बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख मुहम्मद यूनुस के खिलाफ मानवाधिकार उल्लंघन के कथित आरोपों को लेकर, संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (UNHRC) के 60वें सत्र के दौरान अवामी लीग के सदस्यों ने जेनेवा में विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने फोन कॉल के जरिए प्रदर्शनकारियों को संबोधित किया.
स्विट्जरलैंड अवामी लीग के महासचिव श्यामल खान ने अंतरिम सरकार को पूरी तरह से ‘अवैध’ बताया. खान ने आरोप लगाया कि यूनुस ने “आतंकवादी हमले के जरिए राज्य सत्ता हथियाई” है और वह बांग्लादेश में कई अवैध गतिविधियों को अंजाम दे रहे हैं.
श्यामल खान ने यूनुस पर बांग्लादेश में धार्मिक उग्रवाद को बढ़ावा देने का गंभीर आरोप लगाया. उन्होंने कहा, “हम अवैध यूनुस का तत्काल इस्तीफा चाहते हैं.” खान ने दावा किया कि यूनुस के नेतृत्व में न केवल हिंदू बल्कि अन्य अल्पसंख्यक और स्वतंत्र विचार वाले लोग भी भारी कीमत चुका रहे हैं, जिनकी हर दिन हत्याएं हो रही हैं और वे गायब हो रहे हैं.
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पाकिस्तान कनेक्शन का आरोप
अवामी लीग के महासचिव ने 1971 के विभाजन का जिक्र करते हुए कहा कि यूनुस, पाकिस्तान समर्थक तत्वों के साथ मिलकर पाकिस्तान के साथ फिर से संबंध बनाने की कोशिश कर रहे हैं और बांग्लादेश की स्वतंत्रता के खिलाफ काम कर रहे हैं. उन्होंने बिना किसी वैध कारण के भारत के खिलाफ भी कई चीजें करने का आरोप लगाया.
चुनाव और समर्थन का दावा
खान ने दावा किया कि बांग्लादेश की कम से कम 50% आबादी अवामी लीग का समर्थन करती है और अवामी लीग के बिना एक भी चुनाव कराना ‘मज़ाक’ होगा. प्रदर्शनकारी “आतंकवादी आतंकवादी, यूनुस” और “स्टेप डाउन यूनुस” जैसे नारे लगा रहे थे, साथ ही वे बांग्लादेश के संस्थापक शेख मुजीबुर रहमान के समर्थन में भी आवाज उठा रहे थे. प्रदर्शनकारियों ने मुहम्मद यूनुस का नोबेल शांति पुरस्कार रद्द करने की मांग वाले बैनर भी ले रखे थे.
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