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कभी IAS-IPS तो कभी जज बनकर की शादी, महिलाओं से करोड़ों की ठगी करने वाला ‘नटवरलाल’ चढ़ा पुलिस के हत्थे – natwarlal arrested matrimonial fraud women cheated lclcn


कानपुर पुलिस ने मेट्रिमोनियल साइट के जरिए महिलाओं को शादी का झांसा देकर करोड़ों की ठगी करने वाले आरोपी को गिरफ्तार किया है. आरोपी कभी खुद को जज तो कभी IAS और IPS अधिकारी बताकर महिलाओं से दोस्ती करता और फिर लाखों की रकम हड़प लेता था. पुलिस ने नवाबगंज से आरोपी विष्णु शंकर गुप्ता (42) और उसकी कथित पत्नी आयुषी गुप्ता (33) को हिरासत में लिया है.

मेट्रिमोनियल साइट से शुरू हुई साजिश

पुलिस के मुताबिक, आरोपी ने केजीएमयू की नर्सिंग अधिकारी से फर्जी प्रोफाइल बनाकर संपर्क किया. खुद को जज बताकर कई महीनों तक बातचीत की और शादी का प्रस्ताव रखा. इसके बाद महिला का विश्वास जीतने के बाद लग्जरी कार दिलाने का झांसा देकर करीब 59.50 लाख रुपए हड़प लिए.

कार और सिनेमा हॉल में रची चाल

पीड़िता के अनुसार, आरोपी ने उसे कानपुर के सिविल लाइंस स्थित एक मॉल बुलाया. वहां फर्जी नंबर प्लेट लगी कार में बैठाकर नकद रकम ली और सिनेमा हॉल में दाखिल हुआ. बहाना बनाकर वह वहां से फरार हो गया. इसके बाद महिला ने कर्नलगंज थाने में शिकायत दर्ज कराई.

सीसीटीवी और कॉल डिटेल से पकड़ा गया ठग

डीसीपी सेंट्रल श्रवण कुमार सिंह ने बताया कि पुलिस ने 380 से अधिक सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली और कॉल डिटेल्स निकालीं. जांच के आधार पर आरोपी दंपती तक पुलिस पहुंची और नवाबगंज से दोनों को गिरफ्तार कर लिया.

गिरफ्तारी से बचने के लिए छोड़े कुत्ते

गिरफ्तारी के वक्त आरोपी ने पुलिस पर अपने पालतू कुत्ते छोड़ दिए, लेकिन टीम ने काबू पा लिया. रकम बरामद कराने से इनकार करने पर पुलिस ने मोहल्ले में गधों पर बैठाकर जुलूस निकालने की चेतावनी दी. बदनामी के डर से आरोपी टूट गया और 42.50 लाख रुपए बरामद कराए गए.

पत्नी भी बनी थी शिकार

आयुषी गुप्ता ने पूछताछ में बताया कि पहले वह भी इसी ठग की साजिश का शिकार बनी थी. बाद में दोनों ने शादी कर ली, तलाक लिया और फिर साथ रहने लगे. अब दोनों मिलकर ठगी को अंजाम देते थे.

कई महिलाओं को बनाया निशाना

जांच में खुलासा हुआ है कि आरोपी सिर्फ एक महिला नहीं, बल्कि 10 से अधिक महिलाओं को निशाना बना चुका है. कभी खुद को जज, तो कभी IAS और IPS अधिकारी बताकर वह भरोसा जीतता और मोटी रकम ठग लेता था. वह असली अफसरों की तैनाती और पदस्थापना तक की जानकारी जुटाकर अपने प्रोफाइल को विश्वसनीय बनाता था. फिलहाल पुलिस ने आरोपी को जेल भेज दिया है और अन्य पीड़िताओं की तलाश में जांच जारी है.

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