दिल्ली स्थित जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) में चल रहे चुनावी विवाद के बीच शनिवार शाम छात्रों और दिल्ली पुलिस के बीच टकराव की स्थिति बन गई. जानकारी के अनुसार, लेफ्ट से जुड़े छात्र वसंत कुंज नॉर्थ थाना (PS Vasant Kunj North) की ओर मार्च करने जा रहे थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें जेएनयू वेस्ट गेट पर रोक दिया.
इस दौरान छात्रों और पुलिस के बीच धक्का-मुक्की हुई, जिसके बाद पुलिस ने 28 छात्रों को हिरासत में ले लिया. इनमें 19 पुरुष और 9 महिला छात्र शामिल हैं.
दिल्ली पुलिस के मुताबिक, हिरासत में लिए गए छात्रों में जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष नितेश कुमार, उपाध्यक्ष मनीषा और महासचिव मुन्तिया फातिमा भी शामिल हैं. पुलिस ने बताया कि शाम करीब 6 बजे 70–80 छात्र वेस्ट गेट पर एकत्र हुए और बिना अनुमति के धरना-प्रदर्शन की कोशिश की.
पुलिस ने पहले ही इलाके में बैरिकेडिंग कर रखी थी ताकि छात्र नेल्सन मंडेला मार्ग की ओर न बढ़ें, लेकिन उन्होंने बैरिकेड तोड़ते हुए आगे बढ़ने की कोशिश की. इस दौरान छात्रों ने पुलिसकर्मियों से हाथापाई की और कई ने अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया. पुलिस ने बताया कि स्थिति को नियंत्रित करने के दौरान छह पुलिसकर्मी चार पुरुष और दो महिला घायल हुए हैं, जिन्हें प्राथमिक इलाज के लिए भेजा गया.
छात्रों ने पुलिस पर लगाए आरोप
जेएनयू के लेफ्ट संगठनों का आरोप है कि पुलिस भारतीय जनता पार्टी से संबद्ध छात्र संगठन एबीवीपी (ABVP) के छात्रों को संरक्षण दे रही है और उन पर किसी तरह की कार्रवाई नहीं कर रही. छात्रों ने कहा कि दशहरे के दिन जेएनयू कैंपस में लेफ्ट और राइट विंग के छात्रों के बीच झड़प हुई थी, लेकिन पुलिस ने केवल एकतरफा कार्रवाई की.
पुलिस का कहना है कि वह छात्र संगठनों के नेताओं के साथ लगातार संवाद में थी और उन्हें कानूनी प्रक्रिया के तहत कार्रवाई का भरोसा दिया गया था, लेकिन उन्होंने अपनी “घेराव” की घोषणा वापस नहीं ली. इस वजह से उन्हें हिरासत में लेना पड़ा ताकि किसी भी तरह की अप्रिय घटना से बचा जा सके.
फिलहाल, पुलिस ने घटना को लेकर कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है और मामला दर्ज करने की तैयारी चल रही है. विश्वविद्यालय प्रशासन ने भी छात्रों से शांतिपूर्वक आचरण की अपील की है.
—- समाप्त —-