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भारत में ‘ओजेम्पिक’ को मिली मंजूरी…जानें क्या है मोटापा घटाने वाली दवा में खास और कैसे करेगा इलाज – Weight loss injection dug Ozempic grant approval in India tvism


दुनिया भर में मोटापा और डायबिटीज को कंट्रोल करने के लिए कुछ कंपनीज ने जीएलपी-1 और सेमाग्लूटाइड दवाइयां निकालीं जिन्होंने लोगों की डायबिटीज को कंट्रोल किया और ओवरवेट लोगों को वजन कम करने में भी मदद की. भारत में अभी तक मौनजारो और वेगोवी को आधिकारिक रूप से लॉन्च किया गया था लेकिन अब खबर आई है कि द सेट्रल ड्रग्स स्टेंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन (CDSCO) ने नोवो नॉर्डिस्क की ब्लॉकबस्टर दवा, ओजेम्पिक (सेमाग्लूटाइड इंजेक्शन) को भारत में इस्तेमाल के लिए मंजूरी दे दी है. 26 सितंबर 2025 को मिली इस मंजूरी के तहत ओजेम्पिक को टाइप 2 डायबिटीज के लिए डाइट और एक्सरसाइज के साथ प्रयोग की जा सकती है.

हफ्ते में कितनी बार ली जाएगी दवा?

भारत में डायबिटीज और मोटापे की बढ़ती समस्या को देखते हुए जो ओजेम्पिक इंजेक्शन लॉन्च किया है उसे हफ्ते में एक बार लिया जाएगा. कंपनी का कहना है कि ओजेम्पिक ब्लड शुगर को मैनेज करने में मदद करती है और क्लिनिकल स्टडीज में ये भी साबित हुआ है कि यह हार्ट और किडनी के लिए भी फायदेमंद साबित हो सकती है. फिलहाल ओजेम्पिक को मोटापे के ट्रीटमेंट के लिए अप्रूवल नहीं मिला है.

जब आप खाना खाते हैं और ब्लड शुगर बढ़ता है तो ओजेम्पिक शरीर को ज्यादा इंसुलिन रिलीज करने के लिए सिग्नल देता है जिससे शुगर लेवल कम होता है. साथ ही ओजेम्पिक खाने को धीरे-धीरे पचने देता है इससे शुगर अचानक नहीं बढ़ती और लंबे समय तक पेट भरा हुआ लगता है. यही वजह है कि कई लोगों का वजन भी घटने लगता है.

ओजेम्पिक (सेमाग्लूटाइड) इंजेक्शन 0.5 मिलीग्राम, 1 मिलीग्राम, या 2 मिलीग्राम एक इंजेक्शन वाली प्रिस्क्रिप्शन दवा है जिसका उपयोग टाइप 2 डायबिटीज, हाई ब्लड शुगर (ग्लूकोज) में सुधार के लिए डाइट और एक्सरसाइज के साथ किया जाता है.

वेगोवी को मिला है मोटापे के ट्रीटमेंट का अप्रूवल

नोवो नॉर्डिस्क कंपनी की वेगोवी दवा भी कुछ महीने पहले भारत में लॉन्च हुई थी जिसे मोटापे के इलाज का अप्रूवल मिला हुआ है. इसके साथ ही एली लिली कंपनी की मौनजारो इंजेक्शन मार्च 2025 में लॉन्च किया था जो डायबिटीज और मोटापा दोनों के इलाज में इस्तेमाल किया जा सकता है.

कंपनी ने क्या कहा?

नोवो नॉर्डिस्क इंडिया के मैनेजिंग डायरेक्टर विक्रांत श्रोत्रिया ने कहा, ‘ओजेम्पिक से शुगर कंट्रोल करने के साथ-साथ वजन कम करने में भी मदद मिलती है और हार्ट व किडनी से जुड़े जोखिम भी घटते हैं. यानी यह मरीजों को कई फायदे पहुंचा सकती है. उन्होंने बताया कि भारत में करीब 10 करोड़ लोग डायबिटीज से पीड़ित हैं, वहीं 25 करोड़ से ज्यादा लोग मोटापे या ओवरवेट की समस्या से जूझ रहे हैं. हार्ट डिजीज देश में मौत की सबसे बड़ी वजहों में से एक है. ऐसे में अच्छी दवाओं की जरूरत और भी बढ़ जाती है.’

कंपनी पहले से ही रायबेलसस (सेमाग्लूटाइड का ओरल फॉर्म) और वेगोवी मार्केट में बेच रही है. कंपनी का कहना है कि ओजेम्पिक के आने से नोवो नॉर्डिस्क का पोर्टफोलियो और मजबूत होगा. इसमें शुगर कंट्रोल, वजन घटाने और हार्ट व किडनी के फायदे शामिल हैं जो इसे डॉक्टरों की पसंदीदा दवा बना सकते हैं. उन्होंने कहा कि पुराने इलाज जैसे DPP-4 इनहिबिटर, SGLT-2 इनहिबिटर और इंसुलिन का इस्तेमाल जारी रहेगा, लेकिन GLP-1 क्लास की दवाओं को भी उतनी ही महत्वता दी जा रही है.

72 लाख लोग कर चुके हैं इस्तेमाल

कंपनी का दावा है कि दुनिया भर में ओजेम्पिक पहले से ही 72 लाख से ज्यादा लोगों द्वारा इस्तेमाल की जा चुकी है. कंपनी का मानना है कि भारत में भी डॉक्टरों और मरीजों की जागरूकता बढ़ने से इसका इस्तेमाल तेजी से बढ़ेगा. भारत में सप्लाई की कोई दिक्कत नहीं होगी और कंपनी नई बीमारियों जैसे हार्ट, किडनी, अल्जाइमर और लीवर डिजीज (MASH) के लिए भी जल्द दवाएं लाने की तैयारी में है.

(इनपुट: नीतू चंद्र शर्मा)

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