उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UPSSSC) की प्रारम्भिक अर्हता परीक्षा-2025, 07 सितम्बर को राजकीय बालिका इंटर कॉलेज, जियामऊ, लखनऊ में आयोजित कई गई थी. इस परीक्षा में 25 लाख से ज्यादा कैंडिडेट्स ने रजिस्ट्रेशन कराया था लेकिन करीब पांच लाख अभ्यर्थियों ने एग्जाम छोड़ दिया. इस परीक्षा लगभग 20 लाख उम्मीदवार बैठे थे. वहीं, परीक्षा के दौरान फर्जी कैंडिडेट्स भी पकड़े गए हैं.
परीक्षा केंद्र में हुई पूरी जांच
आयोग की तरफ से फर्जी कैंडिडेट्स, चीटिंग, नकलची कैंडिडेट्स पकड़ने और सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम थे. प्रथम पाली की परीक्षा के दौरान सुबह लगभग 11:30 बजे कंट्रोल रूम से सूचना मिली कि अभ्यर्थी सुमित यादव का आईरिस स्कैन मैच नहीं हो रहा है. इसके बाद कैंडिडेट की एंट्री रोकी गई है. स्टैटिक मजिस्ट्रेट व बायोमेट्रिक टीम को बुलाया गया. परीक्षा कक्ष में ही पूरी जांच की गई.
जांच में पाया गया कि अभ्यर्थी का आधार UIDAI से जेनरेटेड नहीं था और बायोमेट्रिक मिसमैच दिखा रहा था. मौके पर मौजूद पुलिस व अधिकारियों ने जब कड़ाई से पूछताछ की तो परीक्षार्थी ने अपना असली नाम रवीश कुमार पुत्र स्व. फकीरा प्रसाद बताया. उसने कबूला कि वह सुमित यादव की जगह सॉल्वर बनकर परीक्षा देने आया था.
तैयार किया था फर्जी दस्तावेज
रवीश ने सुमित यादव के आधार कार्ड में कूटरचना कर फोटो बदलकर फर्जी दस्तावेज तैयार किया. मौके से प्रवेश पत्र, आधार कार्ड की प्रतियां, OMR शीट, प्रश्न पुस्तिका और उपस्थिति पत्रक बरामद किए गए.इनोवेटिव एजेंसी की रिपोर्ट भी संलग्न की गई, जिसमें बायोमेट्रिक गड़बड़ी का उल्लेख है. आरोपी को गिरफ्तार कर थाना गौतमपल्lलाया गया और धोखाधड़ी व कूटरचना की धाराओं में FIR दर्ज की गई.
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