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सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र में SC/ST शिक्षकों के लिए दी 50% आरक्षण को मंजूरी, जारी रहेगी नियुक्ति प्रक्रिया – maharashtra school teachers fifty percent reserved seats for SC ST candidates pvpw


सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र में स्कूली शिक्षकों की नियुक्ति में 50% आरक्षण लागू करने की अनुमति दी है. मुख्य न्यायाधीश का कहना है कि संविधान एक स्थिर दस्तावेज़ नहीं, बल्कि एक जैविक दस्तावेज़ है. क्या आप चाहते हैं कि स्कूल बिना शिक्षकों के चलें? हम फिलहाल नियुक्ति प्रक्रिया जारी रहने देंगे.

2023 में चयन हुआ लेकिन नियुक्ति पत्र नहीं मिला

याचिकाकर्ताओं के वकील ने कोर्ट में अपना पक्ष रखते हुए कहा कि हम 835 उम्मीदवार हैं. अनुसूचित क्षेत्रों में अनुसूचित जनजातियों को आरक्षण का लाभ मिलना चाहिए. हमारा चयन 2023 में हुआ था, लेकिन हमें नियुक्ति पत्र जारी नहीं किए गए हैं. इसके बाद मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि यह समस्या पूरे राज्य में व्याप्त है. पालघर महाराष्ट्र का एकमात्र प्रभावित राज्य नहीं है.

वकील ने कोर्ट में बताया कि महाराष्ट्र के 14 जिले ऐसे हैं जहां अनुसूचित जनजाति (ST) का बहुमत है. उन्होंने कहा कि वहां की सरकार ने सभी गैर-एसटी शिक्षकों को हटा दिया है, यहां तक कि वे शिक्षक भी जिनका काम 1996 से चल रहा था. उनका कहना है कि यह अनुचित है.

इसके जवाब में मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि इस मामले में जो नियम लागू है, वह यह है कि आरक्षण की सीमा 50% तक ही हो सकती है. इसका मतलब है कि किसी विशेष क्षेत्र में केवल उसी समुदाय के लोगों को काम देने का अधिकार नहीं है. सभी वर्गों को मौका मिलना चाहिए.

2023 में प्रक्रिया पूरी करने वाले शिक्षकों की ओर से आवेदन में कहा गया है कि यदि कुल संख्या को शामिल कर लिया जाए, तो अनुसूचित जनजातियों के लिए आरक्षण 35% से अधिक नहीं होगा. अगर सच यह है कि कुल आरक्षण 50% से अधिक नहीं है, तो नियुक्तियों में कुछ भी गलत नहीं है, बशर्ते कि वे उचित प्रक्रिया का पालन करें. अनुसूचित जनजाति आरक्षण सीमा के मामले में सुनवाई सुप्रीम कोर्ट द्वारा स्थगित कर दी गई.

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