राजस्थान के जैसलमेर बस अग्निकांड में बस को मोडिफाई करने वाली कंपनी के मालिक मनीष जैन को जैसलमेर पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. पिछले दिनों एक दर्दनाक हादसे ने सभी को झकझोर दिया. जैसलमेर से जोधपुर जा रही एक निजी एसी स्लीपर बस में आग लगने से 21 लोगों की मौत हो गई, जिनमें तीन बच्चे भी शामिल हैं. हादसा 14 अक्टूबर की रात थैयत गांव के पास हुआ, जो जैसलमेर शहर से करीब 10 किलोमीटर दूर है. बस में कुल 57 यात्री सवार थे, जिनमें कई परिवार और बच्चे भी शामिल थे.
पांच दिन पहले ही लगाई गई थी नई एसी यूनिट
जानकारी के मुताबिक, बस में पांच दिन पहले ही नई एसी यूनिट लगाई गई थी. देर रात अचानक बस में आग लग गई और देखते ही देखते लपटों ने पूरे वाहन को घेर लिया. कुछ ही मिनटों में बस आग के गोले में बदल गई. कई यात्री बाहर निकल भी नहीं सके और मौके पर ही जलकर मर गए.
सेना ने की बचाव में मदद
हादसा आर्मी वॉर मेमोरियल के पास हुआ, जिसके चलते सेना के जवान तुरंत मौके पर पहुंचे और राहत-बचाव कार्य में जुट गए. प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, ‘तेज धमाके के बाद बस से धुआं उठता दिखा. यात्रियों को बचाने के लिए दरवाजा तोड़ना पड़ा.’
सुरक्षा मानकों पर उठे सवाल
यह हादसा केवल एक दुर्घटना नहीं बल्कि देश में बस सुरक्षा मानकों की पोल खोलता है. भारत में हर साल सैकड़ों बसें खराब डिजाइन, बंद निकास द्वारों और लचर सुरक्षा नियमों के कारण यात्रियों के लिए मौत का जाल बन जाती हैं.
जांच जारी
पुलिस और फॉरेंसिक टीमें आग लगने के कारणों की जांच कर रही हैं. शुरुआती आशंका है कि बस की एसी यूनिट में शॉर्ट सर्किट से आग लगी होगी. फिलहाल बस मालिक और ड्राइवर से पूछताछ जारी है.
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