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सरकारी बैंक की कर्मचारी ने बताया- बीमा के नाम पर ग्राहकों को मूर्ख बनाया जा रहा है! – sarkari naukri employee opens up about job struggles government bank sellling useless insurance pvpw


सरकारी नौकरी का सपना देखने वाले उम्मीदवार दिन रात मेहनत करके परीक्षा देते हैं और जब वे पास हो जाते हैं लगता है कि लाइफ में सबकुछ हासिल कर लिया. लेकिन एक सरकारी कर्मचारी की पोस्ट देखकर ऐसा नहीं लगता है. सोशल मीडिया हैंडल रैडिट पर सरकारी बैंक के एक कर्मचारी ने कहा कि भारत में सरकारी नौकरी करना दम घुटने जैसा है. आइए जानते हैं उन्होंने अपने पोस्ट में सरकारी नौकरी के बारे में क्या कुछ बताया.

रेडिट पर वायरल हुआ पोस्ट

एक व्यक्ति ने Reddit के r/IndianWorkplace पर बताया कि किन कारणों से वह उत्तर भारत में बहुत सम्मानित और सुरक्षित माना जाने वाला सरकारी नौकरी वाला करियर नहीं अपना पाया. रेडिट पोस्ट का शीर्षक था, “39 साल की उम्र में, मुझे अपनी सरकारी बैंक की नौकरी में घुटन महसूस होती है. मुझे नहीं लगता कि मैं अब और ऐसा कर पाऊंगा.” इस पोस्ट में उस व्यक्ति ने अपने कार्यालय की एक तस्वीर भी शेयर की. इस तस्वीर में नजर आ रहा है कि सरकारी बैंक का ऑफिस कितना टूटा फूटा है.

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12-12 घंटे ऑफिस में काम करना पड़ता है

अखिल भारतीय स्तर की तीन परीक्षाओं को पास करने के बाद यह पद हासिल करने वाले इस कर्मचारी ने इस नौकरी को एक सपने के सच होने जैसा बताया. उनका मानना ​​है कि बैंक में काम अच्छा है, लेकिन फिलहाल उनकी स्थिति ऐसी है कि इसे अब और बर्दाश्त नहीं कर सकते. उन्होंने दावा किया कि इस नौकरी के कारण उन्हें उच्च थायरॉइड की समस्या और फैटी लीवर की समस्या हो गई है. बैंक में काम करने के लिए दूरदराज के इलाकों में ट्रांसफर, सेल का टारगेट और सुबह 10 बजे से रात 10 बजे तक काम करना पड़ता था.

आम लोगों को बेकार बीमा बेच रही सरकारी बैंक

बैंक कर्मचारी ने  आगे बताया कि उसे नौकरी में बेकार बीमा उत्पाद बेचने, लक्ष्य पूरे करने के लिए हफ्तों तक काम करने और मालिकों की अनुचित मांगों का सामना करना पड़ता है. कर्मचारियों को अपनी शिकायत जताने से रोका जाता है, यहां तक कि सोशल मीडिया पर भी. अब कर्मचारी ने परेशान होकर ऑफिस जाना बंद कर दिया है भले ही सैलरी मिलने में दिक्कत आए. 

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