दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता पर हुए हमले के मामले में दिल्ली पुलिस ने तीस हजारी कोर्ट में आरोपपत्र दाखिल कर दिया है. इस मामले में दो आरोपियों, राजेश खिमजी और शेख तहसीन रजा, के खिलाफ कार्रवाई की गई है, जिन्हें पुलिस ने पहले ही गिरफ्तार कर लिया था. कोर्ट ने आरोपपत्र को स्वीकार कर लिया है, और जल्द ही इसकी सुनवाई शुरू होने की उम्मीद है.
घटना अगस्त 2025 में हुई, जब मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता अपने सरकारी आवास पर जनसुनवाई कार्यक्रम में हिस्सा ले रही थीं. इस दौरान उन पर राजेश खिमजी ने हमला कर दिया था. आरोपी ने दिल्ली सीएम के बाल पकड़कर खींच दिए थे, जिससे वह नीचे गिर गई थीं. खिमजी खुद को पीड़ित बताकर जनसुनवाई में पहुंचा था और दस्तावेज दिखाने के बहाने अचानक मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता पर हमला कर दिया था.
राजकोट का रहने वाला है आरोपी
सुरक्षाकर्मियों ने तुरंत उसे काबू में कर लिया और हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी. वह गुजरात के राजकोट का रहने वाला है. आरोपी की मां भानु बेन ने मीडिया से बातचीत में बताया था, ‘मेना बेटा किसी भी राजनीतिक दल से जुड़ा नहीं है, बल्कि पशु प्रेमी है. वह डॉग्स के मामले को लेकर दुखी था. वह हमेशा कहता था कि कुत्तों को पीटना नहीं चाहिए बल्कि उन्हें खाना खिलाना चाहिए. इसी वजह से वह दिल्ली गया था.’
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दिल्ली के सिविल लाइंस थाने में भारतीय न्याय संहिता की संबंधित धाराओं के तहत दोनों आरोपियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी. दिल्ली पुलिस ने जांच के दौरान पुलिस ने घटनास्थल से सबूत जुटाए, प्रत्यक्षदर्शियों के बयान दर्ज किए और अन्य तकनीकी साक्ष्यों का विश्लेषण किया. अब दाखिल किए गए आरोपपत्र में इन सभी तथ्यों को विस्तार से शामिल किया गया है, जो मामले की गंभीरता को दर्शाता है.
हमले के पीछे का मकसद स्पष्ट नहीं
दिल्ली पुलिस के सूत्रों के अनुसार, आरोपपत्र में हमले के पीछे के मकसद और परिस्थितियों को स्पष्ट करने की कोशिश की गई है. हालांकि, अभी तक यह सार्वजनिक नहीं किया गया है कि हमले के पीछे की वजह क्या थी. पुलिस का कहना है कि जांच में सभी पहलुओं को ध्यान में रखा गया है, और कोर्ट में पेश किए गए सबूतों के आधार पर आरोपियों को सख्त सजा दिलाने की कोशिश है.
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