दिल्ली पुलिस की जांच ने स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती नामक ढोंगी बाबा की असलियत को बेनकाब कर दिया है. यह भगवाधारी अपने शिक्षण संस्थान को शोषण का अड्डा बनाकर चल रहा था. अब तीन बहनों रश्मि, काजल और श्वेता के बयानों ने इस घिनौने खेल का पर्दाफाश किया. श्वेता, जो एक मैनेजमेंट संस्थान की डीन रह चुकी थी, और उसकी बहनें वार्डन के पद पर थीं. इनके खुलासों ने बाबा के आश्रम की काली सच्चाई को उजागर किया है. जिसे जानकर हर कोई हैरान है.
रात के अंधेरे में घिनौना खेल
पुलिस को बाबा के मोबाइल से कई आपत्तिजनक तस्वीरें मिलीं, जो रात के समय खींची गई थीं. इनमें एक युवती की तस्वीर थी, जिसे आधी रात को बाबा के आलीशान कमरे में बुलाया गया था. कमरे में बड़ा बेड, टीवी, और बालकनी थी, जो किसी फाइव-स्टार होटल से कम नहीं था. यहीं बाबा अपनी शिकार बनाई गई लड़कियों को बुलाकर उनसे अनुचित व्यवहार करता था.
बेशर्मी की हद
जब पुलिस ने चैतन्यानंद के खिलाफ केस दर्ज किया, तो उसने घबराने की बजाय बेशर्मी दिखाई. उसने अपने अनुयायियों से कहा, ‘मेरा कुछ नहीं होगा, मैं अभी चीफ जस्टिस को फोन करता हूं.’ यह रवैया दर्शाता है कि बाबा को कानून का कोई डर नहीं था. उसकी इस अकड़ ने पुलिस को और सख्ती से जांच करने के लिए प्रेरित किया.
हनीट्रैप का जाल
जांच में पता चला कि पाखंडी चैतन्यानंद ने कई लड़कियों को अल्मोड़ा और अन्य जगहों पर भेजा. एक मामले में उसने एक युवती को किसी पुरुष के साथ अंतरंग तस्वीरें खींचकर भेजने को कहा ताकि उसे हनीट्रैप में फंसाया जा सके. इसके लिए उसने पैसे भी दिए. यह खुलासा बाबा की शातिर चाल का एक और सबूत है.
विदेशी नंबर से चैट का खेल
फरार होने के दौरान बाबा एक लंदन के वॉट्सऐप नंबर का इस्तेमाल करता था. इस नंबर से वह लगातार लड़कियों से संपर्क में रहता था. डिलीट की गई चैट्स को रिकवर करने पर पुलिस को कई चौंकाने वाले संदेश मिले, जिनमें बाबा ने एक लड़की को “बेबी, आई लव यू” जैसे मैसेज भेजे थे. ब्लॉक करने के बाद भी वह नए नंबरों से लड़कियों से संपर्क करता रहा.
सीसीटीवी से निगरानी
पाखंडी बाबा चैतन्यानंद के मोबाइल में HIK Vision ऐप मिला है, जिसके जरिए आश्रम के सभी सीसीटीवी कैमरे उसके फोन से जुड़े थे. वह हर कोने पर नजर रखता था और मौका देखकर लड़कियों को अपने कमरे में बुलाता था. यह निगरानी का जाल उसकी शिकार चुनने की रणनीति का हिस्सा था.
लक्जरी कमरा या शोषण का अड्डा?
फर्जी बाबा का निजी कमरा किसी लग्जरी होटल जैसा था. आलीशान फर्नीचर, बड़ा बेड, और खुली बालकनी के साथ यह जगह युवतियों को लुभाने के लिए बनाई गई थी. यही कमरा बाबा की करतूतों का केंद्र था, जहां वह अपने शिकार को बुलाकर गलत हरकतें करता था.
महंगे गिफ्ट्स से फंसाने की चाल
वो पाखंडी चैतन्यानंद लड़कियों को फंसाने के लिए महंगे गहने, डिजाइनर चश्मे, और घड़ियां गिफ्ट करता था. पुलिस को उसके दस्तावेजों से पता चला कि वह कई लड़कियों के रिज्यूमे मंगवाता था. जांच अधिकारियों को शक है कि वह एयरहोस्टेस की नौकरी का लालच देकर युवतियों को अपने जाल में फंसाता था.
बाथरूम में लगाए थे कैमरे
जांच में सबसे चौंकाने वाला खुलासा यह था कि चैतन्यानंद ने संस्थान के बाथरूम में गुप्त कैमरे लगवाए थे. ये कैमरे सीधे उसके मोबाइल से जुड़े थे, जिससे वह छात्राओं की हर गतिविधि पर नजर रखता था. 17 छात्राओं ने बाबा पर यौन शोषण के आरोप लगाए हैं, जो इन कैमरों से मिले सबूतों से और पुख्ता हुए हैं.
55 दिन, 15 होटल और गिरफ्तारी
केस दर्ज होने के बाद चैतन्यानंद करीब 55 दिन तक फरार रहा. उसने मथुरा, वृंदावन, और आगरा के 15 होटलों में छिपने की कोशिश की. आगरा के एक होटल में 27 सितंबर को पुलिस ने उसे धर दबोचा. होटल रजिस्टर में उसने खुद को स्वामी पार्थसारथी के नाम से दर्ज किया था.
रिमांड और जांच
अब दिल्ली पुलिस ने हवस के पुजारी भगवाधारी चैतन्यानंद को रिमांड पर लिया और उससे सख्ती के साथ पूछताछ की जा रही है. उसके तीन मोबाइल और एक आईपैड फोरेंसिक जांच के लिए भेजे गए हैं. पुलिस यह जानना चाहती है कि उसने कितनी लड़कियों को ब्लैकमेल किया और उसका नेटवर्क कहां तक फैला है. बाबा बार-बार पासवर्ड भूलने और घबराहट का बहाना बना रहा है.
नरकिस्तान का अंत?
चैतन्यानंद की करतूतों ने शिक्षा के मंदिर को शोषण का अड्डा बना दिया था. दिल्ली पुलिस की जांच में अब तक कई पीड़िताओं के बयान दर्ज हो चुके हैं. चैतन्यानंद के खिलाफ गंभीर धाराओं में केस दर्ज है, और उसकी संपत्तियों की भी जांच हो रही है. माना जा रहा है कि और भी पीड़िताएं सामने आ सकती हैं. क्या यह नरकिस्तान का अंत होगा?
(अरविंद ओझा के साथ आज तक ब्यूरो)
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