यूपी के सभी 75 जिलों में इस साल दीपावली से पहले ‘स्वदेशी मेला’ आयोजित होगा. यह पहल राज्य के हस्तशिल्पियों, कारीगरों और उद्यमियों के लिए एक बड़ा मंच साबित होगी. एमएसएमई मंत्री राकेश सचान ने बताया कि इस साल राज्य के सभी 75 जिलों में लगभग 9 से 10 दिन तक यह मेले आयोजित होंगे. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसकी अनुमति दे दी है.
मंत्री सचान ने बताया कि यह आयोजन उत्तर प्रदेश इंटरनेशनल ट्रेड शो (UPITS) के बैनर तले होगा और इसके तहत सभी मेले में स्वदेशी मेले की थीम प्रमुख रहेगी. उनका कहना था कि यह पहल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के लोकल टू वोकल के आह्वान को आगे बढ़ाने और स्वदेशी उत्पादों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से की गई है.
हस्तशिल्पियों और कारीगरों के लिए बड़ा अवसर
मंत्री राकेश सचान ने बताया कि पहले इस तरह के मेले केवल 18 मंडलों तक ही सीमित थे, लेकिन इस बार प्रदेश के सभी 75 जिलों में इनके आयोजन का फैसला लिया गया है. इससे कारीगरों और हस्तशिल्प उद्यमियों को सीधे उपभोक्ताओं तक पहुंच का अवसर मिलेगा. इसके अलावा, जीएसटी सुधारों के लाभ भी ग्राहकों तक पहुंचेंगे, जिससे स्वदेशी उत्पादों की कीमतों में पारदर्शिता और बढ़ोतरी होगी. सचान ने कहा, “हस्तशिल्प और स्थानीय उत्पादों को अब बड़े पैमाने पर प्रदर्शित करने का अवसर मिलेगा. यह न केवल कारीगरों की आय बढ़ाएगा, बल्कि उपभोक्ताओं को भी गुणवत्तापूर्ण वस्तुएँ उचित मूल्य पर उपलब्ध होंगी.
मेलों का शुभारंभ और स्थानीय उत्पादों की प्रमुखता
इन मेलों का शुभारंभ प्रत्येक जिले में मंत्री और विधायक करेंगे. प्रदर्शनी में हर जिले के विशेष स्थानीय उत्पादों को प्रमुखता दी जाएगी. इसका उद्देश्य न केवल कारीगरों और उद्यमियों के लिए लाभकारी बाजार तैयार करना है, बल्कि उपभोक्ताओं को भी सीधे मूल्य पर गुणवत्तापूर्ण सामान उपलब्ध कराना है. सचान ने बताया कि प्रदर्शनी में विभिन्न हस्तशिल्प, ओडीओपी (One District One Product), GI उत्पाद और अन्य देशी वस्तुएँ प्रदर्शित की जाएँगी. इससे उपभोक्ता न केवल अपने जिले के उत्पाद देख पाएँगे बल्कि अन्य राज्यों के अनोखे उत्पादों को भी समझने और खरीदने का अवसर मिलेगा.
अगले साल होगा और भी भव्य आयोजन
एमएसएमई मंत्री ने कहा कि UPITS 2025 का तीसरा चरण सफलतापूर्वक संपन्न हुआ है. अगले वर्ष, यानी 25 से 29 सितंबर 2026 तक, इसका चौथा चरण और भी भव्य पैमाने पर आयोजित किया जाएगा. सचान ने यह भी आश्वासन दिया कि इस बार जो कमियाँ देखी गई हैं, उन्हें दूर करके अगले संस्करण को और अधिक प्रभावशाली और व्यवस्थित बनाने का प्रयास किया जाएगा. उनका कहना था कि अनुभव और फीडबैक के आधार पर मेले को हर जिले और राज्य स्तर पर और अधिक आकर्षक और व्यापक बनाया जाएगा.
हर जिले में यूनिटी मॉल की स्थापना
राकेश सचान ने जानकारी दी कि उत्तर प्रदेश में लखनऊ, वाराणसी और आगरा में तीन यूनिटी मॉल की स्थापना का काम केंद्र सरकार की फंडिंग से शुरू हो चुका है. कुछ स्थानों पर भूमि चिन्हित कर शिलान्यास भी कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की योजना है कि सभी 75 जिलों में यूनिटी मॉल स्थापित किए जाएँ, ताकि हर जिले के उत्पाद सीधे बाजार से जुड़ सकें. इन मॉल में केवल संबंधित जिले के उत्पाद ही नहीं, बल्कि अन्य राज्यों के ODOP उत्पाद भी शामिल होंगे, जिससे उपभोक्ताओं को एक ही जगह पर विविध और गुणवत्ता वाले स्वदेशी उत्पाद उपलब्ध हों. राकेश सचान ने आगे कहा, ये मॉल केवल बिक्री का माध्यम नहीं होंगे, बल्कि यह एक ऐसा मंच हैं, जहाँ स्थानीय कारीगरों और उद्यमियों की कला और मेहनत को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिलेगी. हर मॉल में जिले-दर-जिले उत्पादों के प्रदर्शन से देशी वस्तुओं की मांग और प्रचार को बढ़ावा मिलेगा.
‘लोकल टू वोकल’ का मजबूत संदेश
मंत्री राकेश सचान ने यह भी बताया कि इस पहल के पीछे मुख्य उद्देश्य प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ‘वोकल फॉर लोकल’ अभियान को मजबूत करना है. इसका असर न केवल स्थानीय व्यवसायियों और कारीगरों की आय पर पड़ेगा, बल्कि देशी उत्पादों के प्रति उपभोक्ताओं की जागरूकता भी बढ़ेगी. उन्होंने कहा कि यह आयोजन केवल बिक्री तक सीमित नहीं होगा. प्रदर्शनी के माध्यम से उपभोक्ताओं को स्वदेशी उत्पादों की गुणवत्ता और विविधता का प्रत्यक्ष अनुभव मिलेगा. यह पहल देशी वस्तुओं के प्रचार-प्रसार और कारीगरों के आर्थिक उत्थान का मार्ग भी तैयार करेगी.
डिजिटल और ऑफलाइन मार्केटिंग का मिश्रण
मंत्री राकेश सचान ने बताया कि इस बार मेले के प्रचार-प्रसार में डिजिटल मीडिया और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का भी उपयोग किया जाएगा. इससे देशभर के लोग आसानी से स्वदेशी मेलों और यूनिटी मॉल के उत्पादों के बारे में जान पाएंगे और खरीदारी का विकल्प चुन सकेंगे. इस पहल से छोटे और मझौले उद्यमियों को न केवल स्थानीय बाजार, बल्कि राष्ट्रीय और ऑनलाइन उपभोक्ताओं तक पहुंचने का अवसर मिलेगा.
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