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नेपाल के बाद फिलीपींस में नेपो किड्स का विरोध, क्या एशियाई समाज की बीमारी, या पश्चिम में भी नेपोटिज्म? – nepotism trend protest philippines Nepal ntcpmj


नेपोटिज्म पर छुटपुट बात तो पहले भी होती रही, लेकिन अब इसके खिलाफ लोगों का गुस्सा गहरा रहा है. नेपाल में नेपो किड्स पर जेन-z इतना भड़का कि सत्ता ही बदल गई. अब यही ट्रेंड फिलीपींस में भी दिख रहा है. वहां नेपो बेबीज के नाम सोशल ट्रोलिंग हो रही है, साथ ही लोग सड़कों पर भी आ रहे हैं. उनका कहना है कि जब टैक्स वे भरते हैं, तो जिंदगी का आनंद अमीर राजनेताओं की संतानें क्यों लें! लेकिन सोचने की बात है कि भाई-भतीजावाद पर ये बवाल एशियाई देशों तक ही क्यों दिख रहा है? 

अभी क्यों नाराज हैं फिलीपींस के लोग

जुलाई में यहां भारी बारिश और लगातार आए तूफान ने हालात बिगाड़ दिए. राजधानी भी इससे बची नहीं रह सकी. सरकारी डेटा खुद मान चुके कि सैकड़ों लोग मारे गए, हजारों घर पानी में डूब गए और करीब 15 लाख लोगों को अपनी जगह छोड़नी पड़ी. स्कूलों को शेल्टर बनाना पड़ा. लंबे समय तक वहां बिजली-पानी की सुविधा बहाल नहीं हो सकी. 

लेकिन असली गुस्सा तब भड़का जब सामने आया कि अरबों डॉलर के फ्लड कंट्रोल प्रोजेक्ट सिर्फ कागजों पर बने थे. जिन पुलों, बांधों और नालों पर करोड़ों खर्च दिखाए गए, वहां या तो काम अधूरा था या मौजूद ही नहीं था. जनता को समझ आ गया कि उनकी जान के बदले भी नेता और ठेकेदार अपना घर भर रहे हैं. इसी बीच सोशल मीडिया पर बहुत से नेपो किड्स अपनी चमक-दमक वाली जिंदगी दिखाते रहे. गुस्सा भड़का और सोशल मीडिया पर नेपो बेबीज ट्रेंड करने लगा. कहा जाने लगा कि नेताओं के बच्चे पार्टी, लग्जरी कार और फॉरेन ट्रिप कर रहे हैं, जबकि जनता मलबों के बीच रहने को मजबूर है. 

philippines floods (Photo- AP)
फिलीपींस में बाढ़ राहत के नाम पर काफी सारे घोटाले हुए. (Photo- AP)

क्या कहना है सरकार का

गुस्सा सिर्फ सोशल मीडिया ट्रोलिंग तक नहीं रहा. 21 सितंबर को बड़ा प्रदर्शन हो सकता है. इधर सरकार डरी हुई है कि कहीं  उनके देश का हाल भी नेपाल जैसा न हो जाए. उसने आनन-फानन एलान कर दिया कि करप्शन की स्वतंत्र जांच की जाएगी, जिसमें नेताओं का दखल नहीं होगा. साथ ही दोषियों को सजा दी जाएगी. घोषणा के अलावा एक काम और किया गया. राष्ट्रपति ने अगले साल के लिए तमाम फ्लड कंट्रोल प्रोजेक्ट्स को रद्द कर दिया है. बता दें कि ये देश अक्सर ही कुदरती आपदाओं से घिरा रहता है, ऐसे में आने वाले सालों के लिए पहले ही बड़ा फंड अलग से रखा जाता है. अब ये फंड खेती-किसानी और हेल्थ के लिए खर्च किया जाएगा. 

नेपाल और फिलीपींस ही नहीं, कई देशों में नेपोटिज्म पर बात हो रही है. लेकिन दिलचस्प ये है कि सारे के सारे एशियाई देश हैं. तो क्या पश्चिम, जिसे एशिया लगातार फॉलो करता रहा, वो नेपो ट्रेंड से बचा हुआ है? अगर नहीं तो क्यों वहां इसपर बात नहीं होती?

अगर हम पश्चिम की बात करें, जैसे अमेरिका, यूरोप, तो क्या वहां नेपोटिज्म नहीं है? बिल्कुल है. खासकर अमेरिका में हॉलीवुड, राजनीति, कॉर्पोरेट बोर्ड्स में लेगेसी एडवांटेज काफी मजबूत रहा. मिसाल के तौर पर, हॉलीवुड में प्रोड्यूसर और स्टार बनने वाले अक्सर स्टार्स के बच्चे ही होते हैं. कॉर्पोरेट का भी यही हाल है. राजनीति में भी परिवारवाद है. कई सांसद, मंत्री-संतरी सत्ता के भीतर ही जन्म लेते रहे. 

donald trump with media (Photo- AP)
अमेरिका में नेपोटिज्म रोकने के लिए कानून हैं. (Photo- AP)

एक बड़ा अभियान अमेरिका में कोविड से ठीक पहले चला भी था. राजनीति में लेगेसी हायरिंग पर खूब विवाद हुआ था. लेकिन ये मीडिया तक ही सीमित रहा. सोशल मीडिया से होते हुए सड़कों तक नहीं पहुंचा. इसकी एक वजह ये है कि पश्चिम में आमतौर पर निजी लाइफ की गोपनीयता को ऊपर रखा जाता है. वहां सीधे-सीधे तुम नेपो हो, जैसे आरोप सार्वजनिक तौर पर नहीं लगते, अंदरखाने भले लड़-भिड़ जाएं. 

नेपोटिज्म को रोकने के लिए यहां कानून भी बने

अमेरिका में साठ के दशक के आखिर में फेडरल एंटी नेपोटिज्म लॉ बन गया था. इसके तहत राष्ट्रपति अपने बच्चों को या परिवार के दूसरे लोगों को सीधे सरकारी नौकरी नहीं दे सकता. सरकारी पदों पर मेरिट और तजुर्बे के आधार पर ही नियुक्ति हो सकती है. इसमें राष्ट्रपति या वाइट हाउस अधिकारियों के इमिडिएट परिवार के अलावा भाई-बहन, सास-ससुर जैसे रिश्ते भी शामिल हैं. कड़े कानून की वजह से ऐसे मामले दिखें भी तो सीधे अदालतों तक जाते हैं, न कि सड़कों तक.

हालांकि यूएस के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर नेपोटिज्म का सीधा आरोप लगा. अपने पहले टर्म में उन्होंने परिवार के कई लोगों को वाइट हाउस में बड़े पद दिए थे. बेटी इवांका को राष्ट्रपति का एडवायजर बना दिया गया, जबकि उनके पास कोई राजनीतिक तजुर्बा नहीं था. इसपर वे घिरे भी. लेकिन ट्रंप की दलील थी कि एडवायजरी पोजिशन कानून के दायरे में नहीं आती.  

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