Dhanteras 2025: धनतेरस, जिसे धन्वंतरि त्रयोदशी भी कहा जाता है, दीपावली पर्व की शुरुआत का प्रतीक है. इस दिन भगवान धनवंतरि समुद्र मंथन से अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे. इसलिए इस दिन धातु के बर्तन, सोना, चांदी या अन्य शुभ वस्तुएं खरीदना अच्छा माना गया है. धनतेरस के दिन मां लक्ष्मी और भगवान कुबेर की पूजा के अलावा शाम को दीपक जलाने का भी विशेष महत्व है.
धनतेरस की शाम को घर के मुख्य द्वार, खिड़कियों और आंगन में दीपक जलाने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं. इस दिन संध्या के समय यमराज के नाम का दीपक जलाया जाता है ताकि परिवार पर किसी भी प्रकार की अकाल मृत्यु या अशुभता का साया न पड़े. इसलिए दीपक जलाते समय कुछ खास नियमों का पालन करना भी बेहद जरूरी हो जाता है. तो चलिए जानते हैं धनतेरस पर दीपक जलाने की सही दिशा, नियम और शुभ मुहूर्त
पूजा घर में दीपक जलाना
धनतेरस के दिन शाम के समय पूजा घर में मां लक्ष्मी और कुबेर देवता के नाम दीपक जलाना चाहिए. इस दीपक में घी का उपयोग करना अत्यंत शुभ माना जाता है. मान्यता है कि पूजा स्थल पर दीपक जलाने से घर में सुख-समृद्धि, धन-वैभव और सकारात्मक ऊर्जा का वास होता है.
दक्षिण दिशा में यम के नाम का दीपक
धनतेरस पर यम की पूजा और दीपक जलाने की परंपरा है. दक्षिण दिशा में यम के नाम का चौमुखी दीपक जलाना शुभ माना जाता है. इसे जलाने से परिवार पर अकाल मृत्यु, कष्ट और अशुभता का प्रभाव कम होता है. धनतेरस के शाम प्रदोष काल में यम दीपक जलाना बहुत शुभ माना जाता है. दीपक जलाने का शुभ समय शाम 5 बजकर 48 मिनट से 7 बजकर 4 मिनट तक रहेगा.
धनतेरस पर कितने दीपक जलाने चाहिए
धनतेरस पर दीपदान का खास महत्व है. धनतेरस पर 13 दीपक जलाना शुभ माना जाता है. पहला दीपक घर के बाहर किसी कोने में जलाया जाता है.
धनतेरस पर दीपदान का शुभ मुहूर्त
धनतेरस पर दीपदान का शुभ मुहूर्त इस वर्ष शाम 5 बजकर 48 मिनट से शुरू होकर 7 बजकर 04 मिनट तक रहेगा. कुल समयावधि 1 घंटा 16 मिनट है.
इस समय दीपक जलाने के दौरान ध्यान रखें, जैसे- दीपक घी या तिल के तेल से जलाएं. दीपक को साफ-सुथरे स्थान पर रखें. दीपक जलाते समय ॐ श्रीं महालक्ष्म्यै नमः या ॐ कुबेराय नमः का जप करना अत्यंत फलदायी होता है.
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