पार्किंग का ठेका लेना एक अच्छा बिज़नेस विकल्प है, क्योंकि शहरों में गाड़ियों की बढ़ती संख्या के साथ भीड़-भाड़ वाले इलाकों में पार्किंग की माँग भी बढ़ रही है. ऐसे में, प्रमुख जगहों पर पार्किंग की जगह लेना फ़ायदे का सौदा हो सकता है. आप अस्पताल, कॉलेज, मॉल, और बाज़ारों जैसी जगहों पर पार्किंग का काम कर सकते हैं.
पार्किंग का ठेका कैसे मिलता है?
सबसे पहले यह समझना ज़रूरी है कि नगर पालिका, नगर निगम, या सरकारी संस्थान पार्किंग स्पेस को मैनेज करने के लिए ठेके (टेंडर) निकालते हैं. पार्किंग का ठेका लेने के लिए टेंडर प्रक्रिया में हिस्सा लेना होता है. इसमें पहले रजिस्ट्रेशन करना, फिर बोली लगाना, और अंत में ज़रूरी दस्तावेज़ जमा करना शामिल है. पार्किंग का ठेका कुछ सालों के लिए ही दिया जाता है, जिसके बाद दोबारा टेंडर निकाला जाता है. हर राज्य और केंद्र सरकार का अपना ई-प्रोक्योरमेंट पोर्टल होता है, जहां पार्किंग से जुड़े ठेके निकाले जाते हैं.
पार्किंग के ठेके कहां निकलते हैं?
अगर आप सड़क के किनारे, सरकारी बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन के बाहर, या बाज़ार में पार्किंग का टेंडर लेना चाहते हैं, तो इसका ठेका ज़्यादातर नगर निगम या नगर पालिका निकालती है. आप संबंधित नगर निगम/नगर परिषद की वेबसाइट, नगर निगम के नोटिस बोर्ड, या स्थानीय अख़बारों में इसकी जानकारी ले सकते हैं.
बस अड्डे की पार्किंग: अगर आप बस अड्डे की पार्किंग लेना चाहते हैं, तो आपको स्टेट ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन की वेबसाइट या रोडवेज/परिवहन विभाग के कार्यालय में नोटिस देखना होगा.
रेलवे स्टेशन की पार्किंग: रेलवे स्टेशन की कार या बाइक पार्किंग का ठेका लेने के लिए, आप भारतीय रेलवे या उनके ज़ोनल/डिविज़नल ऑफ़िस से पता कर सकते हैं. आप इंडियन रेलवे के ई-प्रोक्योरमेंट पोर्टल ([https://ireps.gov.in/](https://ireps.gov.in/)) पर भी जा सकते हैं.
एयरपोर्ट की पार्किंग: एयरपोर्ट की पार्किंग का ठेका लेने के लिए आपको एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया (AAI) की वेबसाइट पर जाना होगा.
प्राइवेट पार्किंग: मॉल, मल्टीप्लेक्स, अस्पताल, या प्राइवेट कॉम्प्लेक्स अपनी पार्किंग का ठेका निजी स्तर पर देते हैं. इसके लिए आप सीधे संबंधित मॉल/अस्पताल/कॉम्प्लेक्स के मैनेजमेंट से बात कर सकते हैं या किसी स्थानीय ब्रोकर या कॉन्ट्रैक्टर से संपर्क कर सकते हैं.
सरकार की इस वेबसाइट पर निकलते हैं हर तरह के टेंडर
यह भारत सरकार का केंद्रीय ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म है, जिसे eprocure.gov.in पर देखा जा सकता है. इस पोर्टल पर भारत सरकार के सभी मंत्रालय, विभाग, PSU (Public Sector Undertaking), रेलवे, रक्षा, नगर निगम, और अन्य सरकारी संस्थान अपनी निविदाएं (टेंडर) प्रकाशित करते हैं. यहां पार्किंग से जुड़े टेंडर भी प्रकाशित किए जाते हैं.
पार्किंग टेंडर में हिस्सा लेने के लिए, आपको केंद्रीय लोक खरीद पोर्टल (CPPP) जैसे सरकारी ई-प्रोक्योरमेंट पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करना होगा. रजिस्ट्रेशन के बाद, आपको अपनी ज़रूरत या बिज़नेस से संबंधित टेंडर खोजना होगा. जब कोई टेंडर मिले, तो उसके दस्तावेज़ को ध्यान से पढ़ें. इसमें लिखा होता है कि कौन आवेदन कर सकता है, किन-किन दस्तावेज़ों और फ़ॉर्मेट की ज़रूरत होगी, और किन शर्तों का पालन करना होगा.
इसके बाद आपको एक सटीक और प्रतिस्पर्धी बोली तैयार करनी होगी. इसमें आपकी कीमत, कंपनी का अनुभव, और माँगे गए सभी दस्तावेज़ शामिल होने चाहिए. इस बोली को पोर्टल पर डिजिटल सिग्नेचर और सही सॉफ़्टवेयर की मदद से ऑनलाइन सबमिट करना होता है. ध्यान रखें कि बोली समय सीमा से पहले सबमिट हो जाए. ठेका नियम और शर्तों के अनुसार, सबसे ऊँची बोली लगाने वाले (Highest Bidder) को दिया जाता है.
टेंडर के लिए आवेदन करते समय एक शुल्क जमा करना होता है, जो वापस नहीं किया जाता. दस्तावेज़ों में पैन कार्ड, आधार कार्ड, जीएसटी रजिस्ट्रेशन (यदि लागू हो), पिछले अनुभव का सर्टिफ़िकेट (यदि कोई हो), निविदा शुल्क की रसीद, और ज़मानत राशि का ड्राफ़्ट जमा करना होता है.
—- समाप्त —-