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संभल के सीओ अनुज चौधरी की अब ‘चूड़ियों के शहर’ फिरोजाबाद में तैनाती, प्रमोट होकर बने एडिशनल एसपी – Sambhal CO Anuj Chaudhary promoted to Additional SP in Firozabad lclam


यूपी के संभल में तैनात रहे अर्जुन अवार्ड विजेता पुलिस अधिकारी अनुज चौधरी का 21 महीने बाद तबादला हो गया है. सीओ से प्रमोट होकर एएसपी बने अनुज चौधरी को अब ‘चूड़ियों के शहर’ के नाम से मशहूर फिरोजाबाद का एएसपी ग्रामीण बनाया गया है. चौधरी संभल में तैनाती के दौरान चर्चा में आए थे. सीएम योगी ने भी उनका समर्थन किया था. 

बता दें कि संभल में 21 महीने बाद अर्जुन अवॉर्डी अनुज चौधरी का तबादला हुआ है. उन्हें फिरोजाबाद का एएसपी ग्रामीण बनाया गया है.  अनुज चौधरी पहले संभल में सीओ के पद पर थे और फिर उन्हें एएसपी के रूप में प्रमोट किया गया. संभल में 24 नवंबर 2024 की हिंसा के बाद वह काफी चर्चा में आए थे. उनके बयान भी काफी सुर्खियों में रहे थे. 

दरअसल, अनुज चौधरी को 16 दिसंबर 2023 को संभल में तैनात किया गया था. 24 नवंबर 2024 को जामा मस्जिद में कोर्ट के आदेश पर हुए सर्वे के दौरान हिंसा भड़क गई थी. इस हिंसा के बाद अनुज चौधरी चर्चा में आए. इसके बाद, किष्किंधा रथयात्रा में हाथ में गदा लेकर चलने और ‘होली साल में एक बार, जुम्मा साल में 52 बार’ वाले बयान को लेकर वे विपक्षी पार्टियों के निशाने पर आ गए थे. हालांकि, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘इंडिया टुडे कॉन्क्लेव’ में उनके बयान का समर्थन करते हुए उन्हें ‘पहलवान’ कहा था. 

कैसा रहा संभल में कार्यकाल?

अनुज चौधरी का संभल में कार्यकाल विवादों और चर्चाओं से भरा रहा. अपने बयानों के कारण उन्हें कई जांचों का भी सामना करना पड़ा. पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर ने उनकी शिकायत भी की थी, जिसके बाद जांच शुरू हुई थी. हालांकि, अनुज चौधरी ने कहा कि उनकी मंशा गलत नहीं थी. 3 मई को उन्हें संभल के ही चंदौसी सर्किल में स्थानांतरित किया गया था, जहां वे पिछले साढ़े चार महीने से पुलिसिंग कर रहे थे. स्वतंत्रता दिवस से पहले, 9 अगस्त को उन्हें एएसपी पद पर प्रमोट किया गया था. 

25 साल पुराना है पुलिस करियर

अनुज चौधरी का जन्म 5 अगस्त 1980 को मुजफ्फरनगर के बधेरी गांव में हुआ था. वह साल 2000 में खेल कोटे से यूपी पुलिस में सब-इंस्पेक्टर बने थे. 2003 में उन्हें इंस्पेक्टर और 2012 में सीओ बनाया गया. 13 साल तक सीओ रहने के बाद अब उन्हें एएसपी बनाया गया है. 2005 में उन्हें अर्जुन अवार्ड से सम्मानित किया गया था. 

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