प्रशांत किशोर ने बिहार सरकार पर सबसे बड़ा हमला बोला है. सरकार के दो मंत्रियों पर काफी गंभीर आरोप लगाया है. ये मंत्री हैं, सम्राट चौधरी और अशोक चौधरी. देखा जाए तो पूरे एनडीए पर. एनडीए के बहाने बीजेपी नेतृत्व पर और, मंत्रियों के बहाने नीतीश कुमार पर सीधा हमला.
डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी बीजेपी के नेता हैं, और अशोक चौधरी जेडीयू के. प्रशांत किशोर के निशाने पर बिहार बीजेपी अध्यक्ष दिलीप जायसवाल सहित और भी नेता हैं. हमलावर रुख को लेकर घिरने पर प्रशांत किशोर अपनी हालिया कमाई की भी घोषणा की है – और जन सुराज के आर्थिक स्रोत की भी.
ताजा हमले में प्रशांत किशोर के निशाने पर बिहार के डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी पहले नंबर पर नजर आए हैं. प्रशांत किशोर ने सम्राट चौधरी को हत्या का आरोपी बताते हुए बिहार के राज्यपाल से गिरफ्तार कर जेल भेजने की मांग की है. और, अशोक चौधरी को मानहानि का नोटिस हफ्ते भर के भीतर वापस न लेने पर उनके खिलाफ भ्रष्टाचार के और भी गंभीर मामलों का पर्दाफाश करने की बात कही है.
पटना में ही वोटर अधिकार यात्रा के समापन पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने हाइड्रोजन बम फोड़ने का ऐलान किया था, और वहीं पर प्रेस कांफ्रेंस में प्रशांत किशोर ने ये सब किया है. राहुल गांधी ने अपनी घोषणा के बाद अपनी ‘वोट-चोरी’ मुहिम के तहत कुछ नए मामले बताए, लेकिन अभी तक उनका हाइड्रोजन बम सामने नहीं आया है. जिस तरह राहुल गांधी भूकंप लाने और बम फोड़कर हड़कंप मचाने की बात करते रहे हैं, प्रशांत किशोर के ये बम तो ज्यादा जोरदार मालूम पड़ रहे हैं.
बिहार के डिप्टी सीएम को गिरफ्तार करने की मांग
प्रशांत किशोर ने बिहार के डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी पर 1995 के एक सामूहिक मर्डर केस से झूठ बोलकर बच निकलने का इल्जाम लगाया है. हाथों में कागज लहराते हुए प्रशांत किशोर ने दावा किया कि सम्राट चौधरी ने कथित तौर पर उस वक्त नाबालिग बताकर सजा से बच गए थे – जबकि, प्रशांत किशोर का दावा है, सम्राट चौधरी की उम्र तब 26 साल थी.
प्रशांत किशोर के मुताबिक, सम्राट चौधरी ने 1995 में अपनी उम्र 14-15 साल दिखाने और नाबालिग के रूप में राहत पाने के लिए बिहार बोर्ड की परीक्षा का प्रवेश पत्र अदालत को दिया था, लेकिन 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में दिए अपने शपथ पत्र में सम्राट चौधरी ने खुद को 51 साल का बताया हुआ है, और उसके हिसाब से 1995 में उनकी उम्र 26 साल होती है.
अशोक चौधरी को प्रशांत किशोर की धमकी
प्रशांत किशोर वैभव विकास ट्रस्ट पर गंभीर सवाल उठाते हुए आरोप लगाया है कि ट्रस्ट के नाम पर 100 करोड़ रुपये से ज्यादा की संपत्ति खरीदी गई है. उन्होंने इसकी अकाउंट डिटेल सार्वजनिक करने की चुनौती दी. प्रशांत किशोर ने इस मामले में बिहार के मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत की सास, और अशोक चौधरी की बेटी शांभवी की सास सहित तीन लोगों का नाम लेकर भ्रष्टाचार के जांच की मांग की है. वो अशोक चौधरी पर भ्रष्टाचार करके 200 करोड़ रुपये की संपत्ति खरीदने का आरोप लगा चुके हैं.
अशोक चौधरी की तरफ से भेजे गए लीगल नोटिस का जिक्र करते हुए प्रशांत किशोर ने हफ्ते भर में वापस लेने की मोहलत दी है. कहा है, अगर सात दिन में मानहानि का नोटिस वापस नहीं लिया गया तो 500 करोड़ की और संपत्ति का ब्योरा पेश करेंगे.
सम्राट से सवाल, तेजस्वी पर निशाना
लगे हाथ प्रशांत किशोर ने तेजस्वी यादव और विपक्षी महागठबंधन की अगुवाई कर रहे आरजेडी को भी कठघरे में खड़ा करने की कोशिश की है. शिल्पी गौतम रेप और मर्डर केस के बहाने प्रशांत किशोर सवाल तो सम्राट चौधरी को लेकर पूछ रहे हैं, लेकिन लपेटे में तेजस्वी यादव और लालू यादव को भी ले लेते हैं.
प्रशांत किशोर का सवाल है, शिल्पी-गौतम सामूहिक दुष्कर्म और हत्याकांड में सम्राट चौधरी संदिग्ध आरोपी थे या नहीं?
और फिर कहते हैं, ये मुद्दा पहले बीजेपी के ही नेता रहे सुशील मोदी ने भी उठाया था. ये तब की बात है जब सम्राट चौधरी आरजेडी में हुआ करते थे. कहते हैं, आज ये खुद भाजपा में हैं, आज की भाजपा का चाल चरित्र देख लिजिए.
प्रेस कांफ्रेंस में प्रशांत किशोर ने कहा, याद कीजिए… इस मामले में साधु यादव पर आरोप लगे थे, और केस सीबीआई को सौंपा गया था. और पूछते हैं, क्या सीबीआई ने सम्राट चौधरी की भी जांच की? क्या जांच के लिए उनके सैंपल लिए गए? उस घटना में उनकी भूमिका आखिर क्या थी?
अपनी हालिया कमाई की भी घोषणा
बिहार की राजनीति में कई नेता शुरू से ही प्रशांत किशोर को बिजनेसमैन बताते रहे हैं. और, जब से वो एनडीए नेताओं को टार्गेट करने लगे हैं, प्रशांत किशोर की आय के स्रोत और जन सुराज पार्टी की फंडिंग पर भी सवाल उठाए जाने लगे हैं – प्रशांत किशोर ने मीडिया के सामने ऐसे सवालों का भी जवाब देने की कोशिश की है.
अपनी पुरानी कमाई का तो नहीं, लेकिन बीते तीन साल की आय के बारे में प्रशांत किशोर ने बताया है कि उनको 241 करोड़ रुपये मिले हैं. प्रशांत किशोर ने बताया कि अपनी कमाई में से 50 करोड़ रुपये (₹30 करोड़ GST और ₹20 करोड़ इनकम टैक्स) आयकर के रूप में, और 98 करोड़ रुपये जन सुराज को दान के रूप में दिया है.
प्रशांत किशोर के मुताबिक, एक पेशेवर सलाह के लिए वो 11 करोड़ रुपये तक चार्ज कर चुके हैं. इस सिलसिले प्रशांत किशोर ने एक कंपनी का भी नाम लिया है. और कहा है कि ये रकम कोई रिश्वत नहीं बल्कि प्रोडक्ट लॉन्च के लिए सलाहियत की फीस है – और, अगर एक पैसे की भी गड़बड़ी साबित हो जाए तो केंद्र सरकार ईडी और सीबीआई से जांच करा सकती है.
बाकी सब तो ठीक है, लेकिन अशोक चौधरी को मिली प्रशांत किशोर की धमकी में एक बड़ा लोचा भी है. प्रशांत किशोर मानहानि का नोटिस वापस न लेने पर 500 करोड़ के भ्रष्टाचार का खुलासा करने का दावा कर रहे हैं. सवाल ये है कि अगर अशोक चौधरी ने नोटिस वापस ले लिया, तो प्रशांत किशोर उनसे जुड़े 500 करोड़ के भ्रष्टाचार की बात छुपा जाएंगे?
अगर भ्रष्टाचार का मामला है, और वो बिहार के लोगों को बताना चाहते हैं, तो हर हाल में बताना चाहिए. अगर नहीं बताते तो उनकी तरफ से लगाए गए आरोपों को ब्लैकमेल ही समझा जाएगा – ऐसे में तो प्रशांत किशोर के दावों पर ही शक होने लगेगा.
—- समाप्त —-