Dhanteras 2025: हर साल कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी तिथि को धनतेरस का त्योहार मनाया जाता है. इस दिन स्वर्ग के कोषाध्यक्ष भगवान कुबेर की पूजा का विधान बताया गया है. कुबेर महाराज की कृपा से हमें धनधान्य की प्राप्ति होती है. इस साल धनतेरस का त्योहार 18 अक्टूबर यानी कल मनाया जाएगा. क्या आपने कभी गौर किया है कि भगवान कुबेर का वाहन कोई पशु-पक्ष नहीं, बल्कि एक नर है. कुछ लोक कथाओं में इसकी वजह भी बताई गई है.
शास्त्रों में कुबेर भगवान को धन, वैभव और ऐश्वर्य का देवता माना गया है. उन्हें यक्षों का राजा भी कहा जाता है. पद्म पुराण और लिंग पुराण के अनुसार, भगवान कुबेर का वाहन नर यानी इंसान है. दरअसल, धन का सबसे वास्तविक उपयोग मनुष्य द्वारा ही किया जा सकता है. मानव जीवन में ही धन का महत्व सर्वाधिक होता है. राक्षस और देवता चाहे कितने भी शक्तिशाली क्यों न हों, लेकिन धन का अधिपत्य और नियंत्रण मानव समाज में ही संभव है.
शास्त्रों के जानकार इसके और भी कई मायने बताते हैं. ऐसा कहते हैं कि पैसा तभी सार्थक है, जब इंसान उसका सही प्रयोग करे. अमीर बनने और अमीर बने रहने की जो सबसे मजबूत कड़ी है, वो है धन का संरक्षण. जब ये कड़ी कमजोर पड़ती है तो अमीर से अमीर इंसान भी कंगाल होकर सड़क पर आ जाता है. भगवान कुबेर इसी धन संरक्षण के प्रतीक माने जाते हैं.
भगवान कुबेर का नर वाहन इस बात का भी संकेत देता है कि अगर धन के पीछे ज्यादा दौड़ो तो वो आपको अपना गुलाम बना सकता है. अगर आपने धन को नियंत्रित नहीं किया तो धन आपको नियंत्रित करने लगता है.
पौराणिक कथा
लोक कथाओं के अनुसार, जब भगवान शिव द्वारा कुबेर को यक्षों का राजा और स्वर्ग का कोषाध्यक्ष बनाया गया, तब सभी देवी-देवताओं को अपने वाहन मिले थे. जब कुबेर के वाहन चुनने की बारी आई तो देवी-देवताओं में विचार हुआ कि धन का सबसे अधिक प्रयोग कहां होता है. तब ब्रह्मा जी ने बताया कि धन का वास्तविक उपयोग पृथ्वी लोक पर रहने वाले मनुष्यों द्वारा ही किया जाता है. इसलिए कुबेर का सबसे उपयुक्त वाहन नर यानी मानव ही होना चाहिए.
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