यूपी के सहारनपुर से कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने ‘आई लव मोहम्मद’ विवाद को बेवजह का बताया. उन्होंने ‘आजतक’ से बातचीत में कहा कि सरकार इस तरह के विवाद खड़ा कर रही है ताकि लोग आर्थिक मुद्दों पर सवाल न पूछें. उन्होंने कहा कि एक साधारण पोस्टर पर इतना विवाद करना गलत है. इस पोस्टर पर उन्हें कोई आपत्ति नहीं दिखती है, लेकिन सरकार सिर्फ धर्म देखकर कार्रवाई कर रही है. मसूद ने कहा कि यह सब कुछ एक एजेंडा है, जिसका इस्तेमाल लोगों को भड़काने के लिए किया जा रहा है. मसूद ने यह भी कहा कि मुसलमानों को अपना प्यार पोस्टर के जरिए दिखाने की जरूरत नहीं है, मस्जिद में जाकर नमाज पढ़िए, बाहर निकलकर कर बवाल मत करिए.
नमाज पढ़ने की जगह है मस्जिद
इमरान मसूद ने कहा कि मस्जिद नमाज पढ़ने के लिए है. कुछ लड़के वहां नमाज पढ़ने के बजाय प्रदर्शन करते हैं. इस वजह से नमाजी भी इसमें शामिल हो जाते हैं. उन्होंने कहा कि यह बिल्कुल गलत है और इसे रोका जाना चाहिए. मसूद ने कहा कि यह चार-पांच नए लड़के इस तरह की हरकतें करते हैं, जिससे पूरे समुदाय का नाम खराब होता है. उन्होंने मुसलमानों से अपील की कि वे ऐसे मामलों में न पड़ें और नफरत का शिकार न बनें.
कांग्रेस सांसद ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि देश में इस समय देश को बचाने की लड़ाई चल रही है. उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था खराब हो चुकी है और घर में खाने के लिए कुछ नहीं बचा है. इन सब सवालों से बचने के लिए ऐसे राजनीतिक मुद्दे बनाए जा रहे हैं.
मसूद ने आगे कहा कि सरकार की रणनीति का हिस्सा नहीं बनना है. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सरकार ने फतेहपुर और मुजफ्फरनगर में हुई घटनाओं पर कोई कार्रवाई नहीं की, लेकिन एक छोटे से पोस्टर पर हाथ-पैर तोड़ दिए.
गांधी की विचारधारा के हैं हम
इमरान मसूद ने दावा किया कि वह गांधी की विचारधारा को मानने वाले लोग हैं. उन्होंने कहा कि सरकार अपनी नाकामियों को छिपाने के लिए ऐसी स्थिति बना रही है. मसूद ने कहा कि सरकार को बुलडोजर चलाने का मौका नहीं देना चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि सरकार का कानून उनके लिए अलग है और बाकियों के लिए अलग. बरेली बवाल में 38 लोगों को नामजद कर दिया गया, जिससे उनकी पढ़ाई और करियर खराब हो रहा है.
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