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बिहार में इलेक्शन का काउंटडाउन… पटना में EC की टीम, चुनाव को लेकर बढ़ी हलचल – Election Commission team reaches Patna reviews preparations upcoming assembly elections ntc


आगामी बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर तैयारियां तेज हो गई हैं. इसी क्रम में मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) ज्ञानेश कुमार, चुनाव आयुक्त डॉ. सुखबीर सिंह संधू और डॉ. विवेक जोशी दो दिवसीय दौरे पर शुक्रवार देर रात पटना पहुंचे, जहां वह आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारियों की समीक्षा करेंगे. एक अधिकारी ने बताया कि दौरे के बाद जल्द ही विधानसभा चुनाव की घोषणा हो सकती है.

प्राप्त जानकारी के अनुसार, चुनाव आयोग की टीम आज पटना के होटल ताज में अलग-अलग दौर की मीटिंग करेगी. आयोग की टीम सबसे पहले आज सुबह 10 से 12 बजे तक राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक करेगी.

कमिश्नर, डीएम, एसपी के साथ मंथन

इसके बाद आयोग कानून प्रवर्तन अधिकारियों और जिला-स्तरीय निर्वाचन अधिकारियों के साथ मुलाकात करेगी, जहां दो सेशन में राज्य के सभी कमिश्नर, आईजी, डीआईजी, डीएम (जिला निर्वाचन पदाधिकारी) एसपी/एसएसपी स्तर के अधिकारी शामिल होंगे. इस बैठक का उद्देश्य प्रशासनिक व्यवस्थाओं की समीक्षा करना और चुनाव प्रक्रिया को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए आवश्यक कदमों पर चर्चा करना है. रविवार को आयोग पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए लागू किए गए उपायों की समीक्षा करेगा.

शीर्ष अधिकारियों के साथ विचार-विमर्श

इसके बाद चुनाव आयोग की टीम राज्य के मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक और अन्य शीर्ष अधिकारियों के साथ विचार-विमर्श करेगी. वहीं, शुक्रवार को नई दिल्ली स्थित इंडिया इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डेमोक्रेसी एंड इलेक्शन मैनेजमेंट (IIIDEM) में एक ब्रीफिंग सत्र आयोजित किया गया. इस सत्र में 425 से अधिक अधिकारियों को प्रशिक्षित किया गया, जिन्हें बिहार विधानसभा चुनाव और देश भर में होने वाले विभिन्न उपचुनावों के लिए केंद्रीय पर्यवेक्षक के रूप में तैनात किया जाएगा. इनमें 287 आईएएस, 58 आईपीएस और 80 अन्य अधिकारी शामिल हैं जो आईआरएस, आईआरएएस और आईसीएएस सेवाओं से हैं.

मतदाता सूची पर विवाद

उल्लेखनीय है कि ये दौरा चुनाव आयोग द्वारा अंतिम मतदाता सूची प्रकाशित करने के कुछ दिनों बाद हो रहा है, जिसे तीन महीने की अवधि में किए गए विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के भाग के रूप में तैयार किया गया था. सत्तारूढ़ एनडीए इस बात पर जोर दे रहा है कि मतदाता सूची से अशुद्धियों को हटाने के लिए एसआईआर की बहुत आवश्यकता है, जिसमें कथित तौर पर बांग्लादेश से आए अवैध अप्रवासी और म्यांमार से आए रोहिंग्या भी शामिल हो गए हैं.

NDA ने किया एसआईआर का समर्थन

वरिष्ठ बीजेपी नेता विजय कुमार सिन्हा ने कहा, ‘बिहार में चुनाव आयोग का हार्दिक स्वागत है. सभी राजनीतिक दल लोकतंत्र के महापर्व, जो विधानसभा चुनाव होने जा रहा है, में पूर्ण सहयोग प्रदान करें.’

इंडिया ब्लॉक ने लगाए गंभीर आरोप

हालांकि, इंडिया ब्लॉक, जिसके कई घटकों ने इस प्रक्रिया को सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दी है, ने दावा किया है कि एसआईआर भाजपा के नेतृत्व वाले गठबंधन की मदद करने के लिए वोट चोरी का एक प्रयास था.

वरिष्ठ कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार ने कहा, ‘एसआईआर के दौरान कई लोगों के नाम हटा दिए गए हैं। यह सुनिश्चित करना चुनाव आयोग का कर्तव्य है कि कोई गलत तरीके से नाम न हटाया गया हो.’

सीपीआई (एमएल) के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य (जो सुप्रीम कोर्ट में याचिकाकर्ताओं में से एक हैं) ने कहा, ‘कल हम चुनाव आयोग के सामने मतदाता सूची में आई विभिन्न विसंगतियों को उठाएंगे. ऐसा लगता है कि महिला मतदाताओं के नाम अनुपातहीन रूप से काटे गए हैं. ये भी पता नहीं है कि चुनाव आयोग को एसआईआर के दौरान वास्तव में कितने विदेशी नागरिक मिले.’

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