अमेरिकी सिंगर मैरी मिलबेन ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का खुलकर समर्थन किया और लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी पर तंज कसा है. सिंगर मैरी मिलबेन ने कहा कि भारत के प्रधानमंत्री ना तो ट्रंप से डरते हैं और ना ही किसी विदेशी दबाव में झुकते हैं.
दरअसल, राहुल गांधी ने हाल ही में आरोप लगाया था कि पीएम मोदी ‘डोनाल्ड ट्रंप से डरते हैं’ और अमेरिका के दबाव में रूस से तेल खरीदना बंद करने की बात मान ली. इस पर मैरी मिलबेन ने कहा कि मोदी डरते नहीं, बल्कि रणनीतिक तरीके से भारत के हित में फैसले लेते हैं.
मैरी मिलबेन पहले भी मोदी के समर्थन में खुलकर बोल चुकी हैं. उन्होंने आज सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर राहुल गांधी को टैग करते हुए लिखा, आप गलत हैं, राहुल गांधी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राष्ट्रपति ट्रंप से नहीं डरते. मोदी जी लंबी रणनीति के साथ सोचते हैं. अमेरिका के साथ उनकी डिप्लोमेसी रणनीतिक है. जैसे अमेरिकी राष्ट्रपति हमेशा अपने देश के हित को प्राथमिकता देते हैं, वैसे ही मोदी भी भारत के हित को सर्वोपरि रखते हैं और यही एक सच्चे नेता की पहचान है.
उन्होंने आगे राहुल गांधी पर तंज कसते हुए लिखा, आप शायद इस तरह के नेतृत्व को समझ नहीं पाएंगे क्योंकि आपके पास वह योग्यता नहीं है जो किसी प्रधानमंत्री में होनी चाहिए. बेहतर होगा आप अपने ‘I Hate India टूर’ पर लौट जाएं. जिसका दर्शक भी सिर्फ एक है और वो हैं आप खुद.
राहुल गांधी ने क्या आरोप लगाया था?
राहुल गांधी ने एक्स पोस्ट में दावा किया था कि पीएम मोदी बार-बार अमेरिका को भारत की नीतियों पर हावी होने देते हैं. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने ना सिर्फ रूस से तेल खरीद बंद करने पर सहमति जताई, बल्कि ट्रंप को गाजा समझौते पर बधाई भी दी. जबकि अमेरिकी राष्ट्रपति भारत के प्रति असम्मानजनक रवैया दिखा चुके हैं. राहुल ने यह भी कहा कि मोदी सरकार ने वित्त मंत्री का अमेरिका दौरा रद्द कर दिया और ट्रंप के झूठे दावे पर कभी विरोध भी नहीं किया.
ट्रंप ने किया विवादित दावा…
दरअसल, इस विवाद की शुरुआत डोनाल्ड ट्रंप के एक बयान से हुई. उन्होंने व्हाइट हाउस की ब्रीफिंग में कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने उनसे वादा किया है कि भारत रूस से तेल खरीदना बंद कर देगा. यह एक बड़ा कदम है. उन्होंने कहा कि यह तुरंत नहीं हो सकता, लेकिन प्रक्रिया चल रही है और जल्द पूरी होगी. ट्रंप ने यह भी कहा कि उन्हें भारत के रूस से तेल खरीदने पर खुशी नहीं थी. क्योंकि इससे पुतिन के युद्ध को फंडिंग मिलती है.
भारत ने दिया जवाब- कोई बात नहीं हुई…
भारत के विदेश मंत्रालय (MEA) ने ट्रंप के दावे को सिरे से खारिज कर दिया. मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि ऐसी कोई टेलीफोनिक बातचीत नहीं हुई है. भारत की प्राथमिकता हमेशा अपने नागरिकों के हितों की रक्षा करना रही है. हमारे ऊर्जा आयात के फैसले पूरी तरह इसी सिद्धांत पर आधारित होते हैं. उन्होंने आगे कहा कि भारत लगातार अमेरिका के साथ ऊर्जा सहयोग को गहरा करने की दिशा में काम कर रहा है, लेकिन इसका रूस से संबंधों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता.
रूस ने किया समर्थन
इसी बीच, रूस ने भी पीएम मोदी और भारत के फैसलों का समर्थन किया. भारत में रूसी राजदूत डेनिस अलीपोव ने कहा, भारत की ऊर्जा नीति उसके राष्ट्रीय हितों के अनुरूप है. हमारी ऊर्जा साझेदारी भी इन्हीं हितों से मेल खाती है. जब उनसे पूछा गया कि क्या भारत आगे भी रूस से तेल खरीदेगा तो उन्होंने कहा कि यह भारत सरकार का फैसला होगा और भारत सरकार अपने राष्ट्रीय हित को ध्यान में रखकर ही कोई भी कदम उठाएगी.
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