पंचायत आजतक के मंच पर गृह मंत्री अमित शाह ने घुसपैठियों के मुद्दे पर बड़ा बयान दिया. उन्होंने साफ कहा कि एनडीए सरकार देश की मतदाता सूची से फर्जी विदेशी नागरिकों को हटाने के मिशन पर काम कर रही है. शाह ने कहा कि 2003 के बाद बड़ी संख्या में विदेशी नागरिकों ने फर्जी तरीके से देश की वोटर लिस्ट में नाम जुड़वा लिए हैं. मैं देश की जनता से पूछना चाहता हूं, क्या बांग्लादेश या किसी दूसरे देश से आए लोग हमारे देश के चुनावी प्रक्रिया में हिस्सा लें, क्या यह सही है?
केंद्रीय गृहमंत्री ने आगे कहा कि संविधान के मुताबिक, केवल भारतीय नागरिक और 18 साल से ऊपर के लोग ही वोट डाल सकते हैं. लेकिन विपक्ष इस शुद्धिकरण अभियान का विरोध कर रहा है, क्योंकि सीमांचल जैसे इलाकों में बड़ी संख्या में घुसपैठिए वोटर बन चुके हैं. उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग जब मतदाता सूची का शुद्धिकरण करता है तो उनकी वोट बैंक पॉलिटिक्स डिस्टर्ब होती है. चुनाव हारने के डर से ये लोग वोट चोरी की राजनीति कर रहे हैं.
अमित शाह ने साफ किया कि घुसपैठियों का कोई धर्म नहीं होता. उन्होंने कहा कि जो भी इस देश का नागरिक नहीं है, चाहे वह हिंदू हो या मुसलमान, उसे मतदाता सूची से हटाया जाएगा. पहचान के बाद उन्हें लिस्ट से डिलीट किया जाएगा और डिपोर्ट किया जाएगा. यही हमारा पार्टी एजेंडा है.
विपक्ष के आरोपों पर शाह ने पलटवार करते हुए कहा कि घुसपैठ” का मुद्दा हिंदू-मुस्लिम नहीं बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा और लोकतंत्र की पवित्रता का सवाल है. जो लोग धर्म के नाम पर घुसपैठ को जायज़ ठहराते हैं, वे लोकतंत्र के सबसे बड़े अपराधी हैं. शाह ने यह भी बताया कि बिहार और बंगाल जैसे सीमावर्ती इलाकों में इस अभियान को सख्ती से लागू किया जाएगा, ताकि भविष्य में कोई फर्जी नागरिक देश की वोटर लिस्ट का हिस्सा न बन सके.
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