Premanand Maharaj: इस बार दिवाली का पर्व 20 अक्टूबर को मनाया जाएगा. दीपावली के दिन भगवान गणेश और मां लक्ष्मी का पूजन करना बेहद शुभ और लाभकारी माना जाता है. मान्यता है कि इस दिन मां लक्ष्मी धरती पर भ्रमण करती हैं और अपने भक्तों पर विशेष कृपा बरसाती हैं. इसी विषय पर एक भक्त ने प्रेमानंद महाराज से पूछा कि आखिर किन घरों में स्वयं मां लक्ष्मी का वास होता है.
इन घरों में आती हैं मां लक्ष्मी
इस पर प्रेमानंद महाराज ने उत्तर दिया, ‘मां लक्ष्मी केवल सोने-चांदी या धन-संपत्ति की देवी नहीं हैं, बल्कि वे ऊर्जा, सकारात्मकता और कर्म की प्रतीक हैं. शास्त्रों में कहा गया है कि जहां उत्साह और जोश है, वहीं मां लक्ष्मी का वास होता है. जो व्यक्ति हर कार्य को समर्पण और लगन के साथ करता है, उसके जीवन में दरिद्रता टिकती नहीं. यदि किसी काम को कल करना है, तो उसे आज ही शुरू करें, क्योंकि अभी से बेहतर कोई समय नहीं होता. आलस्य और नकारात्मक सोच मां लक्ष्मी के आगमन में सबसे बड़ी बाधा हैं. इसलिए व्यक्ति को सदैव कर्मशील रहना चाहिए. जो अपने कार्य, व्यापार या अनुष्ठान में मन, वचन और कर्म से जुड़ा रहता है, उसके घर मां लक्ष्मी का स्थायी निवास बन जाता है.’
प्रेमानंद महाराज आगे कहते हैं, ‘उत्साही व्यक्ति के पास अद्भुत शक्ति होती है, जिससे वह कठिन से कठिन कार्य भी सरलता से पूरा कर लेता है. लेकिन केवल उत्साह ही पर्याप्त नहीं है, कृतज्ञता भी बेहद जरूरी है. जो दूसरों के उपकार को मान देता है और ‘धन्यवाद’ की भावना रखता है, वह सच्चे अर्थों में लक्ष्मीपुत्र कहलाता है. साथ ही, हृदय में सबके प्रति प्रेम रखना चाहिए. स्वभाव से निर्मल और आचरण से पवित्र व्यक्ति के घर स्वयं मां लक्ष्मी पदार्पण करती हैं.’
जातक को प्राप्त होता है मां लक्ष्मी का आशीर्वाद
वे आगे जोड़ते हैं, ‘शास्त्रों में कहा गया है कि जो नाम-जप करता है, कीर्तन करता है और अपने आचरण को पवित्र रखता है, उसके भीतर दिव्यता स्वतः जागृत होती है. गंदे विचारों, अपवित्र दृश्यों और नकारात्मक संगति से दूर रहें, क्योंकि ये तत्व हमारे उत्साह को कमजोर करते हैं और मां लक्ष्मी को दूर भगाते हैं. इसलिए, यदि आप चाहते हैं कि आपके घर में स्थायी रूप से मां लक्ष्मी वास करें, तो मन में उत्साह बनाए रखें, कर्म को धर्म बनाएं, दूसरों के प्रति प्रेम और कृतज्ञता रखें और जीवन में सच्चाई व पवित्रता अपनाएं. फिर देखिए, मां लक्ष्मी स्वयं आपके द्वार पर खड़ी होंगी.’
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