मणिपुर के बिष्णुपुर जिले में शुक्रवार शाम उग्रवादियों ने असम राइफल्स के जवानों पर घात लगाकर हमला कर दिया. इस हमले में दो जवान शहीद हो गए जबकि पांच अन्य घायल हुए. यह घटना राज्य के बिष्णुपुर जिले के नमबोल सबल लाइकाई इलाके में हुई, जो राजधानी इंफाल से करीब 16 किलोमीटर की दूरी पर है.
जानकारी के मुताबिक शाम करीब 5:50 बजे असम राइफल्स का वाहन इंफाल से बिष्णुपुर की ओर जा रहा था. तभी 4 से 5 हथियारबंद उग्रवादियों ने अचानक जवानों के वाहन पर ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी. गोलीबारी इतनी तीव्र थी कि जवानों को पोजिशन लेने का भी समय नहीं मिला. हालांकि, जवानों ने संयम बरता और भीड़भाड़ वाले इलाके में आम लोगों के हताहत होने से बचाने के लिए तुरंत जवाबी फायरिंग नहीं की.
इस हमले में शहीद हुए जवानों की पहचान नाइक सुबेदार श्याम गुरूंग और राइफलमैन केशप के रूप में हुई है. घायल जवानों को इंफाल स्थित रीजनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (RIMS) में भर्ती कराया गया है. उनमें से एक जवान एन. नोंगथोन ने बताया कि हमलावर अचानक गोलीबारी करने लगे, लेकिन जवानों ने तुरंत जवाबी फायरिंग नहीं की क्योंकि घटना भीड़भाड़ वाले इलाके में हुई और आम लोगों के हताहत होने की आशंका थी.
घायलों में निंगथौखोंगजम नोंगथोन (इंफाल ईस्ट), डी.जे. दत्ता (लखीमपुर, असम), हवलदार बी.के. राय (सिक्किम), एल.पी. संगमा (तुरा, मेघालय) और सुभाषचंद्र (उत्तराखंड) शामिल हैं.
घटना के बाद सर्च ऑपरेशन
पुलिस और फॉरेंसिक टीम ने मौके से बड़ी संख्या में कारतूस बरामद किए हैं. प्रारंभिक जांच के अनुसार हमलावर हमले के बाद पास के घने इलाकों में भाग निकले. सुरक्षा बलों ने इलाके में कॉम्बिंग ऑपरेशन शुरू कर दिया है.
हमला जिस जगह हुआ, वह क्षेत्र AFSPA (आर्म्ड फोर्सेज स्पेशल पावर्स एक्ट) के दायरे में नहीं आता. अफस्पा वर्तमान में मणिपुर के लगभग पूरे इलाके में लागू है, लेकिन घाटी के पांच जिलों के 13 थाना क्षेत्रों को इससे बाहर रखा गया है. नमबोल उन्हीं इलाकों में शामिल है. इससे यह भी सवाल उठ रहे हैं कि क्या हमलावरों ने जानबूझकर ऐसी जगह को चुना, जहां सुरक्षाबलों की जवाबी कार्रवाई पर कानूनी सीमाएं अधिक हों.
राज्यपाल और नेताओं की प्रतिक्रिया
राज्यपाल अजय कुमार भल्ला ने इस हमले की निंदा की और शहीद जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की. उन्होंने कहा, “ऐसे घृणित हमलों को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. सुरक्षा बलों का बलिदान देश की रक्षा के लिए हमेशा याद किया जाएगा.”
पूर्व मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने RIMS जाकर घायल जवानों से मुलाकात की और कहा, “हमारे बहादुर जवानों पर हुआ यह हमला बेहद दुखद है. शहीदों के परिवारों के प्रति संवेदनाएं व्यक्त करता हूं और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं. दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए.”
मणिपुर में लागू है राष्ट्रपति शासन
गौरतलब है कि मणिपुर में दो साल से अधिस समय से शांति नहीं लौटी है. मई 2023 से शुरू हुए मैतेई और कुकी समुदायों के बीच जातीय संघर्ष में अब तक कम से कम 260 लोगों की मौत हो चुकी है और हजारों लोग विस्थापित होकर राहत शिविरों में रह रहे हैं. इसी साल फरवरी में राज्य में बढ़ते तनाव और हिंसा के बीच तत्कालीन मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने इस्तीफा दे दिया था. इसके बाद राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया गया.
(पीटीआई के इनपुट के साथ)
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