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Bihar Election 2025 Two Days Until Nominations Close India Alliance Confuse In Seat Sharing – Amar Ujala Hindi News Live


बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे और अंतिम चरण के लिए नामांकन प्रक्रिया खत्म होने में अब केवल दो दिन बाकी हैं, लेकिन INDIA गठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर असमंजस और आपसी तालमेल की कमी साफ दिखाई दे रही है। जहां एक ओर गठबंधन दल यह कह रहे हैं कि नए सहयोगियों को समायोजित करने के चलते देरी हो रही है, वहीं झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) ने गठबंधन से दूरी बना ली है और घोषणा की है कि वह बिहार की छह सीटों पर अकेले चुनाव लड़ेगा।

सहयोगी दल के खिलाफ ही उतारे प्रत्याशी

बिहार में इंडिया ब्लॉक के सबसे बड़े दल राष्ट्रीय जनता दल (राजद) को राज्य की कुल 243 में से सबसे ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ना है, उसने कई जगहों पर बिना तालमेल के टिकट बांटे हैं, जिनमें कुछ सीटों पर सहयोगी दलों के खिलाफ भी अपने उम्मीदवार उतार दिए गए हैं। अभी तक उसने उम्मीदवारों की कोई संकलित सूची जारी नहीं की है।

अब तक 53 उम्मीदवारों की घोषणा

कांग्रेस ने अब तक 48 सीटों की पहली सूची, फिर शुक्रवार को एक अलग नाम और शनिवार को 5 और सीटों की घोषणा की। इनमें किशनगंज से इजहारुल हुसैन को हटाकर AIMIM के पूर्व विधायक कमरुल होदा को टिकट दिया गया है। कमरुल होदा 2019 के उपचुनाव में AIMIM के टिकट पर जीते थे, लेकिन 2020 में तीसरे स्थान पर रहे। वह दो साल पहले RJD में शामिल हुए थे, लेकिन अब कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं।

70 सीटों पर लड़ने की तैयारी

कांग्रेस पार्टी ने पूर्व मंत्री अफाक आलम की जगह अब पप्पू यादव समर्थित इरफान आलम को कसबा से टिकट दिया है। वहीं पूर्णिया से जीतेन्द्र यादव, जिनकी पत्नी नगर निगम की महापौर हैं, और गया से डिप्टी मेयर महेंद्र कुमार श्रीवास्तव को टिकट दिया गया है। सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस इस बार 70 से कम सीटों पर लड़ने को तैयार हो गई है, हालांकि सटीक आंकड़ा अब तक घोषित नहीं किया गया है।

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8 सीटों पर सहयोगी दल में ही टक्कर

इधर, पटना में कांग्रेस के कुछ असंतुष्ट नेताओं ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर AICC प्रभारी कृष्णा अल्लावरू पर टिकट वितरण में अनियमितता और “टिकट बिक्री” का आरोप लगाया। कम से कम 8 सीटों पर गठबंधन के दो दल आमने-सामने हैं, जिनमें तीन सीटों पर RJD और कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला हो सकता है। इस बीच, कुटुंबा सीट पर भी विवाद सामने आया है, जहां से राज्य कांग्रेस अध्यक्ष राजेश राम चुनाव लड़ रहे हैं, लेकिन खबर है कि RJD भी अपना उम्मीदवार उतार सकती है। इससे नाराज होकर राजेश राम ने कई गुस्से भरे ट्वीट किए हैं, जिन्हें कांग्रेस नेतृत्व ने अनुचित बताया है और समाधान की उम्मीद जताई है।

इन विवादों के बीच कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा, “हम समझौते के बेहद करीब हैं। हां, मांग और आपूर्ति में थोड़ा फर्क है, लेकिन नामांकन वापसी तक स्थिति स्पष्ट हो जाएगी।” इस बीच एनडीए में भी सब कुछ ठीक नहीं लग रहा है, हालांकि उसके सभी सहयोगी दलों ने समय पर अपनी सीटों और उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है।

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भोजपुरी अभिनेत्री सीमा सिंह का नामांकन रद्द

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जदयू, जो 101 सीटों पर लड़ रही है, उसने आखिरी समय में अमौर से पूर्व राज्यसभा सांसद साबिर अली को उम्मीदवार बनाया है। पहले यहां से सबा जफर को टिकट मिला था। साबिर अली को 2014 में पीएम मोदी की तारीफ करने पर पार्टी से निष्कासित किया गया था, बाद में वे भाजपा में चले गए थे। जहां उन्हें पार्टी के अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ का महासचिव बनाया गया। इस बीच सत्तारूढ़ गठबंधन को मढ़ौरा सीट पर भी शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा, जहां भोजपुरी अभिनेत्री से नेता बनीं सीमा सिंह, जो केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) की उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ रही थीं, उनका नामांकन पत्र तकनीकी आधार पर खारिज कर दिया गया।