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दो साल की जंग पर विराम… हमास-इजरायल के बीच सीजफायर को सफल बनाने के लिए US भेज रहा है 200 सैनिक – us troops israel gaza ceasefire humanitarian aid military support coordination ntc


दो साल पहले – 7 अक्टूबर, 2023 को हमास और इज़रायल के बीच जंग शुरू हुई थी. इसमें हजारों लोगों की मौत हुई और लाखों लोग बेघर हो गए. लेकिन, अब इज़रायल और हमास के बीच शांति समझौता हो गया है. दोनों पक्षों ने संघर्ष रोकने, बंधकों को रिहा करने और कई अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर सहमति जताई है. इस समझौते में अमेरिका, मिस्र और कतर ने अहम भूमिका निभाई है. 

दोनों पक्षों के बीच सीजफायर कई चरणों में होगा. पहले चरण में दोनों एक दूसरे के बंधकों को रिहा करेंगे. इज़रायल के सैनिक गाजा के प्रमुख इलाकों से पीछे हटेंगे और गाजा में राहत सहायता सामग्री भेजना संभव होगा. 

अमेरिका इज़रायल में अपने 200 सैनिकों को भेज रहा है ताकि सीजफायर समझौते पर निगरानी की जा सके. ये लोग सीजफायर के अन्य साझेदार देशों, ग़ैर-सरकारी संगठनों और प्राइवेट सेक्टर के रिप्रेजेंटेटिवों से मुलाक़ात करेंगे.  

क्या है इसका उद्देश्य?

अमेरिकी अधिकारियों के अनुसार, अमेरिकी सेंट्रल कमांड इजरायल में एक “नागरिक-सैन्य समन्वय केंद्र” स्थापित करने जा रहा है. इसका मुख्य काम मानवीय सहायता की आपूर्ति में मदद करना, गाजा में सुरक्षा सहायता पहुंचाना और दो साल से चल रहे युद्ध से तबाह हुए क्षेत्र में शांति बनाए रखना .

अमेरिका सैनिकों का काम है कि वह सीजफायर समझौते को सफल बनाना और गाजा के लोगों को जरूरी सामान पहुंचाना है.

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अमेरिका ने सीजफायर में निभाई अहम भूमिका

हमास और इज़रायल को संघर्ष विराम के लिए मनाना आसान नहीं था. लेकिन अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने निर्णायक भूमिका निभाई. उन्होंने कूटनीतिक पहल और रणनीतिक दबाव से इस समझौते को सफल बनाया. ट्रंप ने सितंबर में 20-बिंदुओं वाली शांति योजना पेश की थी, जिस पर दोनों पक्षों ने मंजूरी दी.

सीजफायर पर लोगों की प्रतिक्रिया क्या है?

सीजफायर होने से गाजा और इज़रायल के लोगों ने खुशी जताई है. लोग उम्मीद जता रहे हैं कि लंबे समय से चल रहे इस संघर्ष का यह अंत होगा. 

दो साल में 67 हजार मौतें

गाजा में अक्टूबर 2023 से अक्टूबर 2025 तक दो सालों में जारी इजरायल-हमास युद्ध ने एक भयानक मानव संकट को जन्म दिया है. इस युद्ध में कुल 67,200 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें अधिकांश आम नागरिक हैं. इस हिंसा में लगभग 1,980 इजरायली भी मारे गए.

मरने वालों में बच्चों और महिलाओं का हिस्सा सबसे अधिक चिंताजनक है. गाजा में मृतकों में लगभग 30 फीसदी बच्चे और 16 फीसदी महिलाएं हैं. आंकड़ों के अनुसार 20,179 बच्चों और 10,427 महिलाओं की मौत हो चुकी है. इसके अलावा, 4,800 से ज्यादा बुजुर्ग भी इस हिंसा में अपनी जान गंवा चुके हैं. यह संख्या मानवता के लिए एक गंभीर चेतावनी है.

गाजा की आबादी लगभग 1.9 मिलियन है, जिनमें से 90 फीसदी लोग इस संघर्ष के कारण बार-बार विस्थापित हुए हैं. लाखों लोग आज भी अपने घरों से दूर विभिन्न आश्रयों में भटक रहे हैं, जिनकी हालत दयनीय है.

इनपुट: रॉयटर्स

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