पर नियंत्रण के लिए शंकराचार्यों को अधिकार लौटाने की मांग की.
 

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