भोजपुरी सुपरस्टार पवन सिंह ने गृह मंत्री अमित शाह से खास मुलाकात की. अब इस मुलाकात के फोटोज भी सामने आए हैं, जो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं. अमित शाह के साथ पवन सिंह ने राष्ट्रीय लोक मोर्चा के प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा से भी मुलाकात की. इस मुलाकात के बाद से ही बिहार के सियासी गलियारों में एक्टर के खूब चर्चे हो रहे हैं. इस मुलाकात को शाहबाद और मगध क्षेत्र में एक बार फिर से कुशवाहा और राजपूत समाज को एनडीए के पक्ष में एकजुट करने की कोशिश माना जा रहा है.
अमित शाह से मिले पवन सिंह
पवन सिंह ने अपने ऑफिशियल इंस्टाग्राम अकाउंट पर गृह मंत्री अमित शाह संग फोटोज शेयर की हैं. इनमें उन्हें अमित शाह के साथ खड़े पोज देते, उनका सत्कार करते और साथ बैठकर बातें करते देखा जा सकता है. इसके अलावा पवन सिंह, उपेंद्र कुशवाहा को गले लगा रहे हैं.
पवन सिंह ने फोटो के कैप्शन में लिखा, ‘जातिवादी राजनीति के पोषकों के दिल पर आज ये फोटो देखकर सांप लोट रहे होंगे. लेकिन जिनके दिल में विकसित बिहार का सपना बसता है, वो कब तक एक दूसरे से दूर रह सकते हैं. आज उपेंद्र कुशवाहा जी से मुलाकात हुई और उन्होंने दिल से आशीर्वाद दिया. मोदी जी और नीतीश जी के सपनों का बिहार बनाने में आपका बेटा पवन पूरा पावर लगाएगा. पावर यहीं से शुरू हो रही है.’
दूर हुए कुशवाहा संग गिले-शिकवे!
इस पोस्ट को देख फैंस के बीच भी हलचल मच गई है. कुछ ने सवाल किया है कि क्या पवन सिंह ने भाजपा को जॉइन कर लिया है. तो वहीं कई ‘पावर स्टार की पावर से बिहार में फिर से बीजेपी के आने’ का जश्न मना रहे हैं. वहीं सियासी गलियारों में पवन सिंह की इस फोटो ने हंगामा मचा दिया है. आरजेडी से बाहर किए गए तेज प्रताप यादव ने इस मुलाकात पर कहा कि पवन सिंह कलाकार हैं और उन्हें कलाकारी ही करनी चाहिए.
जानकारी के मुताबिक, उपेंद्र कुशवाहा से मंगलवार, 30 सितंबर को पवन सिंह ने उनके दिल्ली आवास पर मुलाकात की. पवन सिंह के साथ बिहार बीजेपी प्रभारी विनोद तावड़े और राष्ट्रीय मंत्री ऋतुराज सिंह भी थे. इस दौरान पवन सिंह ने उपेंद्र कुशवाहा को गले लगाया और उनके पैर छुए. इस तरह से उन्होंने कुशवाहा के साथ अपने सारे गिले-शिकवे दूर कर लिए हैं.
तेज प्रताप ने कही ये बात
तेज प्रताप यादव ने कहा, ‘इन लोगों का यही काम है. खासकर जिस व्यक्ति पवन सिंह का नाम आपने लिया है, वो इसी तरह के काम के लिए जाते हैं. पवन सिंह कभी लखनऊ में हमारे पैरों पर गिरे हुए थे. लेकिन वे अब दोबारा किसी और के पैर पर गिरने चले गए हैं. वे लगातार किसी न किसी के पैर में गिर रहे हैं. इनको समझ में नहीं आ रहा है कि क्या करें. इनका बुद्धि और विवेक काम नहीं कर रहा है.’
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