उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में 20 वर्षीय नीट अभ्यर्थी दीपक गुप्ता की हत्या के एक दिन बाद, यूपी पुलिस के अतिरिक्त महानिदेशक (एडीजी) कानून-व्यवस्था अमिताभ यश स्थिति का जायजा लेने के लिए गोरखपुर शहर पहुंचे और परिवार को दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया.
मौके पर पहुंचे एडीजी अमिताभ यश
स्थानीय पुलिस अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी देते हुए पीटीआई को बताया कि मंगलवार देर शाम यहां पहुंचे वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी ने जंगल धूषण चौराहा स्थित घटनास्थल का निरीक्षण किया. इसके बाद मृतक दीपक गुप्ता के परिजनों से मुलाकात की और कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को एक विस्तृत रिपोर्ट सौंपी जाएगी.
ADG ने ली अधिकारियों की बैठक
एक अधिकारी ने बताया कि बाद में अमिताभ यश ने सर्किट हाउस में ज़िला मजिस्ट्रेट और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सहित वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के साथ एक उच्च-स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की और उन्हें दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए.
पुलिस ने किया फ्लैग मार्च
इस बीच, रात भर भारी पुलिस बल इलाके में तैनात रहा और निवासियों को आश्वस्त करने और शांति बनाए रखने के लिए इलाके में फ्लैग मार्च किया गया. इस हत्या से मऊचापी गांव में व्यापक आक्रोश फैल गया था, जहां ग्रामीणों की पुलिस से झड़प हुई और मंगलवार को गोरखपुर-पिपराइच मार्ग जाम कर दिया गया था.
फर्नीचर की दुकान में घुसने की कोशिश!
पुलिस अधिकारियों के अनुसार, यह उपद्रव सोमवार देर रात तब शुरू हुआ जब दो पिकअप वैन में सवार 10-12 कथित पशु तस्करों ने एक स्थानीय व्यापारी की फ़र्नीचर की दुकान में घुसने की कोशिश की. दुकान मालिक का बेटा दीपक शोर मचाने के लिए स्कूटर से मौके पर पहुंचा, उसके बाद अन्य ग्रामीण भी वहां पहुंचे.
सिर में चोट लगने से दीपक की मौत
इसके बाद कथित तस्करों ने गोलीबारी की और दीपक को अपनी एक गाड़ी में घसीटकर भागने की कोशिश की. बाद में दीपक का खून से लथपथ शव लगभग 4 किलोमीटर दूर मिला था. पुलिस ने कहा कि उसकी मौत सिर में गंभीर चोट लगने से हुई और गोली लगने की संभावना से इनकार किया है.
पथराव में SP और SHO घायल
इस दौरान ग्रामीणों ने एक संदिग्ध को पकड़ लिया, उसकी गाड़ी में आग लगा दी और उसकी पिटाई कर दी. जब पुलिस घायल संदिग्ध को बचाने पहुंची, तो ग्रामीणों ने पथराव किया, जिसमें पुलिस अधीक्षक (उत्तर) जितेंद्र श्रीवास्तव और पिपराइच के थाना प्रभारी घायल हो गए थे.
ग्रामीणों ने PAC के जवानों को खदेड़ा
इस घटना के बाद गोरखपुर पुलिस ने जंगल धूसर पुलिस चौकी के प्रभारी और पूरे स्टाफ को कर्तव्य के प्रति गंभीर लापरवाही और उदासीनता के आरोप में निलंबित कर दिया. इस मामले में विभागीय जांच के भी आदेश दिए गए हैं. मंगलवार दोपहर दीपक के अंतिम संस्कार के दौरान तनाव फिर से बढ़ गया जब ग्रामीणों ने पीएसी कर्मियों पर पथराव किया, जिससे उन्हें पीछे हटना पड़ा.
पीड़ित परिवार की मांग
परिवार ने एक करोड़ रुपये के मुआवजे, सरकारी नौकरी और आरोपियों के लिए मौत की सजा की मांग की है. मृतक की गमगीन मां ने कहा कि अगर पुलिस ने तुरंत कार्रवाई की होती तो उनके बेटे को बचाया जा सकता था.
डीएम का बयान
जिला मजिस्ट्रेट दीपक मीणा ने हत्या को बेहद दुखद बताया और कहा कि परिवार की सभी मांगों पर विचार किया जा रहा है. आगे की हिंसा को रोकने के लिए गांव में वरिष्ठ अधिकारियों को तैनात किया गया है.
विपक्ष का वार
इस घटना पर राजनीतिक प्रतिक्रियाएं भी सामने आई हैं, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इसे योगी आदित्यनाथ सरकार की बड़ी विफलता बताया और आरोप लगाया कि प्रशासन तस्करों को संरक्षण दे रहा है.
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