UP News: मेरठ में बुढ़ाना गेट स्थित इस्माइल नेशनल महिला डिग्री कॉलेज में प्रदर्शनी के दौरान दो मुस्लिम युवतियों को प्रवेश नहीं दिया गया. दरअसल, मुनीरा और आयशा नाम की युवतियां ज्वेलरी का स्टॉल लगाने के लिए कॉलेज में आई थीं. बुर्का पहनकर प्रदर्शनी में हिस्सा लेने पहुंचीं थीं. कॉलेज में प्रवेश के समय गेट पर तैनात महिला कर्मचारी ने दोनों को अंदर जाने से रोक दिया और कहा कि सुरक्षा कारणों से बुर्का पहने हुए प्रवेश नहीं दिया जा सकता.
युवतियों ने बुर्का नहीं हटाया और कॉलेज प्रशासन के साथ काफी देर तक बहस होती रही, लेकिन एंट्री नहीं मिली. अंत में दोनों युवतियों ने अपना सामान लेकर वापस लौटने का निर्णय लिया. कॉलेज प्रशासन का कहना है कि दोनों युवतियां कॉलेज की छात्रा नहीं थीं, बल्कि बाहरी थीं, इसलिए सुरक्षा के लिहाज से उन्हें प्रवेश नहीं दिया गया.
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आएशा ने कहा कि हम कॉलेज की एग्जीबिशन में ज्वेलरी का स्टाल लगाने आए थे. इसके लिए हमने अपना नाम लिखवा दिया था. जब यहां आए तो कहा गया कि बुर्का में नहीं, बल्कि नॉर्मल कपड़ों में एंट्री ले सकते हैं. इसको लेकर हमने बुर्का हटाने से मना कर दिया.
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इस पूरे मामले को लेकर कॉलेज की चीफ प्रॉक्टर दीप्ति कौशिक ने कहा कि दोनों बाहरी थीं और सुरक्षा कारणों से उन्हें अंदर जाने से रोका गया. यह कॉलेज का आंतरिक नियम है, जिसका पालन हर किसी को करना होता है. दोनों ही बाहरी थीं, वे कॉलेज की स्टूडेंट नहीं हैं. सिक्योरिटी परपस से यहां पर हमने चेंजिंग रूम बनाया है, वहां पर बुर्का चेंज किया जा सकता है. हम नहीं चाहते कि आइडेंटिफाई हो कि कौन किस धर्म का है. सब स्टूडेंट बराबर हैं.
दीप्ति कौशिक का कहना था कि अगर दोनों युवतियां चाहतीं, तो सुरक्षा और पहचान सुनिश्चित करने के लिए चेंजिंग रूम में बुर्का बदलकर प्रदर्शनी में हिस्सा ले सकती थीं. कॉलेज प्रशासन के अनुसार, यह नियम हर बाहरी आगंतुक पर लागू होता है, ताकि परिसर में किसी प्रकार की सुरक्षा या पहचान संबंधी समस्या न हो.
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