पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री और जेल में बंद पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के प्रमुख इमरान खान ने मंगलवार को आरोप लगाया कि सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर ने जानबूझकर अफगानिस्तान के साथ रिश्तों को नुकसान पहुंचाया है. उनका दावा है कि यह सब काबुल की मौजूदा तालिबान सरकार का विरोध करने वाले लॉबी को खुश करने और खुद को पश्चिमी देशों के सामने रक्षक के तौर पर पेश करने के लिए किया गया.
72 वर्षीय इमरान खान, जो बीते दो साल से विभिन्न मामलों में जेल में बंद हैं, ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “आसिम मुनीर के सेना प्रमुख बनने के बाद से लगातार उकसावे की कार्रवाई की गई ताकि अफगानिस्तान को पाकिस्तान के साथ युद्ध में धकेला जा सके.”
उन्होंने आरोप लगाया कि मुनीर शासन ने पहले अफगान सरकार को गंभीर धमकियां दीं और फिर धार्मिक, नैतिक और अंतरराष्ट्रीय शरणार्थी अधिकारों का उल्लंघन करते हुए उन अफगानों को पाकिस्तान से बाहर निकाल दिया जो तीन पीढ़ियों से यहाँ रह रहे थे.
इमरान खान ने कहा कि अफगान ज़मीन पर हमले किए गए और अब कबायली इलाकों में आतंकवादियों की मौजूदगी के बहाने सैन्य अभियान चलाया जा रहा है. इन नीतियों के कारण हमारे अपने लोग मारे जा रहे हैं. यह तरीका कभी शांति स्थापित नहीं कर सकता. स्थायी शांति सिर्फ संवाद से आती है.
उन्होंने शांति बहाल करने के लिए तीन पक्षों को साथ लाने की बात कही. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के कबायली इलाकों के लोग, अफगान सरकार और अफगान जनता को साथ आने की जरूरत है.
इमरान खान ने कहा कि किसी भी सैन्य कार्रवाई से आतंकवाद और बढ़ेगा और पुलिस को आतंकवाद से निपटने में झोंकने से सुशासन और क़ानून-व्यवस्था चरमरा जाएगी. उन्होंने अपने सहयोगी नेताओं से बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में शांति और व्यवस्था बनाए रखने के विशेष उपाय करने की अपील भी की.
पूर्व क्रिकेटर से नेता बने इमरान खान ने यह भी कहा कि उनके दल की खैबर पख्तूनख्वा सरकार को बदनाम करने की साज़िश की जा रही है. उन्होंने पीटीआई के विधायकों से अपील की कि वे मुख्यमंत्री अली अमीन गंडापुर के साथ मिलकर प्रांत की चुनौतियों का समाधान करें.
उन्होंने अपने सहयोगी नेता मह्मूद खान अचकज़ई के नेतृत्व में अफगानिस्तान में शांति वार्ता के लिए एक प्रतिनिधिमंडल भेजने का सुझाव भी दिया.
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