बीते दिनों बॉलीवुड एक्टर अक्षय कुमार का एक डीपफेक वीडियो वायरल हुआ था. जिसमें वो महर्षि वाल्मीकि के रोल में दिखाई दिए. इस वीडियो के वायरल होने के बाद एक्टर न सिर्फ नाराज हुए बल्कि उन्होंने अपने व्यक्तित्व अधिकारों की सुरक्षा की मांग करते हुए अदालत का दरवाजा खटखटाया था. अब बॉम्बे हाईकोर्ट ने एक्टर के पक्ष में फैसला सुनाया है.
बॉम्बे हाईकोर्ट ने एक्टर अक्षय कुमार के एआई-जनरेटेड डीपफेक वीडियो और मॉर्फ्ड तस्वीरों के प्रसार पर कड़ी आपत्ति जताई है. साथ ही कोर्ट ने कहा कि इस तरह का ‘कंटेंट’ न केवल उनके प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाती है, बल्कि इसके गंभीर परिणाम भी होते हैं’.
बॉम्बे हाईकोर्ट ने क्या कहा?
जस्टिस आरिफ डॉक्टर ने अक्षय कुमार को एकतरफा अंतरिम राहत देते हुए कहा कि ऐसी सामग्री न केवल प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाती है, बल्कि सार्वजनिक सुरक्षा और व्यवस्था के लिए भी संभावित खतरा है. जस्टिस ने कहा, ‘मॉर्फिंग इतनी जटिल और भ्रामक है कि यह पहचानना लगभग असंभव है कि ये अक्षय कुमार की असली तस्वीरें/वीडियो नहीं हैं.’
कोर्ट ने कहा, ‘अक्षय कुमार के व्यक्तित्व और नैतिक अधिकारों का उल्लंघन और उन पर असर डालने के अलावा ऐसे वीडियो उनके परिवार के सदस्यों की सुरक्षा और कल्याण के लिए भी गंभीर खतरा पैदा करते हैं और समाज तथा सार्वजनिक व्यवस्था पर प्रतिकूल और व्यापक प्रभाव डाल सकते हैं. जो स्पष्ट रूप से ऐसी सामग्री बनाने वालों का एजेंडा प्रतीत होता है.’
जस्टिस डॉक्टर ने कहा कि मामले की गंभीरता को देखते हुए अक्षय कुमार को नोटिस जारी करने से पहले उन्हें राहत देना उचित है. आदेश में कहा गया, ‘ऐसी सामग्री को न केवल एक्टर के हित में, बल्कि व्यापक जनहित में भी सार्वजनिक डोमेन से तुरंत हटा दिया जाना चाहिए.’
अक्षय कुमार ने क्या कहा था?
जब अक्षय कुमार का ये डीपफेक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ तो उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया था. जिसमें उन्होंने लिखा था, ‘मेरे पास एक वीडियो आया, जिसे AI से बनाया गया है. इस वीडियो में मैं महर्षि वाल्मिकी के किरदार में दिखाया गया है. मैं ये साफ करना चाहता हूं कि ये वीडियो फेक है और AI की मदद से बनाया गया है. खराब बात ये है कि कुछ मीडिया चैनल्स ने इस उठाकर न्यूज बना दी. मैं सभी मीडिया हाउसेस से ये रिक्वेस्ट करता हूं कि वो ऐसी खबरें छापने से पहले उनकी सत्यता की जांच जरूर किया करें.’
—- समाप्त —-