0

युवा चेहरा, हीरा व्यापारी… कौन हैं हर्ष सांघवी, जिन्हें बीजेपी ने भूपेंद्र सरकार में बनाया डिप्टी सीएम – harsh sanghvi deputy cm gujarat bhupendra patel cabinet expansion bjp youth jain ntcpbt


गुजरात में विधानसभा चुनाव 2027 में होने हैं और चुनावों से दो साल पहले ही सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने सरकार की सर्जरी कर दी है. मुख्यमंत्री भूपेंद्र भाई पटेल की अगुवाई वाली सरकार में बड़ा फेरबदल हुआ है. गांधीनगर के महात्मा मंदिर में हुए शपथग्रहण समारोह में 25 मंत्रियों को शपथ दिलाई गई, जिनमें छह ऐसे चेहरे भी हैं जो पहले से ही मंत्रिमंडल का हिस्सा थे.

साल 2027 के गुजरात चुनाव से पहले महत्वपूर्ण माने जा रहे कैबिनेट के इस फेरबदल में भूपेंद्र सरकार के गृह मंत्री हर्ष सांघवी को इस बार बड़ी जिम्मेदारी दी गई है. हर्ष सांघवी गुजरात के डिप्टी सीएम बनाए गए हैं. 40 साल के हर्ष सांघवी जैन समुदाय से आते हैं, जो व्यावसायी वर्ग माना जाता है.

गुजरात की भूपेंद्र पटेल कैबिनेट में बड़े स्तर पर हुए इस फेरबदल के पीछे बीजेपी की रणनीति व्यापारी वर्ग के बीच अपनी सियासी जमीन और मजबूत करने की भी हो सकती है.

हर्ष सांघवी कौन हैं?

सूरत के एक हीरा व्यापारी के घर 8 जनवरी 1985 को जन्में हर्ष सांघवी 15 साल की कम उम्र में ही राजनीतिक रूप से सक्रिय हो गए थे. हर्ष 15 साल की उम्र में बीजेपी की यूथ विंग भारतीय जनता युवा मोर्चा से जुड़ गए और संगठन में कई अहम पदों पर रहे. संगठन में मेहनत रंग लाई और 2010 में वह बीजेवाईएम के प्रदेश महामंत्री बनाए गए. तब अध्यक्ष प्रदीप सिंह वाघेला थे.

प्रदीप सिंह वाघेला की अगुवाई में बीजेवाईएम गुजरात ने साल 2011 में श्रीनगर के लाल चौक पर तिरंगा फहराने का ऐलान किया था. लाल चौक पर तिरंगा फहराने गए बीजेवाईएम गुजरात के नेताओं के दल में तत्कालीन प्रदेश महामंत्री हर्ष सांघवी भी थे. हालांकि, तब सरकार ने इस कार्यक्रम के लिए अनुमति नहीं दी थी और बीजेवाईएम कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज भी हुआ था.

हर्ष सांघवी ने सियासत में तेजी से अपनी पहचान बनाई और साल 2020 में जब बीजेवाईएम के नए अध्यक्ष का चुनाव होना था, तब भी उनका नाम इस पद के लिए रेस में आगे माना जा रहा था. हालांकि, बाद में वह बीजेवाईएम अध्यक्ष की रेस में तेजस्वी सूर्या से पिछड़ गए थे.

सबसे कम उम्र के गृह मंत्री

हर्ष सांघवी साल 2012 में पहली बार विधानसभा सदस्य निर्वाचित हुए थे. तब उनकी उम्र 27 साल थी. हर्ष गुजरात के सबसे कम उम्र के गृह मंत्री भी हैं. अब भूपेंद्र पटेल कैबिनेट में उन्हें डिप्टी सीएम की जिम्मेदारी सौंपी गई है. ऐसे में सवाल ये भी उठ रहे हैं कि हर्ष को गुजरात चुनाव से दो साल पहले डिप्टी सीएम क्यों बनाया गया? इसे चार पॉइंट में समझा जा सकता है.

1- युवा चेहरा, भविष्य पर नजर

भारत दुनिया में सर्वाधिक युवा आबादी वाला देश है और हर दल का फोकस युवाओं पर है. हर्ष सांघवी बीजेपी का यूथ फेस हैं और अब पार्टी ने उन्हें गुजरात की भूपेंद्र पटेल सरकार में नंबर दो का ओहदा दे दिया है, तो इसके पीछे युवाओं को संदेश देने की रणनीति भी वजह बताई जा रही है.

यह भी पढ़ें: गुजरात में भूपेंद्र कैबिनेट का नया स्वरूप, हर्ष सांघवी बने डिप्टी CM, 19 नए मंत्रियों ने ली शपथ

बीजेपी ने सत्ता का चेहरा नहीं बदला, लेकिन हर्ष को नंबर दो बनाकर भविष्य की लीडरशिप का संदेश जरूर दे दिया. गुजरात सरकार में गृह के साथ ही युवा मामले और खेल विभाग हर्ष सांघवी के ही पास थे, जो युवाओं से कनेक्ट करने वाले विभाग हैं.

2- अल्पसंख्यक समुदाय को संदेश

हर्ष सांघवी जैन समुदाय से आते हैं, जो अल्पसंख्यक वर्ग के तहत आता है. पूर्व मुख्यमंत्री विजय रुपाणी भी जैन समुदाय से ही आते थे, जिनका अहमदाबाद प्लेन क्रैश में निधन हो गया था. हर्ष सांघवी की गुजरात सरकार में नंबर दो पर ताजपोशी को नए जैन नेतृत्व, अल्पसंख्यक नेतृत्व के उभार के रूप में भी देखा जा रहा है.

3- व्यापारी वर्ग को साधने की रणनीति

हर्ष सांघवी जिस जैन समुदाय से आते हैं, वह व्यावसायी वर्ग माना जाता है. वह खुद भी हीरा कारोबारी हैं. हर्ष सांघवी की गिरनार कॉर्पोरेशन के नाम से हीरा फैक्ट्री है.गुजरात में कारोबारी वर्ग बहुत प्रभावी माना जाता है. पाटीदार समाज से आने वाले भूपेंद्र पटेल का नायब हर्ष को बनाकर बीजेपी ने व्यापारी वर्ग को यह संदेश दिया है कि उनकी अहमियत सरकार में कम नहीं हुई है.

यह भी पढ़ें: कौन हैं र‍िवाबा जडेजा, ज‍िन्हें गुजरात कैब‍िनेट में म‍िली जगह… करोड़ों की है संपत्त‍ि, इंजीन‍ियर‍िंग में है ड‍िग्री होल्डर

4- हिंदुत्व का मुखर चेहरा

हर्ष सांघवी हिंदुत्व और लव जिहाद को लेकर मुखर रहे हैं. उनकी गिनती प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के करीबियों में भी होती है. गौरतलब है कि गुजरात विधानसभा के पिछले चुनाव में बीजेपी ने प्रचंड जीत के साथ सत्ता में वापसी की थी. तब भी चुनाव से पहले पार्टी ने सीएम से सरकार तक, पूरी तस्वीर बदल दी थी. बता दें कि गुजरात में नई सरकार चुनने के लिए मतदान 2027 में होने हैं.

—- समाप्त —-