Karwa Chauth 2025: सुहागिनों का पर्व करवा चौथ हर साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है. इस दिन महिलाएं दिनभर निर्जला व्रत रखकर शाम को चांद का दीदार करने के बाद ही व्रत खोलती हैं. ये त्योहार खासतौर से उत्तर प्रदेश, बिहार, पंजाब हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान और मध्य प्रदेश में मनाया जाता है. तो चलिए जानते हैं करवा चौथ की तिथि, शुभ मुहूर्त और चांद निकलने का सही समय.
2025 करवाचौथ व्रत तिथि
पंचांग के मुताबिक, करवा चौथ का व्रत इस बार 10 अक्टूबर को रखा जाएगा. कार्तिक माह की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि 09 अक्टूबर की रात 10:54 बजे से शुरू होगी और 10 अक्टूबर की शाम 7:38 बजे इसका समापन होगा. करवा चौथ की पूजा करने का शुभ समय सुबह 5:16 बजे से शाम 6:29 बजे तक रहने वाला है. वहीं, चंद्रमा का उदय शाम 7 बजकर 42 मिनट पर होगा.
करवा चौथ पूजा विधि
करवा चौथ के दिन सुहागिन महिलाएं पूरे दिन निर्जला व्रत रखते हुए शाम के समय शुभ मुहूर्त में चौथ माता की पूजा करती हैं. करवा चौथ की रात में जब चंद्रमा निकलता है तो महिलाएं छन्नी में दीया रखकर चांद को देखती हैं और उसकी पूजा करती हैं. इसी छन्नी से महिलाएं अपने पति का चेहरा भी देखती हैं. इसके बाद करवे से जल चढ़ाया जाता है. पूजा के अंत में पति अपनी पत्नी को पानी पिलाकर व्रत खुलवाता है.
करवा चौथ पूजा सामग्री
करवा चौथ की पूजा में फूल और चुनरी, कच्चा दूध, दही, घी, शक्कर और मिठाई, अगरबत्ती, दीपक, अक्षत और पीली मिट्टी के अलावा सिंदूर, मेहंदी, बिंदी, चूड़ियां, बिछुए , महावर, कंघी और पूजन थाली जरूर होना चाहिए. इनके बिना करवा चौथ का त्योहार बिल्कुल अधूरा है.
क्यों किया जाता है चंद्र पूजन?
ऐसी मान्यता है कि करवा चौथ के दिन चंद्रमा की पूजा करने से अखंड सौभाग्य और वैवाहिक जीवन में सुख-शांति का आशीर्वाद मिलता है. चंद्रमा की पूजा करने से मन शांत होता है, जिससे पति-पत्नी के रिश्ते में मजबूती आती है. द्रिक पंचांग के अनुसार, इस बार करवा चौथ पर चांद निकलने का समय 8 बजकर 12 मिनट बताया जा रहा है.
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