आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने विधानसभा में ‘स्वस्थ आंध्र प्रदेश’ बनाने की अपनी महत्वाकांक्षा व्यक्त की. उन्होंने जनसंख्या वृद्धि के अनुमानों पर बात करते हुए भारत और चीन के जनसांख्यिकीय रुझानों की तुलना की.
मुख्यमंत्री नायडू ने कहा, “2047 तक, हमारे राज्य की आबादी लगभग 5.41 करोड़ होगी. राष्ट्रीय स्तर पर, भारत की आबादी आज के 143 करोड़ से बढ़कर 2047 तक 162 करोड़ हो जाएगी. इसके विपरीत, चीन की आबादी घट रही है – 148 करोड़ से यह पहले ही 130 करोड़ पर आ गई है, और 2047 तक यह लगभग 100 करोड़ हो जाएगी.”
उन्होंने कहा कि आंध्र प्रदेश की आबादी 2047 तक 5.41 करोड़ होगी और राज्य को “हेल्दी आंध्र प्रदेश” बनाने के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं.
पिछली सरकार पर साधा निशाना
मुख्यमंत्री ने अपनी सरकार की स्वास्थ्य पहलों का बचाव करते हुए पिछली वाईएसआरसीपी सरकार पर पिछले पांच वर्षों में विफल रहने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा, “पिछली सरकार ने पिछले पांच वर्षों में केवल ₹1,550 करोड़ खर्च किए, जो कुल आवश्यक व्यय का केवल 18% है. इसके विपरीत, हमारी गठबंधन सरकार ने सिर्फ 15 महीनों में ₹787 करोड़ खर्च किए हैं, जो 9% है.”
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उन्होंने कहा, “वाईएसआरसीपी ने पांच साल में सिर्फ 18% खर्च किया, फिर भी वे एक साल में 9% खर्च करने के लिए हमारी आलोचना कर रहे हैं.”
PPP मॉडल पर जोर
नायडू ने साफ किया कि वह ‘विनाश’ में विश्वास नहीं करते, बल्कि पिछली सरकार के कुप्रबंधन को ठीक करने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि इसी कारण उन्होंने ‘प्रजा वेदिका’ संरचना को वैसा ही रहने दिया, ताकि यह उनके कुप्रबंधन का प्रतीक बनी रहे.
उन्होंने यह भी बताया कि वाईएसआरसीपी ने सलूर में प्रस्तावित आदिवासी विश्वविद्यालय को विजियानगरम से स्थानांतरित कर दिया था, लेकिन अब उन्होंने इसे सलूर में ही पूरा कराने की जिम्मेदारी ली है.
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नायडू ने कहा कि अगर पिछली सरकार की तरह कॉलेज बनाए जाएं तो इसमें 15 साल और लगेंगे. “इसीलिए हम PPP मॉडल के साथ आगे बढ़ रहे हैं ताकि बेहतर गुणवत्ता और उन्नत स्वास्थ्य सेवा सुनिश्चित हो सके.”
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